नई दिल्ली: इराक में शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर के राजनीति छोड़ने के बाद धर्मगुरु के समर्थकों और सुरक्षाबलों के बीच हुई झड़प में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है. स्पूतनिक न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक इस झड़प में 300 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं.
सोमवार को मुक्तदा अल-सदर ने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया था जिसके बाद उनके हजारों समर्थकों ने इराक के राष्ट्रपति भवन पर हमला कर दिया.
इस बीच धर्मगुरु ने भूख हड़ताल शुरू कर दी. इराक के सरकारी मीडिया को हवाले देते हुए अल-जज़ीरा ने छापा, ‘इराक के मुक्तदा अल-सदर ने हिंसा और हथियार के इस्तेमाल के बंद न होने तक भूख हड़ताल की घोषणा की है.’
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने हिंसा से बचने और स्थिति को तुरंत काबू करने की अपील की. स्टीफन दुजारिक, जो कि महासचिव के प्रवक्ता हैं, उन्होंने बयान में कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख की अपील है कि इस मामले से जुड़े सभी लोग मतभेदों को अलग रख एक साथ आएं.
गौरतलब है कि इस साल जुलाई में भी शिया नेता मुक्तदा अल-सदर के समर्थकों ने बगदाद स्थित संसद की इमारत पर हमला किया था और कथित तौर पर इरान समर्थित पार्टियों द्वारा उतारे गए प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी का विरोध किया था. प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री पद के लिए मोहम्मद शिया अल-सुदानी की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे थे.
बता दें कि मुक्तदा अल-सदर के गुट ने अक्टूबर 2021 के चुनाव में 73 सीटें जीती थीं और 329 सदस्यों वाली संसद में सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी थी.
इसी तरह की घटना 2016 में भी हुई थी जब मुक्तदा अल-सदर के समर्थकों ने संसद पर हमला किया था. भ्रष्टाचार और बेरोजगारी को लेकर 2019 में भी कई प्रदर्शन उभरे थे.
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