नई दिल्ली: लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच बढ़ रहे सैन्य तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यस्थता की पेशकश की है. ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, ‘हमने भारत और चीन दोनों को सूचित किया है कि अमेरिका उनके इस समय जोर पकड़ रहे सीमा विवाद में मध्यस्थता करने के लिए तैयार है, इच्छुक है और सक्षम है.’
हाल के दिनों में लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में भारत और चीन की सेनाओं ने अपनी उपस्थिति काफी हद तक बढ़ाई है. यह दोनों देशों की सेनाओं के बीच दो अलग-अलग, तनातनी की घटनाओं के दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी तनाव बढ़ने और दोनों पक्षों के रुख में कठोरता आने का स्पष्ट संकेत दे रहा है.
कश्मीर मुद्दे पर भी कर चुके हैं पेशकश
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने भारत के साथ उलझे देशों के बीच मध्यस्थता करने की बात कही हो. इससे पहले वह कई बार कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान और भारत के बीच मध्यस्थता की पेशकश कर चुके हैं. आखिरी बार अगस्त 2019 में डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से कश्मीर विवाद को लेकर मध्यस्थता करने की पेशकश की थी. ट्रंप ने तब कहा था, कश्मीर भारत पाकिस्तान के बीच की बेहद उलझी हुई जगह है यहां हिंदू और मुसलमान दोनों हैं.
बता दें कि तब भारत ने ट्रंप की इस पेशकश को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह भारत का आंतरिक मामला है.
हालांकि, बढ़ते तनाव के बीच बुधवार को चीन ने कहा है कि भारत के साथ ‘सीमा पर हालात पूरी तरह से स्थिर और नियंत्रण’ में है. दोनों देशों के पास बातचीत और विचार-विमर्श करके मुद्दों को हल करने के लिए उचित तंत्र और संचार माध्यम मौजूद हैं.
We have informed both India and China that the United States is ready, willing and able to mediate or arbitrate their now raging border dispute. Thank you!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 27, 2020
भारत के सड़क निर्माण से चीन है परेशान
इस पूरे गतिरोध की वजह भारत द्वारा लद्दाख में अक्साई चिन की गलवां घाटी में महत्वपूर्ण सड़क का निर्माण है जिसे लेकर चीन आपत्ति जता रहा है. पांच मई को लगभग 250 भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच लोहे की छड़ों और डंडों के साथ झड़प हुई थी. इसमें दोनों तरफ के कई सैनिक घायल हो गए थे. हालांकि सड़क का निर्माण रोक दिया गया है. लेकिन दोनों देशों ने अपनी सीमा रेखा पर सैनिकों की गश्त बढ़ा दी है और आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक अहम बैठक भी ली है.
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच चल रहे गतिरोध पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने कहा कि सीमा से संबंधित मुद्दों पर चीन का रुख स्पष्ट और सुसंगत है. उन्होंने कहा, ‘हम दोनों नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति और दोनों देशों के बीच हुए समझौते का सख्ती से पालन करते रहे हैं.’
भारत ने कहा है कि चीनी सेना लद्दाख और सिक्किम में एलएसी पर उसकी सेनाओं की सामान्य गश्त में बाधा डाल रही है और उसने बीजिंग के उस दावे का कड़ा खंडन किया कि दोनों सेनाओं के बीच तनाव भारतीय सेना के चीनी सीमा की ओर घुसपैठ करने से बढ़ा है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की सभी गतिविधियां सीमा पर उसकी तरफ हैं. उसने कहा कि भारत सीमा प्रबंधन पर हमेशा बहुत जिम्मेदाराना रुख अपनाता है. साथ ही उसने कहा कि भारत अपनी संप्रभुत्ता तथा सुरक्षा की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.
क्या कहा चीन ने
वह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो अनौपचारिक बैठकों के बाद उनके उन निर्देशों का जिक्र कर रहे थे जिनमें उन्होंने दोनों देशों की सेनाओं को परस्पर विश्वास पैदा करने के वास्ते और कदम उठाने के लिए कहा था.
विदेश मंत्रालय के बयान से एक दिन पहले राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सबसे खराब स्थिति की कल्पना करते हुए सेना को युद्ध की तैयारियां तेज करने का आदेश दिया और उससे पूरी दृढ़ता के साथ देश की सम्प्रभुता की रक्षा करने को कहा.
झाओ ने कहा, ‘हम अपनी क्षेत्रीय संप्रभुत्ता और सुरक्षा की रक्षा तथा सीमावर्ती इलाकों में शांति एवं स्थिरता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. अब चीन-भारत सीमा इलाके में हालात पूरी तरह स्थिर और नियंत्रण में हैं.’
उन्होंने सीमा पर तनाव को कम करने के लिए कूटनीतिक प्रयास किए जाने की खबरों की पुष्टि करते हुए कहा, ‘‘दोनों देशों के पास सीमा से संबंधित अच्छा तंत्र और संचार माध्यम हैं. हम बातचीत और विचार-विमर्श के जरिए मुद्दों को सुलझाने में सक्षम हैं.’’
यह पूछे जाने पर कि बातचीत कहां हो रही है, इस पर झाओ ने कहा कि दोनों देशों ने सीमा संबंधित तंत्र और कूटनीतिक माध्यम स्थापित किए हैं.
उन्होंने कहा, ‘इसमें सीमा बलों और हमारे राजनयिक मिशनों के बीच बातचीत शामिल है.’ करीब 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी दोनों देशों के बीच वस्तुत: सीमा का काम करती है.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)