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Thursday, 9 May, 2024
होमविदेशSCO सम्मेलन में राजनाथ का चीन पर निशाना, कहा- क्षेत्रीय स्थिरता के लिए आक्रामकता नहीं, आपसी विश्वास और शांति का तेवर चाहिए

SCO सम्मेलन में राजनाथ का चीन पर निशाना, कहा- क्षेत्रीय स्थिरता के लिए आक्रामकता नहीं, आपसी विश्वास और शांति का तेवर चाहिए

सिंह ने अपने संबोधन में द्वितीय विश्व युद्ध का भी उल्लेख किया और कहा कि उसकी स्मृतियां दुनिया को सबक देती हैं कि एक देश की दूसरे देश पर ‘आक्रमण की अज्ञानता’ सभी के लिए विनाश लाती है.

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नई दिल्ली: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को रूस के मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए चीन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए आपसी विश्वास का माहौल, गैर-आक्रामकता, एक दूसरे के प्रति संवेदनशीलता तथा मतभेदों का शांतिपूर्ण समाधान जरूरी है.

रक्षा मंत्री के ये बयान भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण सीमा विवाद के बीच आये हैं. दोनों ही देश आठ सदस्यीय क्षेत्रीय समूह का हिस्सा हैं जो मुख्य रूप से सुरक्षा और रक्षा से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देता है.

सिंह ने अपने संबोधन में द्वितीय विश्व युद्ध का भी उल्लेख किया और कहा कि उसकी स्मृतियां दुनिया को सबक देती हैं कि एक देश की दूसरे देश पर ‘आक्रमण की अज्ञानता’ सभी के लिए विनाश लाती हैं.

उन्होंने ये बयान चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेइ फेंगहे की मौजूदगी में दिये.

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सिंह ने कहा, ‘एससीओ के सदस्य देशों, जहां दुनिया की 40 प्रतिशत से अधिक आबादी रहती है, के शांतिपूर्ण, स्थिर और सुरक्षित क्षेत्र के लिए विश्वास और सहयोग, गैर-आक्रामकता, अंतरराष्ट्रीय नियम-कायदों के लिए सम्मान, एक दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशीलता तथा मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत है.’

उन्होंने कहा, ‘इस साल द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति और संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ है. संयुक्त राष्ट्र एक शांतिपूर्ण दुनिया को आधार प्रदान करता है जहां अंतरराष्ट्रीय कानूनों तथा देशों की संप्रभुता का सम्मान किया जाता है एवं देश दूसरे देशों पर एकपक्षीय तरीके से आक्रमण करने से बचते हैं.’

रक्षा मंत्री ने आतंकवाद और उग्रवाद के खतरों की भी बात की और इन चुनौतियों से निपटने के लिए संस्थागत क्षमता विकसित करने की वकालत की.

उन्होंने कहा, ‘मैं आज दोहराता हूं कि भारत वैश्विक सुरक्षा ढांचे के विकास के लिए प्रतिबद्ध है जो खुला, पारदर्शी, समावेशी, नियम आधारित तथा अंतरराष्ट्रीय कानूनों के दायरे में काम करने वाला होगा.’

राजनाथ सिंह ने कहा कि अतिवादी दुष्प्रचार और कट्टरवाद से मुकाबले के लिए एससीओ द्वारा आतंक रोधी तंत्र को अंगीकृत किया जाना एक महत्वपूर्ण फैसला है.

रक्षामंत्री ने कहा कि भारत आतंकवाद के सभी प्रारूपों और इसका समर्थन करने वालों की स्पष्ट तौर पर निंदा करता है.

सिंह ने कहा कि अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति अभी भी चिंताजनक है. राजनाथ ने कहा कि अफगान नेतृत्व वाली और अफगान नियंत्रित शांति प्रक्रिया की दिशा में भारत अफगानिस्तान के लोगों और सरकार का समर्थन करता रहेगा.

रक्षामंत्री ने कहा कि भारत फारस की खाड़ी में हालात को लेकर काफी चिंतित है. हम खाड़ी क्षेत्र के देशों को आपसी सम्मान और संप्रभुता पर आधारित वार्ता के जरिए मतभेद सुलझाने का आह्वान करते हैं.

राजनाथ ने एससीओ बैठक में द्वितीय विश्व युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी यादें सिखाती हैं कि एक देश का दूसरे देश के प्रति अच्छी भावना नहीं रखने के कारण सबकी तबाही हुई.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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