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Sunday, 30 June, 2024
होमविदेशश्रीलंका में ‘5 लाख रुपये बांटने’ के आरोप में ‘पकड़ा’ गया भारतीय कारोबारी ‘फिर ऐसा करने को तैयार’

श्रीलंका में ‘5 लाख रुपये बांटने’ के आरोप में ‘पकड़ा’ गया भारतीय कारोबारी ‘फिर ऐसा करने को तैयार’

तेलंगाना के मूल निवासी रविंदर रेड्डी का कहना है कि उन्हें पूछताछ के लिए ले जाया गया था लेकिन कोई दुर्व्यवहार नहीं किया गया और साथ ही दावा किया कि भारतीय उच्चायोग के ‘दखल’ के बाद स्वदेश लौटने की अनुमति दे दी गई थी.

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नई दिल्ली: कोलंबो में अप्रैल में कथित तौर पर स्थानीय लोगों को नकदी और खाद्य पदार्थ वितरित करने पर श्रीलंका पुलिस की तरफ से पकड़े जाने के करीब एक महीने बाद तेलंगाना के निजामाबाद का रहने वाला एक कारोबारी, जिसने अपना नाम रविंदर रेड्डी बताया है, अपना अनुभव सार्वजनिक किया है.

रेड्डी का दावा है कि श्रीलंका पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) द्वारा पूछताछ के लिए ले जाने के कुछ ही घंटों के भीतर उन्हें वहां स्थित भारतीय उच्चायोग के हस्तक्षेप के बाद छोड़ दिया गया था.

रेड्डी ने दिप्रिंट को बताया, ‘मैं हर महीने श्रीलंका जाता हूं. पिछले चार-पांच महीनों से नियमित तौर पर वहां जा रहा हूं. और 9 से 21 दिनों तक वहां रहता हूं. मैंने दो से तीन दिनों तक गॉल फेस (कोलंबो में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनके प्रशासन के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन) में भी हिस्सा लिया और भोजन और पैसा बांटा.’

रेड्डी के मुताबिक, वह आर्थिक संकट में घिरे श्रीलंका के लोगों की मदद के लिए धन और भोजन वितरित करते रहे हैं, क्योंकि यह देश ईंधन, भोजन और दवाओं जैसी आवश्यक वस्तुओं की कमी और मुद्रास्फीति जैसी समस्याओं से जूझ रहा है.

कारोबारी ने दावा किया कि उसने इस यात्रा के दौरान— जब पुलिस ने उसे पकड़ा— श्रीलंका के 500 और 1,000 के नोटों के रूप में भारतीय मुद्रा के हिसाब से करीब 5 लाख रुपये बांटे थे.

रेड्डी ने दिप्रिंट के साथ एक वीडियो भी साझा किया जिसमें वह अपने आसपास जमा श्रीलंकाई लोगों को नकदी देते नज़र आ रहे हैं. रेड्डी के मुताबिक, वीडियो श्रीलंकाई सीआईडी अधिकारियों ने बनाया था, जिसे उन्हें उनके बेटे के साथ साझा किया गया था.

रेड्डी ने दावा किया, ‘सीआईडी के लोगों ने मेरी तस्वीर खींची, (फिर) उन्होंने मुझे पकड़ लिया.’

श्रीलंकाई पुलिस के मीडिया प्रवक्ता एस.एस.पी. थलडुवा ने दिप्रिंट को बताया, ‘उन्हें (रेड्डी को) गिरफ्तार नहीं किया गया था. केवल उनका बयान दर्ज किया गया और फिर छोड़ दिया गया.’

दिप्रिंट ने इस मामले पर टिप्पणी के लिए ई-मेल के माध्यम से कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग से संपर्क साधा लेकिन यह रिपोर्ट प्रकाशित किए जाने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. जवाब आने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.


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फिर जाने की उम्मीद

रेड्डी ने रविवार को दिप्रिंट से बातचीत में कहा, ‘भारतीय दूतावास का एक अधिकारी मेरे बचाव के लिए आया और मुझे वापस भेज दिया गया.’

कारोबारी ने दावा किया कि श्रीलंकाई सीआईडी ने उनसे पूछा था कि वह इस देश में क्यों आए हैं और पैसे क्यों बांट रहे हैं. यह कहते हुए कि उन्हें ज्यादा समय तक रोके नहीं रखा गया, रेड्डी ने यह भी स्पष्ट किया कि श्रीलंकाई सीआईडी अधिकारियों ने उनके साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया था.

रेड्डी के मुताबिक, भारतीय उच्चायोग के अधिकारी लगभग पांच से छह घंटे तक सीआईडी कार्यालय में उनके साथ ही रहे और उन्होंने ही उनके ‘बेटे से फ्लाइट की टिकट बुक कराने और (उन्हें) मद्रास (चेन्नई) वापस बुलाने के लिए संपर्क साधा.’

कोलंबो स्थित आधिकारिक सूत्रों ने पुष्टि की कि रेड्डी को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया था. सूत्रों ने कहा कि उन्हें श्रीलंका में पर्यटक वीजा पर रहते हुए कोलंबो में प्रदर्शनकारियों को अपना समर्थन देने के लिए पकड़ा गया था.

देश केवल ‘वास्तव में पर्यटकों के लिए पर्यटक वीजा जारी करता है जो दर्शनीय स्थलों की यात्रा, भ्रमण, विश्राम अथवा रिश्तेदारों से मिलने या थोड़े समय के लिए योग प्रशिक्षण आदि में हिस्सा लेने के लिए श्रीलंका आना चाहते हैं’ और इसके तहत ‘सामाजिक कार्य, दान या किसी भी तरह का वालंटियर वर्क’ शामिल नहीं है.

सूत्रों ने यह भी पुष्टि की कि भारतीय उच्चायोग के हस्तक्षेप ने कारोबारी की भारत वापसी में अहम भूमिका निभाई थी.

हालांकि, ऐसा नहीं लगता कि श्रीलंकाई सीआईडी की यह पूछताछ द्वीप राष्ट्र के नागरिकों की मदद के रेड्डी के उत्साह को घटा पाई है.

कारोबारी ने दिप्रिंट को बताया कि उसने स्थानीय लोगों के बीच धन और दवाएं बांटना जारी रखने और कोलंबो के एक अस्पताल को चिकित्सा उपकरण मुहैया कराने के लिए फिर से श्रीलंका जाने की योजना बनाई है.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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