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Monday, 4 November, 2024
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सभी के साथ अच्छा राजनीतिक, आर्थिक रिश्ता चाहता है तालिबान, ईद-उल-अजहा पर दुनिया को दिया संदेश

महिलाओं के अधिकारों के संबंध में उन्होंने दावा किया कि महिलाओं को जबरन विवाह सहित कई पारंपरिक उत्पीड़न से बचाने के लिए ठोस उपाय किए गए हैं और उनके शरिया अधिकारों की रक्षा की गई है.

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नई दिल्ली: टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान नेता मावलवी हिबतुल्ला अखुंदजादा ने ईद-उल-अजहा के आगमन पर एक संदेश में कहा कि तालिबान दुनिया के साथ, ‘विशेष रूप से इस्लामिक देशों के साथ, अच्छे राजनीतिक और आर्थिक संबंध चाहता है.’

टोलो न्यूज काबुल से प्रसारित होने वाला एक अफगान समाचार चैनल है. यह संदेश तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने जारी किया.

मुजाहिद के ट्विटर पर प्रकाशित एक पत्र में मावलवी हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा ने कहा, “जिस तरह हम दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करते हैं, उसी तरह हम दूसरों को अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं देते हैं.”

उन्होंने कहा, आर्थिक क्षेत्र में, “देश के आर्थिक पतन और संकट की भविष्यवाणी गलत साबित हुई है.”

अखुंदज़ादा के अनुसार, तालिबान के ‘बुद्धिमत्तापूर्ण उपायों, ईमानदारी और पारदर्शिता’ के परिणामस्वरूप आर्थिक पतन को रोका गया.

उन्होंने ड्रग्स मुद्दे का भी जिक्र किया और कहा कि देश में पोस्ता की खेती खत्म हो गई है और “किसान विकल्प तलाश रहे हैं, और कानूनी खेती का विस्तार हो रहा है.”

महिलाओं के अधिकारों के संबंध में उन्होंने दावा किया कि महिलाओं को जबरन विवाह सहित कई पारंपरिक उत्पीड़न से बचाने के लिए ठोस उपाय किए गए हैं और उनके शरिया अधिकारों की रक्षा की गई है.

उन्होंने कहा, “इसके अलावा, समाज के आधे हिस्से के रूप में महिलाओं की बेहतरी के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं ताकि उन्हें इस्लामी शरिया के अनुसार अच्छा और समृद्ध जीवन प्रदान किया जा सके.”

“महिलाओं के हिजाब और गुमराही से जुड़े पिछले 20 साल के कब्जे के नकारात्मक पहलू जल्द ही खत्म हो जाएंगे.”

संदेश में अफ़ग़ान लड़कियों और महिलाओं की शिक्षा का कोई ज़िक्र नहीं था. मावलवी अखुंदजादा ने यह भी कहा कि वह ‘फिलिस्तीनी महिलाओं, बच्चों और असहाय मुसलमानों पर इजरायल के क्रूर कृत्य’ की कड़ी निंदा करते हैं और अन्य देशों से इस मानवीय अपराध और क्रूर अत्याचारों को रोकने के लिए अपना कर्तव्य निभाने के लिए कहते हैं.


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