नई दिल्ली: शिकागो में क्रूरतापूर्वक हमला किए गए एक भारतीय छात्र की पत्नी ने विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले भारतीयों को ज्यादा सुरक्षा दिए जाने का आह्वान किया है. उनके पति पर हमले के दौरान पांच भारतीय मूल के छात्रों की महीने भर बाद मौत के बाद
इंडियाना वेस्लेयन विश्वविद्यालय से सूचना और प्रौद्योगिकी (आईटी) में स्नातकोत्तर कर रहे हैदराबाद के 35 वर्षीय सैयद मजाहिर अली को मंगलवार रात उनके दरवाजे पर चार अज्ञात हमलावरों ने लूट लिया. वह खाना लाने के लिए बाहर गए थे.
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद शिकागो में भारतीय वाणिज्यिक दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा कि वह छात्र के संपर्क में हैं और हर संभव सहायता प्रदान किया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि वे मामले की जांच कर रहे स्थानीय अधिकारियों के भी संपर्क में हैं.
.@DrSJaishankar Sir, One Syed Mazahir Ali from Hyderabad, Telangana pursuing Masters in IT from Indiana Weslay University was robbed & attacked on 4th Feb by four persons in Chicago, Since this attack Syed Mazahir Ali is under mental shock and is in need of help.Ask… pic.twitter.com/Cf2jeMAvPw
— Amjed Ullah Khan MBT (@amjedmbt) February 6, 2024
अली की पत्नी सैयदा रुकिया फातिमा रिज़वी ने दिप्रिंट को बताया कि उनके पति छह महीने पहले हायर एजुकेशन के लिए अमेरिका गए थे. उन्होंने कहा, “उन्हें अमेरिका के गन क्राइम के बारे में जानकारी थी लेकिन यह अप्रत्याशित था. लोगों ने उसे बंदूक की नोक पर पकड़ लिया. भारतीय छात्रों को विदेश में बेहतर सुरक्षा, चिकित्सा सहायता और कानूनी उपायों की जरूरत है क्योंकि ऐसे हमले आम होते जा रहे हैं.”
हैदराबाद में रहने वाली 27 वर्षीय रज़वी ने भी मंगलवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर अपने जीवनसाथी की सुरक्षा के बारे में चिंता व्यक्त की. उन्होंने लिखा, “मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि कृपया उन्हें सर्वोत्तम चिकित्सा उपचार दिलाने में मदद करें.”
इस मामले को मजलिस बचाओ तहरीक (एमबीटी) के प्रवक्ता और पूर्व पार्षद अमजद उल्लाह खान ने भी सोशल मीडिया पर उजागर किया था.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दिप्रिंट को बताया कि दो छात्रों की मौत में किसी भी तरह की गड़बड़ी का संदेह नहीं है, जो अमेरिकी नागरिक थे. उन्होंने कहा कि इन मामलों में मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.
जायसवाल ने कहा कि तीसरा छात्र विवेक सैनी एक भारतीय नागरिक था और उसके हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है. 16 जनवरी को जॉर्जिया में एक बेघर व्यक्ति ने सैनी पर कथित तौर पर हमला किया और उनकी हत्या कर दी.
अटलांटा में भारतीय मिशन ने इसे “भयानक, क्रूर और जघन्य घटना” करार दिया और कहा कि अमेरिकी अधिकारियों ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच कर रहे हैं.
We are deeply anguished by the terrifying, brutal, & heinous incident that led to the death of 🇮🇳 National/student Mr Vivek Saini & condemns attack in the strongest terms. It is understood that the US authorities have arrested the accused & are investigating the case. 1/2
— India in Atlanta (@CGI_Atlanta) January 29, 2024
भारतीय मूल के छात्रों की मौत
पिछले हफ्ते, भारतीय-अमेरिकी छात्र श्रेयस रेड्डी बेनिगेरी ओहियो के सिनसिनाटी में मृत पाए गए थे. न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अनुसार, किसी भी तरह की गड़बड़ी का संदेह नहीं था. छात्र सिनसिनाटी विश्वविद्यालय के लिंडनर स्कूल ऑफ बिजनेस से बिजनेस स्टैटिस्टिक्स में स्नातक की डिग्री हासिल कर रहा था.
घटना से कुछ दिन पहले, एक अन्य भारतीय-अमेरिकी छात्र, नील आचार्य को इंडियाना के पर्ड्यू विश्वविद्यालय में मृत पाया गया था. विश्वविद्यालय के छात्र समाचार पत्र, द पर्ड्यू एक्सपोनेंट ने उनकी मृत्यु पर दुख व्यक्त किया, यह देखते हुए कि आचार्य एक “उत्साही व्यक्ति और शैक्षणिक रूप से प्रतिभाशाली” छात्र थे.
आचार्य, जॉन मार्टिंसन ऑनर्स कॉलेज में डबल मेजर की पढ़ाई कर रहे थे. उनके शरीर पर कोई चोट का कोई निशान नहीं था और इस बात की जांच की जा रही है कि उनकी मौत किन परिस्थितियों में हुई.
एक अन्य भारतीय-अमेरिकी छात्र, 18 वर्षीय अकुल बी. धवन को पिछले महीने इलिनॉय विश्वविद्यालय अर्बाना-शैंपेन में हाइपोथर्मिया के लक्षणों के साथ मृत पाया गया था.
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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