scorecardresearch
Friday, 10 May, 2024
होमविदेशपरमाणु हमले की धमकी देने वाला पाकिस्तान आतंकियों का पनाहगाह है : भारत

परमाणु हमले की धमकी देने वाला पाकिस्तान आतंकियों का पनाहगाह है : भारत

विदिशा मैत्रा ने भारत की ओर से जवाब देते हुए कहा कि , 'क्या पाकिस्तान इस बात को मानेगा कि वह दुनिया की अकेली ऐसी सरकार है, जो यूएन द्वारा प्रतिबंधित अल-कायदा और आईएसआईएस के एक आतंकवादी को पेंशन देती है.

Text Size:

नई दिल्ली : भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के दिए भाषण के जवाब में कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बार-बार परमाणु विध्वंस की धमकी देते है, जिसे राजनीति नहीं बल्कि अस्थिरता फैलाने के रुप में देखा जाना चाहिए. शुक्रवार को इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र में भारत पर कश्मीर की जनता पर अत्याचार करने समेत कई आरोप लगाए थे. संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा ने कहा कि इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच का गलत इस्तेमाल किया है. आतंकवाद को लेकर भारत ने पाकिस्तान पर गंभीर सवाल उठाए.

उनका कहना था कि भारतीयों को अपनी ओर से बोलने के लिए किसी और की ज़रूरत नहीं है, खासकर उन लोगों की बिल्कुल ज़रूरत नहीं है जिन्होंने नफरत की विचारधारा के आधार पर आतंक का उद्योग खड़ा किया है.

विदिशा मैत्रा ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के भाषण में किए गए इस दावे का कि उनके देश में कोई आतंकी संगठन नहीं है ये कह कर करारा जवाब दिया कि ‘क्या पाकिस्तान इस तथ्य की पुष्टि करेगा कि वह आज, यूएन द्वारा घोषित किए गए 130 आतंकवादियों और 25 आतंकी संगठनों का घर है?’

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

विदिशा मैत्रा ने भारत की ओर से जवाब देते हुए कहा कि , ‘क्या पाकिस्तान इस बात को मानेगा कि वह दुनिया की अकेली ऐसी सरकार है, जो यूएन द्वारा प्रतिबंधित अल-कायदा और आईएसआईएस के एक आतंकवादी को पेंशन देती है. क्या पाकिस्तान समझा सकता है कि क्यों यहां न्यूयॉर्क में उसके हबीब बैंक पर टेरर फाइनेंसिंग के लिए जुर्माना लगाया गया और फिर क्यों बैंक बंद करना पड़ा.’

विदिशा मैत्रा ने यह भी कहा कि क्या पाकिस्तान इस बात को झुठला सकता है कि वह ओसामा बिन लादेन का खुला समर्थक था.

विदिशा मैत्रा ने यह भी कहा कि ‘पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की तादाद आज महज 3 फीसदी रह गई है, जो कभी 1947 में 23 फीसदी थी.

(आईएएनएस इनपुट के साथ )

share & View comments