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Tuesday, 19 November, 2024
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हाई कोर्ट ने इमरान खान को दिया झटका, तोहफों का ब्यौरा सार्वजनिक करने का दिया आदेश

विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि इमरान ने गिफ्ट को तोशाखाना में जमा करने के बजाय उनमें से कुछ को औने-पौने दाम पर वापस खरीद लिया और इसके बाद दुबई में बेच दिया जिसके कारण उन्होंने भारी मुनाफा कमाया है.

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नई दिल्ली: पाकिस्तान में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को इमरान खान को झटका देते हुए सरकार को आदेश दिया है कि वह अगस्त 2018 में पद संभालने के बाद से पूर्व प्रधानमंत्री को विदेशी हस्तियों से मिले गिफ्ट का ब्यौरा सार्वजनिक करे.

कोर्ट के जस्टिस मियां गुल हसन औरंगजेब ने दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शहबाज शरीफ की सरकार को यह निर्देश जारी किया है. एक याचिका में एक नागरिक ने पाकिस्तान सूचना आयोग (पीआईसी) के आदेश को लागू करने का अनुरोध किया है. वहीं, दूसरी याचिका में कैबिनेट डिवीजन ने उस आदेश को चुनौती दी है.

एक नागरिक ने गिफ्ट का ब्यौरा लेने के लिए पीआईसी से संपर्क किया था और आयोग ने कैबिनेट डिवीजन को निर्देश दिया था कि वह विदेशी राष्ट्राध्यक्षों, शासनाध्यक्षों और अन्य विदेशी हस्तियों द्वारा इमरान खान को दिए गए गिफ्ट के बारे में जानकारी दें.

कैबिनेट डिवीजन को 10 कार्य दिवसों के भीतर जानकारी साझा करने और उसे आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए भी कहा गया था.

लेकिन तत्कालीन पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार ने कहा था कि किसी भी जानकारी के खुलासे से कुछ देशों के साथ संबंध प्रभावित हो सकते हैं. इसके बाद कैबिनेट डिवीजन ने आयोग के आदेश को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.

इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने पीआईसी के आदेश को कायम रखा और कहा कि गिफ्ट प्राइम मिनिस्टर के थे और वो घर ले जाने के लिए नहीं थे.

जस्टिस औरंगजेब ने बुधवार को कहा कि विदेशी सरकारों द्वारा सरकारी अधिकारियों को दिए गए गिफ्ट पाकिस्तान राज्य के हैं न कि कुछ लोगों के. उन्होंने कहा कि ये गिफ्ट घर ले जाने के लिए नहीं हैं और अगर कोई उन्हें घर ले गया था तो उन उपहारों को वापस लिया जाना चाहिए.

एक्सप्रेस ट्रिब्यून समाचार पत्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने कहा, ‘लोग आते हैं और चले जाते हैं लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का कार्यालय स्थायी है.’

अदालत ने कहा कि उपहारों के संबंध में जानकारी याचिकाकर्ता के साथ साझा की जानी चाहिए क्योंकि जानकारी सार्वजनिक करने के संबंध में कोई स्थगन आदेश नहीं है.

अदालत ने कहा कि मामूली राशि देकर इन स्टेट गिफ्ट को खरीदने की नीति नहीं होनी चाहिए और ‘इस तरह की नीति का मतलब है कि ये गिफ्ट बिक्री के लिए हैं.’

पिछले हफ्ते, प्रधानमंत्री शरीफ ने आरोप लगाया था कि इमरान खान ने अपने कार्यकाल के दौरान दुबई में 14 करोड़ रुपए के तोशाखाना या राज्य के डिपॉजिटरी से एक गिफ्ट बेचा था.

यह मामला पिछले साल तब सामने आया था जब यह बताया गया था कि इमरान के पीएम बनने के बाद उन्हें अरब शासकों ने हाथ की घड़ी और ब्रेसलेट जैसे गिफ्ट भेजे थे.

विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि इमरान ने गिफ्ट को तोशाखाना में जमा करने के बजाय उनमें से कुछ को औने-पौने दाम पर वापस खरीद लिया और इसके बाद दुबई में बेच दिया जिसके कारण उन्होंने भारी मुनाफा कमाया है.

सोमवार को इस विवाद पर सफाई देते हुए एक टीवी चैनल को इंटरव्यू में कहा था कि ‘मेरे तोहफे, मेरी मर्जी.’

भाषा के इनपुट से 


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