नई दिल्ली: यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के 10 महीने के होने के साथ ही मानवीय पीड़ा का न बदलने वाला बोझ बढ़ता ही रहा है. यूक्रेन के मिनिस्ट्री ऑफ़ सोशल पालिसी के आंकड़ों से पता चलता है कि ऐसे 12,000 अपंग लोग हैं, जिन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान अपने अंग खो दिए हैं और वर्तमान में प्रोस्थेटिक्स (कृत्रिम अंग) का इंतजार कर रहे हैं.
मज़बूरी में किये गए पलायन, मृत्यु, और शरीर को कमजोर करने वाली चोट की कहानियों के बीच एक कहानी प्रोटेज़ फाउंडेशन, एक यूएस-स्थित गैर-लाभकारी संगठन (एनजीओ) की भी है जो उन लोगों को प्रोस्थेटिक्स प्रदान करने में विशेषता रखता है जो अंग खो चुके हैं, और वह इन यूक्रेनियों के लिए एक विशेष परियोजना चला रहा है.
‘प्रोस्थेटिक्स फॉर यूक्रेनियन’ नामक यह प्रोजेक्ट मई 2022 में लॉन्च किया गया था और इसका उद्देश्य उन यूक्रेनी बच्चों, सैनिकों और आम नागरिकों की मदद करना है, जिन्होंने इस युद्ध के दौरान अपने अंग गंवा दिए हैं और इसके तहत उन्हें यूएसए में अच्छी गुणवत्ता वाले प्रोस्थेटिक्स मुफ्त में लगाए जा रहे हैं.
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प्रोटेज़ फाउंडेशन के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. याकोव ग्रैडीनार ने एक ईमेल में दिप्रिंट को बताया, ‘हम उन लोगों के लिए मुफ्त प्रोस्थेटिक्स की सुविधा प्रदान करते हैं जिन्होंने युद्ध के परिणामस्वरूप अपने अंग गंवा दिए हैं. हम प्रोस्थेटिक्स पाने के लिए आये किसी भी व्यक्ति की सभी वित्तीय आवश्यकताओं – वीजा शुल्क, आवास और प्रोस्थेटिक्स की लागत – को कवर करते हैं. मरीजों के एक बार संयुक्त राज्य अमेरिका में आने के बाद हमारे स्वयंसेवक उनकी मेजबानी करते हैं और बुनियादी दिशा-निर्देश प्राप्त करने, रसद और मनोवैज्ञानिक सहायता व पीड़ितों के भावनात्मक रूप से उबरने में मदद करते हैं.’
डॉ. ग्रैडिनार ने कहा कि उनका फाउंडेशन युद्ध शुरू होने के बाद से अपने अंग गंवाने वाले यूक्रेन के 31 लोगों को प्रोस्थेटिक्स प्रदान कर चुका है. इसमें 28 सैनिक, एक वयस्क नागरिक और दो बच्चे शामिल हैं.
प्रोटेज़ द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, उसे प्रोस्थेटिक्स लगवाने के लिए 600 से अधिक यूक्रेनियों के आवेदन प्राप्त हुए हैं.
‘प्रोस्थेटिक्स फॉर यूक्रेनियन; प्रोग्राम को फंडरेजिंग (सार्वजानिक रूप से धन जमा करना) के माध्यम से प्रायोजित किया गया है और इसमें अमेरिकी सरकार की कोई भागीदारी नहीं है.
वापस लौटने वाले सैनिकों के लिए रिमोट ऐप सपोर्ट
फाउंडेशन के अनुसार, यह वनस्टेप नामक एक हेल्थ टेक ऐप – जो मरीजों की दूरस्थ निगरानी की सुविधा प्रदान करता है- के माध्यम से सैनिकों को पोस्ट-सर्जिकल केयर (सर्जरी के बाद की देखभाल) और लम्बे समय वाली देखभाल प्रदान करने में सक्षम होगा.
साल 2019 में लॉन्च किया गया, वनस्टेप यूएस-स्थित फेडरल ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) द्वारा स्वीकृत ऐप है. इस ऐप को बनाने वाली कंपनी ने बताया है कि यह ‘स्मार्टफोन मोशन सेंसर का उपयोग जीवन की वास्तविक स्थितियों में काम कर रही गतिविधियों (फंक्शनल मूवमेंट) का लगातार विश्लेषण करने के लिए करता है और इसके जरिये कुछ ही सेकंड के भीतर क्लीनिकल रूप से मान्य नतीजे प्रदान करता है, और वह भी बिना किसी वियरेबल (शरीर पर पहने जा सकने वाले उपकरण) को पहनने या अन्य किसी परेशानी के.’
प्रोटेज़ और वनस्टेप ने इस साल जून और जुलाई के बीच आपसी बातचीत शुरू की थी और फिर नवंबर में उन्होंने यूक्रेन के लिए इस विशेष कार्यक्रम का समर्थन करने की सुविधा शुरू की.
वनस्टेप के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी पैट्रिक टार्नोव्स्की ने एक ईमेल में बताया, ‘यह ऐप जीवन की वास्तविक स्थितियों में लगातार चलने और कार्य कर रही गतिविधि का विश्लेषण करने के लिए स्मार्टफोन मोशन सेंसर का उपयोग करता है और इसके जरिये कुछ ही सेकंड के भीतर रोगियों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को स्वास्थ्य, गतिशीलता, बीमार होकर गिरने के जोखिम, स्वास्थ्य की स्थिति में परिवर्तन और प्रगति से संबंधित चिकित्सकीय रूप से मान्य परख प्रदान करता है और वह भी बिना किसी अन्य वियरेबल पहने.’
इस बात को समझाते हुए कि यह ऐप यूक्रेनी सैनिकों की मदद कैसे करेगा, टार्नोवस्की ने कहा, ‘ज्यादातर लोग इस बात से वाकिफ नहीं हैं कि एक यूक्रेनी सैनिक जिसका कोई अंग काट कर हटाया जाता है, आम तौर पर अपने नए कृत्रिम अंग के साथ जल्द ही अग्रिम मोर्चे पर लौट जाता है. यूक्रेन लौटने वाले ऐसे सैनिकों के मामले में वनस्टेप की तकनीक यूएस-स्थित प्रोस्थेटिस्ट को उस यूक्रेनी सैनिक के नए प्रोस्थेटिक के प्रदर्शन की निगरानी करने और उसे अपने प्रोस्थेटिक को एडजस्ट करने के लिए दूरस्थ रूप से निर्देश देने की सुविधा प्रदान करता है.’
(अनुवाद : रामलाल | संपादन : इन्द्रजीत)
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