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Friday, 28 June, 2024
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भारत को एशिया-प्रशांत श्रेणी में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुना गया

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 2021-22 के लिए भारत को चुना गया है. भारत को 192 में से 184 वोट मिले.'

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नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य के रुप में भारत को निर्विरोध चुना गया है. भारत 2021-22 कार्यकाल के लिए एशिया-प्रशांत श्रेणी से चुना गया है.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 2021-22 के लिए भारत को चुना गया है. भारत को 192 में से 184 वोट मिले.’

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी मिशन और एमईए की पूरी टीम को उनके कामों के लिए बधाई दी.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने 75वें सत्र के लिए अध्यक्ष, सुरक्षा परिषद के पांच अस्थायी सदस्यों और आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के सदस्यों के लिए चयन के लिए विशेष मतदान व्यवस्था के तहत बुधवार को चुनाव शुरू किया था.

कोविड-19 संबंधी पाबंदियों के चलते मतदान के लिए विशेष बंदोबस्त किए गए थे.

भारत एशिया-प्रशांत समूह की इस इकलौती सीट के लिए एकमात्र उम्मीदवार था. चीन और पाकिस्तान समेत 55 सदस्यीय एशिया-प्रशांत समूह ने पिछले साल जून में सर्वसम्मति से भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया था.

महासभा हर साल दो वर्ष के कार्यकाल के लिए कुल 10 में से पांच अस्थायी सदस्यों का चुनाव करती है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष तिज्जानी मोहम्मद बंदे ने बुधवार सुबह करीब नौ बजे चुनाव आरंभ होने की घोषणा की थी.

संयुक्त राष्ट्र में राजनयिक, कर्मचारी तथा अन्य अधिकारी महासभा के हॉल में मास्क पहनकर आए और मतदान करने के तुरंत बाद वहां से चले गए.

इससे पहले के वर्षों में, चुनाव के दौरान महासभा का हॉल खचाखच भरा होता था.

सदस्य राज्यों द्वारा मतदान के लिए आठ अलग-अलग स्लॉट तय किए गए. मतदान सुबह नौ बजे से शुरू हुआ और दोपहर एक बजे तक चला. अतिरिक्त आधे घंटे का समय उन सदस्यों के लिए रखा गया था जो निर्धारित वक्त पर मतदान नहीं कर पाए.

ये 10 अस्थायी सीटें क्षेत्रीय आधार पर वितरित की जाती हैं. पांच सीटें अफ्रीका और एशियाई देशों के लिए, एक पूर्वी यूरोपीय देशों, दो लातिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों तथा दो पश्चिमी यूरोपीय तथा अन्य राज्यों के लिए वितरित की जाती हैं.

परिषद में चुने जाने के लिए उम्मीदवार देशों को सदस्य देशों के दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है.

संयुक्त राष्ट्र इस साल अपनी 75वीं वर्षगांठ मना रहा है.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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