नई दिल्ली: अर्जेंटीना के महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना का बुधवार को 60 साल की उम्र में निधन हो गया. समाचार एजेंसी एएनआई ने रॉयटर्स का हवाले से बताया कि माराडोना का निधन दिल का दौरा के कारण हुआ है. उनके निधन की जानकारी उनके वकील ने दी.
दो सप्ताह पहले ही उनकी ब्रेन में क्लॉट की वजह से सर्जरी हुई थी. वह आठ दिनों तक अस्पताल में भर्ती थे, इसी महीने की 11 तारीख को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी.
उल्लेखनीय है कि 30 अक्तूबर को उन्होंने अपना 60वां जन्मदिन मनाया था.
चार फीफा विश्व कप खेल चुके माराडोना ने अपनी कप्तानी में 1986 में पहला विश्व कप दिलाया था. माराडोना सबसे पहले 1982 में स्पेन में खेले गए विश्व कप फ़ुटबॉल के दौरान सुर्खियों में आए थे उस दौरान उनकी उम्र मात्र 21 वर्ष थी.
1994 में नशीली दवाओं के सेवन को चलते उन्हें टीम से रवाना कर दिया गया था.
माराडोना बोका जूनियर्स, नैपोली और बार्सिलोना के लिए क्लब फुटबॉल भी खेला था.
बता दें कि अपने करियर के सेकेंड फेज में माराडोना ड्रग्स और शराब की लत के कारण विवादों में भी रहे थे. वह कोकीन के लती हो गए थे. जिसकी वजह से वह विवादों में रहे और 1991 में डोप टेस्ट में पॉजीटिव आने के बाद 15 महीनों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था.
उन्होंने 37 वें जन्मदिन पर, अर्जेंटीना के बोका जूनियर्स के खेल के अपने दूसरे टर्म के दौरान 1997 में पेशेवर फुटबॉल से संन्यास ले लिया था.
माराडोना को 2008 में राष्ट्रीय टीम का कोच नियुक्त किया गया और 2010 के विश्वकप के बाद उन्होंने इसे भी छोड़ दिया. इस विश्वकप में जर्मनी ने उनकी टीम को बुरी तरह हरा दिया था.