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Thursday, 9 May, 2024
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तोशाखाना मामले में इमरान खान गिरफ्तार- तीन साल की जेल की सजा और 5 साल के लिए राजनीति से अयोग्य घोषित

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने कहा कि देश के सबसे लोकप्रिय और विश्वसनीय राजनीतिक नेता के खिलाफ इस तरह की साजिश और बदले की कोशिश को देश कभी स्वीकार नहीं करेगा

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नई दिल्ली: पाकिस्तान के जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की एक जिला और सत्र अदालत ने शनिवार को पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान को तोशाखाना मामले में यानी अवैध रूप से सरकारी उपहार बेचने के आरोप में तीन साल की जेल की सजा सुनाई और उन्हें पांच साल की अवधि के लिए राजनीति से अयोग्य घोषित कर दिया है.

जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार एक बड़े घटनाक्रम में, एक जिला और सत्र अदालत ने तोशाखाना मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान को दोषी ठहराया और उन्हें तीन साल जेल की सजा सुनाई है.

मामले को अस्वीकार्य करने की मांग करने वाली खान की याचिका को खारिज करते हुए न्यायाधीश दिलावर ने पूर्व प्रधान मंत्री को तीन साल की कैद की सजा सुनाई.

बता दें की फैसले के बाद पीटीआई ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर ट्वीट कर कहा कि तोशा खाना मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश का फैसला बेहद पक्षपातपूर्ण है.

अतिरिक्त एवं सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने अपने फैसले में कहा, ”पीटीआई अध्यक्ष के खिलाफ संपत्ति की गलत घोषणा के आरोप साबित हुए हैं.”

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इसके बाद उन्होंने खान की तत्काल गिरफ्तारी के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए उन्हें 100,000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन साल की जेल की सजा सुनाई.

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की घोषणा की.

साजिश और बदले की कोशिश

पीटीआई ने अपने ट्वीट में आगे लिखा, “तोशा खाना मामले ने न्याय व्यवस्था के माथे पर एक और काला धब्बा लगा दिया. पक्षपाती जज हुमायूं दिलावर द्वारा इतिहास के सबसे बेतुके तरीके से मुकदमा चलाया गया.”

उन्होंने आगे लिखा, इतिहास के इस सबसे खराब मुकदमे में एक पक्षपाती और नैतिक रूप से भ्रष्ट न्यायाधीश के हाथों न्याय की हत्या करने का प्रयास किया गया.

पीटीआई ने कहा कि इस फैसले के साथ हास्यास्पद और बिना ठोस कानूनी आधार वाले निर्णय के माध्यम से गणतंत्र और लोकतंत्र पर शर्मनाक आक्रमण किया गया.

ट्वीट ने पीटीआई ने कहा, “देश के सबसे लोकप्रिय और विश्वसनीय राजनीतिक नेता के खिलाफ इस तरह की साजिश और बदले की कोशिश को देश कभी स्वीकार नहीं करेगा.”

यह मामला इस आरोप से संबंधित है कि पूर्व प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान तोशाखाना – एक भंडार जहां विदेशी अधिकारियों द्वारा सरकारी अधिकारियों को दिए गए उपहार रखे जाते हैं – से अपने पास रखे गए उपहारों का विवरण “जानबूझकर छुपाया” था, और उन्हें बेचा गया था.


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