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Sunday, 3 November, 2024
होमविदेशकुलभूषण जाधव केस में जासूसी के ठोस सबूत नहीं दे सका पाकिस्तान : भारत

कुलभूषण जाधव केस में जासूसी के ठोस सबूत नहीं दे सका पाकिस्तान : भारत

आईसीजे में भारत की तरफ से पक्ष रख रहे वकील हरीश साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान का पक्ष पूरी तरह जुमलों पर आधारित है, तथ्यों पर नहीं. 

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नई दिल्ली: पाकिस्तान द्वारा गिरफ्तार किए गए भारतीय नागरिक और पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में सोमवार से अंतिम सुनवाई शुरू हो चुकी है जो कि अगले चार दिनों तक चलेगी. कुलभूषण जाधव और भारत की तरफ से वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट में दलील पेश करते हुए कहा कि पाकिस्तान आईसीजे के मंच का गलत इस्तेमाल कर रहा है. जासूसी के आरोप में पाकिस्तान सैन्य अदालत द्वारा जाधव को मौत की सजा के मामले में आईसीजे में भारत की तरफ से पक्ष रख रहे साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान का पक्ष पूरी तरह जुमलों पर आधारित है, तथ्यों पर नहीं.

हरीश साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान बिना देरी किए जाधव को काउंसलर उपलब्ध कराने के लिए बाध्य है. बिना काउंसलर के जाधव को कस्टडी में रखना अवैध करार दिया जाना चाहिए.

सुनवाई की शुरुआत भारत के पक्ष से हुई है, वहीं 19 फरवरी को पाकिस्तान अपना पक्ष रखेगा. उसकी तरफ से वकील खावर कुरैशी दलील पेश करेंगे. 20 फरवरी को दूसरे राउंड में पाकिस्तान द्वारा रखे गए पक्ष पर भारत जवाब देगा. वहीं पाकिस्तान अपनी आखिरी दलील को 21 फरवरी को पेश करेगा.

बता दें कि 47 वर्षीय कुलभूषण जाधव भारतीय नागरिक हैं, पाक की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई ने जाधव का अपहरण ईरान से किया था. पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने 3 मार्च 2016 को बलूचिस्तान से उस वक्त गिरफ्तार किया था जब वह कथित तौर पर ईरान में घुसा था. जबकि भारत ने पाकिस्तान पर कुलभूषण का अपहरण करने का आरोप लगाया था. पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने कुलभूषण जाधव को अप्रैल 2017 में फांसी की सजा सुनाई थी. पाकिस्तान ने उन पर भारत का जासूस होने के आरोप लगाए हैं. इसके बाद अब तक भारत ने जाधव को राजनयिक से मिलने के लिए 13 रिमाइंडर भेजें, लेकिन पाकिस्तान ने अब तक इसकी अनुमति नहीं दी.

पुलवामा हमले के चार दिन बाद भारत और पाकिस्तान कुलभूषण जाधव मामले में एक दूसरे के आमने-सामने थे.

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