scorecardresearch
Thursday, 19 December, 2024
होमविदेशपूर्व लेबर पियर और ‘कश्मीर समर्थक’ लॉर्ड नजीर अहमद को बच्चों के यौन शोषण के मामले में जेल की सजा

पूर्व लेबर पियर और ‘कश्मीर समर्थक’ लॉर्ड नजीर अहमद को बच्चों के यौन शोषण के मामले में जेल की सजा

इन आरोपों में उस समय 11 साल की उम्र के रहे एक लड़के के खिलाफ ‘गंभीर यौन अपराध’ के अलावा 16 साल की एक लड़की के साथ दो बार दुष्कर्म का प्रयास करना शामिल है. दोनों ही घटनाएं 1970 के दशक की हैं.

Text Size:

नई दिल्ली: ब्रिटेन की एक कोर्ट ने पाकिस्तानी मूल के पूर्व ब्रिटिश राजनेता लॉर्ड नजीर अहमद को 1970 के दशक में दो लोगों—जो उस समय नाबालिग थे—के यौन उत्पीड़न का दोषी पाए जाने के बाद साढ़े पांच साल जेल की सजा सुनाई है.

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जन्मे अहमद ‘कश्मीर मसले’ को लेकर काफी मुखर रहे हैं और पहले उन्होंने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने की आलोचना करते हुए इसे ‘भाजपा/आरएसएस के कट्टरपंथियों को बसाने के लिए जनसांख्यिकीय परिवर्तन’ की एक ‘जबरन कोशिश’ करार दिया था.

पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनके ट्वीट को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों के नेताओं ने उनकी निंदा की थी.

कोर्ट ने गत जनवरी में अहमद को दोषी ठहराया था. शेफील्ड क्राउन कोर्ट में जस्टिस लैवेंडर ने अहमद से कहा, ‘आपके कृत्यों का उस लड़के और लड़की की जिंदगी पर बहुत गहरा प्रतिकूल असर पड़ा, और वे उसी के साथ जी रहे हैं जो आपने 46 से 53 वर्षों के बीच उनके साथ किया.’

अहमद के खिलाफ आरोपों में उस समय 11 वर्ष की उम्र के रहे एक लड़के के खिलाफ ‘गंभीर यौन शोषण’, और 16 वर्षीय एक लड़की के साथ दो बार बलात्कार का प्रयास किया जाना शामिल है. दोनों ही घटनाएं 1970 के दशक की हैं.

अदालती कार्यवाही के दौरान मौजूद रहे दोनों पीड़ितों ने मांग की कि अहमद की लॉर्ड की उपाधि छीन ली जानी चाहिए. गौरतलब है कि अहमद ने हाउस ऑफ लॉर्ड्स छोड़ दिया था लेकिन उनके नाम के आगे ‘लॉर्ड’ की उपाधि बरकरार है.

शोषण के शिकार बने पुरुष ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि उनको एक लंबी सजा मिली है, लेकिन यह देखकर अच्छा नहीं लग रहा कि लोग अभी भी उन्हें लॉर्ड कहकर संबोधित कर रहे हैं और इसके आगे सब बेमतलब है. यह सही नहीं है कि लोग अभी भी माननीय लॉर्ड अहमद के तौर पर उनका जिक्र कर हैं, वह उत्पीड़न के दोषी हैं और इसमें सम्मानजनक कुछ भी नहीं है.’

पीड़ित महिला ने अपना बयान पढ़ते हुए कहा, ‘मेरे बचपन और वयस्कता के शुरुआती सालों में शर्मिंदगी की भावना मुझ पर हावी रही. यह एक बोझ था जिसे मैं लगातार ढो रही थी और इसकी वजह से मैंने कई सालों तक खामोशी ओढ़े रखी. अब समय आ गया है कि मैं वह बोझ उस उत्पीड़क पर डाल दूं जिसके बारे में मुझे पता है कि उसे व्यक्तिगत तौर पर कोई शर्मिंदगी महसूस नहीं होती.’


यह भी पढ़ेंः दिल्ली में युवती का यौन शोषण कर सरेआम सड़क पर घुमाया, गिरफ्तार नौ लोगों में से सात महिलाएं


यौन शोषण के मामले

न्यूज रिपोर्टों के मुताबिक, अहमद के दो भाइयों मोहम्मद फारूक, 71 वर्ष और मोहम्मद तारिक, 66 वर्ष पर भी उसी लड़के के साथ अभद्रता का आरोप लगाया गया था, जिसका अहमद ने यौन शोषण किया था.

द क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के मुताबिक, घटना 1971 और 1972 के बीच रॉदरहैम में हुई, जब अहमद लगभग 14 या 15 वर्ष के थे. उनके भाई फारूक 20 साल के थे.

कोर्ट ने अहमद के भाइयों को मुकदमा चलाने के योग्य नहीं पाया.

बताया जाता है कि बलात्कार के प्रयास के दो मामले तब के हैं जब 1973-74 में लड़का करीब 11 साल का था. लड़की की उम्र भी उस समय करीब 16 साल की थी.

2016 में मुकदमे के दौरान महिला के पुलिस के पास जाने के बाद दो पीड़ितों के बीच फोन कॉल सुनने के लिए जूरी बनाई गई थी.

लॉर्ड अहमद का राजनीतिक करियर

हाउस ऑफ लॉर्ड्स की तरफ से गठित एक समिति ने अहमद को मदद मांगने आई एक महिला के भावनात्मक और यौन शोषण का दोषी पाया था जिसके बाद अहमद ने सदन छोड़ दिया था. समिति ने उनके निष्कासन की सिफारिश की थी लेकिन समिति की रिपोर्ट पढ़ने के साथ ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया.

वह 1969 में यूके आए थे और मात्र 18 वर्ष की उम्र में (1975 में) लेबर पार्टी में शामिल हो गए और रॉदरहैम के पहले एशियाई काउंसलर और फिर सबसे कम उम्र के मजिस्ट्रेट बने.

1998 में पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने एक पियर यानी हाउस ऑफ लॉर्ड्स का सदस्य नियुक्त किया था. वह विवाहित हैं और तीन बच्चों के पिता हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


यह भी पढ़ेंः नाबालिग के यौन शोषण के मामले में भारतीय मूल के एक व्यक्ति को 15 माह की सजा


 

share & View comments