हैदराबाद: मिलिए सिरिशा बांदला से जो 11 जुलाई को कल्पना चावला के बाद अंतरिक्ष में दाख़िल होने वाली भारत में जन्मी दूसरी महिला बन जाएंगी. ऐसा करने वाले वाली वो चौथी भारतीय होंगी. बांदला उन पांच लोगों में होंगी जो वर्जिन गैलेक्टिक के अरबपति संस्थापक रिचर्ड ब्रैंसन के साथ कंपनी की उड़ान में अंतरिक्ष का सफर करेंगी.
चौंतीस वर्षीय बांदला यूनिटी22 (वीएसएस यूनिटी अंतरिक्षयान) की टेस्ट फ्लाइट पर अंतरिक्ष यात्री 004 हैं.
आंध्र प्रदेश के लोगों के लिए, जिसे उनका परिवार अपना घर कहता है, ये एक गर्व की बात है. बांदला फिलहाल वर्जिन गैलेक्टिक में गवर्नमेंट अफेयर्स एंड रिसर्च ऑपरेशंस की वाइस-प्रेसिडेंट हैं. इंडियाना की पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के एरोनॉटिक्स एंड एस्ट्रोनॉटिक्स स्कूल से इंजीनियरिंग में स्नातक, सिरिशा के अंदर बचपन से ही एक अंतरिक्ष यात्री बनने की आकांक्षा थी.
पिछले साल मैथ्यू इसाकोविट्ज़ फेलोशिप प्रोग्राम (एमआईएफपी) द्वारा आयोजित एक आयोजन में बातचीत करते हुए बांदला ने प्रतिनिधित्व की अहमियत पर बल दिया और कहा कि युवाओं को ‘व्यवसायिक अंतरिक्ष उद्योग’ में हिस्सा लेना चाहिए.
एमआईएफपी फेलोशिप व्यवसायिक अंतरिक्ष उद्योग में छात्रों के लिए इंटर्नशिप प्रोग्राम है. बांदला ने इस पर रोशनी डाली कि ऐसे कार्यक्रम विशेषरूप से महिलाओं और ‘अश्वेत लोगों’ के लिए मददगार साबित हो सकते हैं, जो इस उद्योग का हिस्सा बनना चाहते हैं.
‘इस उद्योग में ऐसे छात्र बहुत कम मिलते हैं, जो मेरे जैसे दिखते हैं’
सितंबर 2020 सेशन में उन्होंने मेज़बान शायना ह्यूम से कहा, ‘आप सब लोग ऐसे छात्रों के राजदूत हैं जो इस उद्योग का हिस्सा बनना चाहते हैं, लेकिन जिन्हें इसके बारे कुछ जानकारी नहीं है. मुझे अभी तक इस उद्योग में ऐसे छात्र बहुत कम मिलते हैं, जो मेरे जैसे दिखते हैं’.
बांदला के पास जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी से बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स डिग्री भी है. अंतरिक्ष के प्रति जुनून ने उन्हें एक दशक से भी कम में, को-ऑप या इंटर्न से वॉशिंगटन डीसी स्थित कमर्शियल स्पेसफ्लाइट फेडरेशन (सीएसेफ) की एसोसिएट डायरेक्टर, और वर्जिन गैलेक्टिक में उनकी मौजूदा हैसियत तक पहुंचा दिया.
प्रवासियों की बच्ची
आंध्र प्रदेश के गुंटूर में उनके दादा-दादी ख़ुशी से फूले नहीं समा रहे हैं. वो पुष्टि करते हैं कि ‘वो हमेशा से बहुत फोकस्ड और सहसी थी’. प्रवासी माता-पिता की संतान बांदला तब अमेरिका चली गईं थीं, जब वो सिर्फ चार साल की थीं. वो टेक्सस में पलकर बड़ी हुईं.
आंध्र प्रदेश सरकार के सलाहकार राजीव कृष्णा और पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने ट्विटर पर बांदला को उनकी कामयाबी के लिए बधाई दी.
उनके दादा रागैया बांदला ने कहा, ‘वो बचपन से ही बहुत महत्वाकांक्षी थी. परिवार ने हमेशा उसका उत्साह बढ़ाया और उसे कभी मजबूर नहीं किया कि किसी काम को किसी ख़ास तरह से करना है. वो हमेशा अपने फैसले लेने के लिए आज़ाद थी’. रागैया एक सरकारी कृषि विश्वविद्यालय से प्रमुख वैज्ञानिक के तौर पर रिटायर हुए हैं.
व्यवसायिक स्पेस में उनका दाख़िला कोई सुनियोजित नहीं था. उन्होंने बस मौक़ों का फायदा उठाया. पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के उनके एक प्रोफेसर ने उन्हें सीएसएफ में एक अवसर के बारे में बताया. बांदला ने अपने सेशन में कहा कि सीएसएफ हिस्सा बनने के बाद ही, उन्हें अपने अंदर पॉलिसी की दुनिया और व्यवसायिक स्पेस उद्योग के प्रति जुनून विकसित हुआ.
बांदला ने कहा कि उनकी कमज़ोर निगाह अंतरिक्ष यात्री बनने की उनकी योजना में एक बाधा थी. जब तक वो हाईस्कूल में पहुंचीं, उनकी समझ में आ गया कि अपनी आंख की समस्या के चलते, वो कभी नासा अंतरिक्ष यात्री नहीं बन सकतीं.
उड़ान को लेकर उत्साहित
शुक्रवार को घोषणा के बाद ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं बेहद सम्मानित महसूस कर रही हूं कि मैं #यूनिटी22 के ज़बर्दस्त क्रू का हिस्सा बनी हूं, और एक ऐसी कंपनी का हिस्सा हूं, जिसका मिशन स्पेस को सभी की पहुंच में लाना है’.
I am so incredibly honored to be a part of the amazing crew of #Unity22, and to be a part of a company whose mission is to make space available to all. https://t.co/sPrYy1styc
— Sirisha Bandla (@SirishaBandla) July 2, 2021
बृहस्पतिवार को वर्जिन गैलेक्टिक के रिचर्ड ब्रैंसन ने कहा, कि कंपनी की रॉकेट से चलने वाली अगली परीक्षण उड़ान उनके समेत छह लोगों को लेकर जाएगी. मई में एक कामयाब परीक्षण उड़ान के बाद, जून अंत में कंपनी को फेडरल सरकार की ओर से न्यू मेक्सिको से ग्राहकों को अंतरिक्ष में भेजने की अनुमति मिल गई.
ताज़ा टेस्ट फ्लाइट, जो पहली बार अपने कर्मचारियों का पूरा क्रू लेकर जाएगी, 11 जून को न्यू मेक्सिको से रवाना होगी. कंपनी की ओर से अंतरिक्ष में जाने वाला ये केवल चौथा चक्कर होगा.
इस ख़बर के आने से कुछ घंटे पहले ही एक और अरबपति और अमेज़ॉन संस्थापक जेफ बेज़ोस की ब्लू ओरिजिन ने कहा कि बेज़ोस के साथ 20 जुलाई को एयरोस्पेस की एक अग्रणी महिला जाएंगी, जिन्होंने रॉकेट में जाने के लिए 60 साल तक इंतज़ार किया है.
वर्जिन गैलेक्टिक, ब्लू ओरिजिन, और एलन मस्क की स्पेसएक्स जैसी निजी कंपनियों में, पैसा देकर ग्राहकों को अंतरिक्ष में ले जाने की होड़ लगी है.
एमआईएफपी के साथ एक पिछली बातचीत में सिरिशा ने कहा था, ‘व्यवसायिक अंतरिक्ष उद्योग को बड़े व्यवसाइयों, वित्त, और वकीलों की ज़रूरत है. ये कोई जाना-माना क्षेत्र नहीं है. मुझे लगता है कि जब लोग व्यवसायिक अंतरिक्ष के बारे में सोचते हैं, तो उनके दिमाग़ में सिर्फ स्पेसएक्स का विचार आता है’. सिरिशा ने आगे कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से युवाओं को, उद्योग में दूसरी कंपनियों के बारे जानने में सहायता मिलेगी.
बृहस्पतिवार को कंपनी ने कहा कि वर्जिन गैलेक्टिक पहली बार अंतरिक्ष उड़ान की ग्लोबल लाइवस्ट्रीम साझा करेगी.
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