नई दिल्ली: पाकिस्तान में देर रात कथित रूप से पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा सिंध के इंस्पेक्टर जनरल को किडनैप कर उनसे पीएमएल-एन नेता मरियम नवाज शरीफ के पति की गिरफ्तारी के आदेश पर जबरन हस्ताक्षर कराने के आरोप ने सनसनी फैला दी है.
इस घटना के विरोध में सिंध पुलिस के आला अधिकारियों ने छुट्टी पर जाने की अर्जी दे दी थी. हालांकि बाद में सेना प्रमुख से मामले की जांच के आश्वासन के बाद पुलिस अधिकारियों ने अपनी छुट्टी स्थगित कर दी है.
10 days? pic.twitter.com/3iXRTwhbim
— Mariana Baabar (@MarianaBaabar) October 21, 2020
Sindh Police Chief was kidnapped and held against his will to arrest #CaptainSafdar to satisfy a few egos, @NawazSharifMNS says https://t.co/sNgix6D7Qz pic.twitter.com/PvH9YvPPtK
— Murtaza Ali Shah (@MurtazaViews) October 20, 2020
Karachi events endorse our narrative “State above the State”;
You ridiculed mandate of provincial govt;
Trampled on sanctity of family privacy;
Abducted senior police officers to extort orders;
Defamed our Armed Forces;
Addl IGP’s letter proves that you subverted the Constitution pic.twitter.com/NWZ6RAGDRl— Nawaz Sharif (@NawazSharifMNS) October 20, 2020
पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ ने ट्वीट कर मामले की निंदा की है. उन्होंने एक प्रांतीय सरकार के जनादेश का मजाक बनाया, संविधान को विकृत करने का आरोप लगाया है.
पुलिस और रेंजर आमने-सामने
मामला 18-19 अक्टूबर की दरमियानी रात का है जब पीएमएल-एन के रिटायर्ड कप्तान मोहम्मद सफदर को कराची में हिरासत में ले लिया गया था.
उनकी गिरफ्तारी के बाद एक पत्रकार ने वॉयस मैसेज साझा किया जिसमें कथित तौर पर पीएमएल-एन नेता और सिंध प्रांत के पूर्व गवर्नर मोहम्मद ज़ुबैर की आवाज है, इसमें वो कह रहे हैं कि पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल को अगवा किया गया और उनको मरियम, उनके पति सफदर और 200 अन्य के खिलाफ कायद-ए-आज़म मोहम्मद अली जिन्ना की मज़ार की बदअदबी का आरोप लगाते हुए एफआईआर पर जबरन हस्ताक्षर कराये.
ट्विटर पर चल रही इस क्लिप में ज़ुबैर ये कहते सुनाई दे रहे हैं, ‘मुख्यमंत्री मुराद शाह ने इस बात की पुष्टि की है कि पुलिस पर दबाव बनाया गया कि ये गिरफ्तारियां की जायें.’ जब पुलिस ने मना किया तो रेंजर्स ने (आईजीपी) को अगवा कर लिया.’
पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम का भी आरोप है कि सिंध के आईजी को जबरन – ‘सेक्टर कमांडर के घर ले जाकर अरेस्ट ऑडर पर साइन कराये गये.’ उनका ये भी कहना था कि अगर आईजी खुद ये गिरफ्तारी करने को तैयार नहीं होते तो रेंजर्स इसको अंजाम देने का काम करेंगे. उनके इस आरोप का मैरिटाइम मामलों के मंत्री अली जैदी ने बकवास बताया.
इस घटना के बाद सिंध पुलिस के अधिकारियों ने धड़ाधड़ छुट्टी पर जाने की अर्जी दे डाली थी. इनमें सिंध के आईजीपी सहित कई आला अफसरों ने एक जैसी अर्जी दी और कहा कि कैप्टन सफदर के एफआईआर के मामले से उभरे शॉक से निकलने के लिए छुट्टी चाहिए.
which he has also assured will be impartial in order to restore the prestige of Sindh police. Sindh Police is also grateful to the chairman of the PPP Bilawal Bhutto Zardari and the honourable CM Sindh for coming to the IG House and showing solidarity with the police leadership.
— Sindh Police (@sindhpolicedmc) October 20, 2020
सिंध पुलिस की तारीफ में मरियम ने ट्वीट कर कहा-
I salute the Sindh Police!
“If you want to raise the prestige and greatness of Pakistan, you must not fall victim to any pressure,but do your duty as servants to the people and the State,fearlessly and honestly”
Quaid-e-Azam Muhammad Ali Jinnah’s speech to Civil Servants (1948)— Maryam Nawaz Sharif (@MaryamNSharif) October 20, 2020
इस तरह से अधिकारियों के छुट्टी पर जाने की अर्जी के बाद पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टों ज़रदारी ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाज और आईएसआई के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल फैज़ हमीद से मामले की जांच की गुजारिश की और जानना चाहा कि फौज कैसे सिंध में काम कर रही है. साथ ही बिलावल सिंध के मुख्यमंत्री के साथ वहां के आईजी से मुलाकात कर मामले को सुलझाने पहुंचे.
इसके बाद सिंध पुलिस ने कहा कि वे आर्मी प्रमुख के शुक्रगुजार हैं कि वे पुलिस के आत्मसम्मान को हुए नुकसान को समझ पाये और तुरंत जांच के आदेश दिए औऱ आश्वस्त किया कि जांच निष्पक्ष होगी. साथ ही सिंध के आईजी समेत अन्य अधिकारियों ने 10 दिनों के लिए अपनी छुट्टी की अर्जी ‘राष्ट्र हित में’ आगे बढ़ा दी है और वे जांच के पूरे होने का इंतज़ार करेंगे.
क्या था आरोप
अक्टूबर 18 को पीपीपी ने कराची में एक रैली की थी. सफदर ने अपने पार्टीे के कर्मचारियों और मरियम के साथ कायद-ए -आज़म की मज़ार में घुस कर नारेबाजी की थी जिसकी बहुत आलोचना हुई थी. अगले दिन इनके होटल के कमरे से उनको गिरफ्तार कर लिया गया था – उन पर जिन्ना की मजार की बेदअदबी और कुछ लोगों की हत्या करने की धमकी देने का आरोप लगाया गया था. सफदर को बाद में बेल पर रिहा कर दिया गया था.