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Friday, 22 November, 2024
होमविदेशपूर्व PM इमरान खान भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार, इस्लामाबाद HC ने गिरफ्तारी को ठहराया ‘वैध’

पूर्व PM इमरान खान भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार, इस्लामाबाद HC ने गिरफ्तारी को ठहराया ‘वैध’

अदालत ने पुलिस अधिकारियों को लेकर नाराज़गी दिखाई और अदालत की शुचिता के उल्लंघन के लिए इस्लामाबाद पुलिस प्रमुख और आंतरिक सचिव के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया.

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इस्लामाबाद/लाहौर: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मंगलवार को अर्धसैनिक बलों ने उस समय गिरफ्तार कर लिया, जब वे भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनवाई के लिए इस्लामाबाद हाई कोर्ट में मौजूद थे.

खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान रेंजर्स खान को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें एक वैन में वहां से ले गए. इसके बाद उनके समर्थकों ने रावलपिंडी में सेना मुख्यालय और लाहौर में कोर कमांडर के आवास पर धावा बोल दिया और पूरे पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया.

इससे एक दिन पहले ही 70-वर्षीय खान ने देश की सेना पर कथित तौर पर उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था.

इस बीच देर रात हुए एक घटनाक्रम में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने खान की गिरफ्तारी को ‘‘वैध’’ ठहराते हुए कहा कि गिरफ्तारी करते समय राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने सभी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा किया है.

मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने भ्रष्टाचार मामले पर सुनवाई शुरू होने से पहले अदालत में बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराते समय अर्धसैनिक रेंजर्स द्वारा खान को गिरफ्तार किए जाने पर गौर किया.

हालांकि, अदालत ने पुलिस अधिकारियों को लेकर नाराज़गी दिखाई और अदालत की शुचिता के उल्लंघन के लिए इस्लामाबाद पुलिस प्रमुख और आंतरिक सचिव के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया.

आखिर क्या है माजरा

पाकिस्तान की सेना ने एक दिन पहले ही आरोप लगाया था कि खान खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ निराधार आरोप लगा रहे हैं.

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की वरिष्ठ नेता शिरीन मजारी के अनुसार, लाहौर से राजधानी इस्लामाबाद आए पार्टी अध्यक्ष खान अदालत में एक बायोमेट्रिक प्रक्रिया से गुज़र रहे थे, तभी रेंजर्स ने कांच की खिड़की को तोड़ दिया और वकीलों एवं खान के सुरक्षा कर्मचारियों की पिटाई करने के बाद उन्हें (खान को) गिरफ्तार कर लिया.

टीवी फुटेज में रेंजर्स खान को कॉलर से पकड़कर ले जाते और उन्हें एक जेल वाहन में बैठाते हुए दिखाई दे रहे थे.

बता दें कि रेंजर्स, गृह मंत्रालय के तहत काम करते हैं और आमतौर पर सेना से प्रतिनियुक्ति पर आये अधिकारियों द्वारा निर्देशित होते हैं.

खान की गिरफ्तारी पर गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि वे (खान) कई नोटिस जारी किए जाने के बावजूद अदालत में पेश नहीं हुए. उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो द्वारा गिरफ्तारी देश के खजाने को नुकसान पहुंचाने के लिए की गई है.’’ उन्होंने कहा कि खान को प्रताड़ित नहीं किया गया.

एनएबी के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से इस बात की पुष्टि की कि, ‘‘खान को एक भूमि, संपत्ति कारोबारी मलिक रियाज को हस्तांतरित करने के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है और उन्हें एनएबी को सौंपा जा रहा है.’’

उन्होंने बताया कि खान को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में गिरफ्तार किया गया है, जो पंजाब प्रांत के झेलम जिले के सोहावा क्षेत्र में 2019 में सूफीवाद के लिए अल-कादिर यूनिवर्सिटी की स्थापना से संबंधित है.

एक मई को जारी किए गए खान के गिरफ्तारी वारंट में कहा गया है कि उन पर भ्रष्टाचार और भ्रष्ट आचरण का आरोप है.

समर्थकों ने किया प्रदर्शन

खान की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही पाकिस्तान के कई शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. कई जगहों पर प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया.

पहली बार, खान के समर्थकों ने रावलपिंडी में सेना के मुख्यालय के मुख्य द्वार को तोड़ दिया, जहां सैनिकों ने संयम बरता. प्रदर्शनकारियों ने प्रतिष्ठान के खिलाफ नारेबाजी की.

लाहौर में भी बड़ी संख्या में पीटीआई कार्यकर्ताओं ने कोर कमांडर के लाहौर आवास पर धावा बोल दिया और गेट और खिड़की के शीशे तोड़ दिए. वहां ड्यूटी पर मौजूद सैन्यकर्मियों ने, हालांकि, क्रोधित प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश नहीं की, जिन्होंने उन्हें घेर लिया और सेना में पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली सरकार के ‘आकाओं’ के खिलाफ नारे लगाए. प्रदर्शनकारियों ने छावनी क्षेत्र में प्रदर्शन किया.

प्रवेश और निकास बिंदुओं सहित मुख्य सड़कों पर विरोध प्रदर्शन के कारण लाहौर प्रांत के बाकी हिस्से से लगभग कट गया.

पंजाब की कार्यवाहक सरकार ने प्रांत में कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए रेंजर्स को बुलाया और धारा 144 लगा दी. पंजाब सरकार ने पाकिस्तान के दूरसंचार प्राधिकरण से प्रांत के उन क्षेत्रों में इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं को निलंबित करने का अनुरोध भी किया जहां हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं.

पीटीआई के बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने फैसलाबाद शहर में गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह के आवास पर भी पथराव किया. इसी तरह, मुल्तान, झांग, गुजरांवाला, शेखूपुरा, कसूर, खानेवाल, वेहारी, गुजरांवाला, हाफिजाबाद और गुजरात शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए.

गिरफ्तारी के बाद पार्टी ने खान का पहले से रिकॉर्ड किया एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, ‘‘जब तक मेरे ये अल्फाज़ आप तक पहुंचेंगे, तब तक मुझे नाज़ायज मामले में गिरफ्तार किया जा चुका होगा. इससे वाज़िर है कि पाकिस्तान में मौलिक अधिकारों, कानून और लोकतंत्र दफन हो चुके हैं.’’

खान ने कहा, ‘‘यह सब इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि वे चोरों का टोला चाहता है कि मैं उस भ्रष्ट, आयातित सरकार को स्वीकार कर लूं, जो हम पर जबरदस्ती थोपी गई है.’’

उन्होंने कहा कि यदि किसी के पास वारंट है, तो उन्हें सीधे उनके पास लाना चाहिए. खान ने कहा, ‘‘वारंट लाओ, मेरा वकील वहां होगा. मैं खुद जेल जाने को तैयार हूं.’’

खान की गिरफ्तारी ऐसे समय की गई है, जब पाकिस्तानी सेना ने सोमवार को उनकी बिना किसी सबूत के एक सेवारत आईएसआई अधिकारी के खिलाफ ‘‘बेहद गैर जिम्मेदाराना और निराधार’’ आरोप लगाने के लिए आलोचना की थी.

सेना ने खान का सीधे तौर पर उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हम संबंधित नेता से कानूनी रास्ते का सहारा लेने और झूठे आरोप लगाना बंद करने के लिए कहते हैं. संस्थान के पास झूठे और दुर्भावनापूर्ण बयानों और दुष्प्रचार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार है.’’

इस्लामाबाद पुलिस ने महानिरीक्षक (आईजी) अकबर नासिर खान के हवाले से एक संक्षिप्त बयान जारी किया, जिसमें कहा गया था कि खान को उस मामले के संबंध में गिरफ्तार किया गया है, जिसमें आरोप है कि बहरिया टाउन ने पीटीआई अध्यक्ष एवं उनकी पत्नी बुशरा बीबी के स्वामित्व वाले अल-कादिर ट्रस्ट को 53 करोड़ रुपये की जमीन आवंटित की थी.

पुलिस प्रमुख ने यह भी कहा कि इस्लामाबाद में स्थिति ‘‘सामान्य’’ है. उन्होंने कहा कि संघीय राजधानी में धारा 144 लागू कर दी गई है और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

ऐसा कहा गया कि खान को रावलपिंडी में एनएबी कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया है जहां एक मेडिकल जांच की गई. हालांकि, पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने दावा किया कि खान को अज्ञात स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है.

‘जियो न्यूज’ ने बताया कि खान की मेडिकल जांच की गई है, लेकिन अभी तक रिपोर्ट जारी नहीं की गई है. चैनल ने यह भी कहा कि एनएबी उन्हें आज भ्रष्टाचार निरोधक अदालत में पेश करने और मामले में आगे की जांच के लिए हिरासत हासिल करने की तैयारी कर रहा है.

उसने यह भी बताया कि रावलपिंडी में एनएबी के कार्यालय द्वारा एक विशेष कमरा तैयार किया गया है और खान को रात के समय वहीं रखा गया है. यह एनएबी का वही कमरा है जहां पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी को इमरान खान की सरकार के दौरान गिरफ्तार किए जाने के दौरान रखा गया था.

इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आमेर फारूक ने रेंजर्स द्वारा गिरफ्तारी का संज्ञान तब लिया जब खान एक अन्य मामले की सुनवाई शुरू होने से पहले अपनी बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने के लिए पेश हुए थे.

अदालत ने विभिन्न अधिकारियों को तलब किया और गिरफ्तारी के गुण-दोष और क्या अदालत के अंदर मौजूद किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करना कानूनी था, इस पर दलीलें सुनीं. मुख्य न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और यह नहीं बताया कि फैसला कब सुनाया जाएगा.

‘डॉन’ अखबार ने खान की गिरफ्तारी के दौरान अदालत में मौजूद बैरिस्टर गौहर खान के हवाले से कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री को ‘प्रताड़ित’ किया गया. गौहर के हवाले से अखबार ने कहा, ‘‘उन्होंने इमरान के सिर और पैर पर वार किया…गिरफ्तारी के दौरान उनकी व्हीलचेयर भी फेंक दी गई.’’

पूर्व मंत्री एवं पीटीआई के वरिष्ठ नेता हम्माद अजहर ने कहा कि खान की गिरफ्तारी ‘स्वीकार्य नहीं है’. उन्होंने खान की गिरफ्तारी के खिलाफ देश के लोगों से सड़कों पर उतरने का आह्वान किया.

पीटीआई के महासचिव असद उमर ने ट्वीट किया कि पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय समिति आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला करेगी.

खान पिछले साल अप्रैल में अविश्वास मत के जरिए सत्ता से हटने के बाद से कई मामलों का सामना कर रहे हैं. उन्होंने इन सभी मामलों को सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा राजनीतिक उत्पीड़न करार देते हुए खारिज कर दिया है.

खान ने कहा है कि वह वर्तमान में आतंकवाद, ईशनिंदा, हत्या, हिंसा, हिंसा के लिए उकसाने से संबंधित 140 से अधिक मामलों का सामना कर रहे हैं.

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.


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