नई दिल्ली: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को खाड़ी देश की अपनी राजकीय यात्रा के दौरान कुवैत में भव्य औपचारिक स्वागत और गार्ड ऑफ ऑनर मिला. पीएम मोदी को कुवैत के बायन पैलेस में औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. समारोह के दौरान कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल सबा भी उपस्थित थे.
यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और कुवैत के बीच गहरे और ऐतिहासिक संबंध हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देश पूरे तेल और गैस के क्षेत्र में अवसरों की खोज करके अपने पारंपरिक क्रेता-विक्रेता संबंधों को एक रणनीतिक साझेदारी में बदलने के लिए तैयार हैं.
मोदी शनिवार को दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत पहुंचे, जो चार दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है.
कुवैत समाचार एजेंसी (केयूएनए) को दिए एक साक्षात्कार में मोदी ने उन प्रयासों में मदद करने की इच्छा व्यक्त की जिससे गाजा और यूक्रेन में शीघ्र शांति की बहाली हो सके.
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि युद्ध के मैदान में ऐसे संघर्षों का समाधान नहीं खोजा जा सकता.
उन्होंने मतभेदों को दूर करने तथा बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने के लिए हितधारकों के बीच ईमानदार और व्यावहारिक सहभागिता के महत्व पर बल दिया.
साक्षात्कार के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने फलस्तीन के लिए एक संप्रभु, स्वतंत्र और सक्षम राज्य की स्थापना के वास्ते बातचीत द्वारा दो-देश समाधान के प्रति भारत के समर्थन को भी दोहराया.
कुवैत भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता और चौथा सबसे बड़ा एलपीजी आपूर्तिकर्ता है.
मोदी ने कहा कि आगे सहयोग की अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि भारत तीसरा सबसे बड़ा वैश्विक ऊर्जा, तेल और एलपीजी उपभोक्ता बनकर उभर रहा है.
उन्होंने कहा कि कुवैत के पास वैश्विक तेल भंडार का लगभग 6.5 प्रतिशत हिस्सा है.
मोदी ने कहा कि ‘पेट्रोकेमिकल’ क्षेत्र सहयोग के लिए एक और आशाजनक अवसर प्रदान करता है, क्योंकि भारत का तेजी से बढ़ता ‘पेट्रोकेमिकल’ उद्योग 2025 तक 300 अरब अमेरिकी डॉलर का हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच ऊर्जा साझेदारी केवल आर्थिक संबंधों का एक स्तंभ नहीं है, बल्कि यह विविध और टिकाऊ विकास के लिए एक प्रेरक शक्ति भी है, जो साझा समृद्धि के भविष्य की ओर मार्ग प्रशस्त करती है.
मोदी ने कहा कि खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.
जीसीसी कुवैत सहित छह मध्य पूर्वी देशों का संगठन है. उन्होंने कहा कि खाड़ी देशों के साथ भारत के संबंध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों पर आधारित हैं.
जीसीसी क्षेत्र भारत के कुल व्यापार का लगभग छठा हिस्सा है तथा यहां लगभग एक तिहाई भारतीय प्रवासी रहते हैं.
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र (जीसीसी) में रहने वाले लगभग 90 लाख भारतीय इसकी आर्थिक वृद्धि में सकारात्मक योगदान दे रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय समुदाय दोनों देशों के बीच जीवंत सेतु का काम करता है.
उन्होंने कहा कि व्यापार और वाणिज्य उनके द्विपक्षीय संबंधों के महत्वपूर्ण स्तंभ रहे हैं.
साक्षात्कार में उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि ‘मेड इन इंडिया’ उत्पाद कुवैत में अपनी जगह बना रहे हैं.
उन्होंने कहा कि भारत आज सबसे किफायती लागत पर विश्व स्तरीय उत्पाद बना रहा है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तेल के अलावा व्यापार में विविधता लाना द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि भारत और कुवैत के बीच गहरा और ऐतिहासिक संबंध है तथा दोनों देशों के बीच संबंध हमेशा गर्मजोशी और मैत्रीपूर्ण रहे हैं.
मोदी ने कहा कि दोनों देश अनादि काल से एक-दूसरे के साथ व्यापार करते आ रहे हैं.
खाड़ी में भारतीय श्रमिकों के साथ बातचीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कुवैत में गल्फ स्पिक लेबर कैंप का दौरा किया, जहां उन्होंने भारतीय श्रमिकों से बातचीत की और देश के विकास में उनके योगदान पर प्रकाश डाला.
पीएम मोदी ने भारतीय श्रमिकों की आकांक्षाओं के बारे में बात की और उन्हें “विकसित भारत 2047” के अपने दृष्टिकोण से जोड़ा.
भारतीय मजदूरों के साथ बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं ‘विकसित भारत 2047’ की बात इसलिए करता हूं क्योंकि मेरे देश के श्रमिक भाई जो इतनी दूर काम करने आए हैं, वे भी सोचते हैं कि उनके गांव में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कैसे बन सकता है। यही आकांक्षा मेरे देश की ताकत है.”
प्रधानमंत्री ने भारतीय किसानों और मजदूरों की कड़ी मेहनत पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, “मैं पूरे दिन यही सोचता रहता हूं कि हमारे किसान कितनी मेहनत करते हैं, हमारे मजदूर खेतों में कितनी मेहनत करते हैं.”
उन्होंने बताया कि इनकी मेहनत देखकर उन्हें और अधिक काम करने की प्रेरणा मिलती है. प्रधानमंत्री ने कहा, “जब मैं इन सभी लोगों को कड़ी मेहनत करते हुए देखता हूं, तो मुझे लगता है कि अगर वे 10 घंटे काम करते हैं, तो मुझे 11 घंटे काम करना चाहिए. अगर वे 11 घंटे काम करते हैं, तो मुझे 12 घंटे काम करना चाहिए.”
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी व्यक्तिगत प्रेरणा भी साझा की. उन्होंने कहा, “क्या आप अपने परिवार के लिए मेहनत करते हैं या नहीं? मैं भी अपने परिवार के लिए काम करता हूं। मेरे परिवार में 140 करोड़ लोग हैं, इसलिए मुझे थोड़ा ज्यादा काम करना पड़ता है.”
इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि भारत में अब दुनिया में सबसे सस्ता डेटा (इंटरनेट) उपलब्ध है, जिससे लोगों के लिए संवाद करना आसान हो गया है.
उन्होंने कहा, “भारत में सबसे सस्ता डेटा है और अगर हमें दुनिया में कहीं भी या भारत में ही ऑनलाइन बात करनी हो, तो इसका खर्च बहुत कम है. आप वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी करें, तो खर्च बहुत कम है. लोगों को बहुत सुविधा है. वे हर शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने परिवार के सदस्यों से बात कर सकते हैं.”
‘भाषा’ के इनपुट से.
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