scorecardresearch
Saturday, 21 December, 2024
होमविदेश'भारत-मध्य-पूर्व कॉरिडोर के चलते हमास ने हमला किया', बाइडेन के बयान पर US की सफाई, कहा- 'गलत समझा' गया

‘भारत-मध्य-पूर्व कॉरिडोर के चलते हमास ने हमला किया’, बाइडेन के बयान पर US की सफाई, कहा- ‘गलत समझा’ गया

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पहले संकेत दिया था कि इज़रायल पर हमास के हमले के पीछे एक कारण भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे की घोषणा भी है.

Text Size:

नई दिल्ली: व्हाइट हाउस ने कहा है कि भारत मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारे और हमास हमले पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की टिप्पणियों को “गलत समझा” जा रहा है और शायद यह हो सकता है कि इज़रायल और सऊदी अरब के बीच रिश्ते में धीरे-धीरे हो रहे सुधार ने “हमास को हमले करने के लिए प्रेरित किया होगा”.

व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) के प्रवक्ता जॉन किर्बी राष्ट्रपति बाइडेन के एक सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने संकेत दिया था कि 7 अक्टूबर को इज़रायल पर हमास के हमले के पीछे एक कारण भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे की हालिया घोषणा थी. यह गलियारा रेल, सड़क और बंदरगाहों के नेटवर्क वाला एक क्षेत्र है.

किर्बी ने कहा: “मुझे लगता है कि आपने उनकी बात को गलत समझा. उन्होंने जो कहा वह यह था कि जिस समझौते पर इज़रायल और सऊदी अरब सामान्यीकरण के करीब पहुंचने की कोशिश कर रहे थे, जिसके बारे में हमारा मानना ​​है कि यह टू-स्टेट थ्योरी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, ने ही हमास को इस हमले के लिए प्रेरित किया होगा. मुझे लगता है कि वह वास्तव में यह कहना चाहते थे, लेकिन उनकी बात को गलत समझा गया.”

बुधवार को ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बानीज़ के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा था: “मुझे विश्वास है कि जब हमास ने हमला किया तो यही उन कारणों में से एक था. हालांकि, मेरे पास इसका कोई सबूत नहीं है. लेकिन, हम उस काम को पीछे नहीं छोड़ सकते.”

हाल ही में, भारत में इज़रायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि इज़रायल पर हालिया हमले इज़रायल, सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों के बीच अशांति फैलाने से प्रेरित लगते हैं.

उन्होंने कहा था कि इन हमलों का उद्देश्य अब्राहम समझौते और I2U2 समूह द्वारा स्थापित संबंधों को बाधित करना भी था, जिसके कारण इज़रायल और खाड़ी देशों के बीच संचार में सुधार हुआ है.

ट्रंप प्रशासन की मध्यस्थता वाले अब्राहम समझौते में उन समझौतों का एक समूह शामिल है जिन पर इज़रायल ने चार अरब देशों: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), मोरक्को, बहरीन और सूडान के साथ हस्ताक्षर किए हैं. ये समझौते सितंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच स्थापित किए गए थे.

भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) के अनुसार, अब्राहम समझौते 15 सितंबर, 2020 को इज़रायल और संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के बीच हस्ताक्षरित अरब-इज़रायल सामान्यीकरण पर द्विपक्षीय समझौते हैं.

इसके अतिरिक्त, I2U2 समूह भारत, इज़रायल, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका का एक समूह है. 14 जुलाई, 2022 को जारी समूह के पहले संयुक्त बयान में कहा गया था कि इन देशों का लक्ष्य “जल, ऊर्जा, परिवहन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा में संयुक्त निवेश और नई पहल” पर सहयोग करना है.

गिलोन ने क्षेत्र से चरमपंथी समूहों को खत्म करने के लिए कड़ी कार्रवाई करने की इज़रायल की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की.

राजदूत ने जोर देकर कहा, “मुझे लगता है कि हम बहुत आगे तक जाएंगे क्योंकि यदि नहीं, तो यह मध्य पूर्व में सभी उदारवादी शासनों को नुकसान पहुंचाएगा और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कट्टरपंथी धार्मिक विचारधारा को उखाड़ फेंकना है. और हम यह करने जा रहे हैं. जितना संभव हो सकें, हम इन चरमपंथियों को खत्म कर देंगे.”


यह भी पढ़ें: बेरोजगार टीचर की आत्महत्या पर पंजाब की राजनीति में हलचल, मान सरकार का 5 साल की बेटी को नौकरी का वादा


 

share & View comments