काठमांडू (नेपाल) : नेपाल सरकार के अप्रवासन विभाग ने पंजाब के कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल को प्रतबंधित करने को लेकर अपने अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है, खासकर एयरपोर्ट्स पर. उसके अपने पासपोर्ट या फर्जी पासपोर्ट के जरिए नेपाल के रास्ते किसी तीसरे देश में भागने की संभावना है, हिमालयन टाइम्स ने यह जानकारी दी है.
डीजी झलकराम अधिकारी ने द हिमालयन टाइम्स को बताया कि भारतीय दूतावास ने उनके कार्यालय को पत्र लिखकर खालिस्तान अलगाववादी अमृतपाल सिंह को किसी तीसरे देश में भागने से रोकने में उनके ऑफिस की मदद मांगी थी.
पंजाब सरकार ने अलगाववादी अमृतपाल के खिलाफ बड़े स्तर पर अभियान छेड़ रखा है, जो 18 मार्च से छिपने की कोशिश कर रहा है. भारतीय दूतावास ने इस पंजाबी भगोड़ी की तस्वीरें और उसके बारे में बाकी डिटेल्स उपलब्ध कराए हैं, दूतावास ने नेपाली अथॉरिटीज को अमृतपाल सिंह के अपने या फर्जी पासपोर्ट के जरिए किसी तीसरे देश में भागने को लेकर भी चेताया है.
अधिकारी ने कहा कि नेपाल से विदेश जाने वाले सभी यात्रियों की हवाई अड्डे पर जांच की जाएगी ताकि अप्रवासन विभाग की निगरानी में अमृतपाल भाग न सके.
काठमांडू में भारतीय दूतावास ने रविवार को अप्रवासन विभाग को एक पत्र भेजा, उनसे यह आग्रह करते हुए कि कट्टर खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह को किसी तीसरे देश की यात्रा न करने दिया जाए.
नेपाल के अप्रावसन विभाग के निदेशक झलकराम अधिकारी ने कहा, ‘काठमांडू में भारतीय दूतावास के मुताबिक, हमने उसे निगरानी लिस्ट में शामिल किया है.’
उन्होंने कहा, ‘सबसे पहले दूतावास ने नेपाल सरकार के विभाग को उसकी तस्वीरें साझा करते हुए उसे वॉच लिस्ट में शामिल करने का आग्रह किया है.’
अधिकारी ने कहा, ‘उन्होंने हमें चेताया कि वह फर्जी पासपोर्ट के जरिए नेपाल में प्रवेश कर सकता है और वहां से बाहर जाने की कोशिश कर सकता है. वह हो सकता है के नेपाल में ही कही छिपा हो. किसी को अमृतपाल के बारे में पता नहीं है. लेकिन आग्रह के मुताबिक हमने सभी संबद्ध विभागों और अथॉरिटीज को सूचित कर दिया है.’
इस पत्र के बारे में पूछे जाने पर भारतीय दूतावास ने कोई जवाब नहीं दिया.
25 मार्च को पंजाब पुलिस ने लोगों से अपील की कि कट्टर उपदेशक और खालिस्तानी नेता अमृतपाल की गिरफ्तारी को लेकर सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही किसी अफवाह और फर्जी खबरों में न पड़ें.
प्रेस से शनिवार को बात करते हुए बठिंडा एसएसपी गुलनीत खुराना ने कहा, ‘हम लोगों से गुजारिश करते हैं कि सोशल मीडिया पर बड़े स्तर पर फैलाई जा रही अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी को लेकर खबरों के बारे में कोई यकीन न करें.’
18 मार्च को, पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों के खिलाफ अभियान चलाया. 23 फरवरी को अमृतसर के अजनाला थाने के बाहर अमृतपाल के समर्थकों और वर्दीधारी कर्मियों के बीच संघर्ष के लगभग तीन सप्ताह बाद यह कार्रवाई की गई है, वे अपने एक करीबी लवप्रीत तूफान की रिहाई की मांग कर रहे थे.
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