नई दिल्ली: चीन के साथ संबंध रखने वाले हैकर यूक्रेन के खिलाफ कथित साइबर हमले शुरू कर दिए हैं. रूस के हमलों के दौरान रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वो यूक्रेनी सरकार को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
खबर के मुताबिक, मार्च महीने में,अमेरिका में गूगल की सुरक्षा शाखा के शोधकर्ताओं और ‘इंट्रूज़न ट्रुथ’ नाम के विश्लेषकों के एक समूह ने ट्विटर पर बार-बार होने वाले चीनी साइबर हमलों के बारे में लेख पोस्ट किए. ‘इंट्रूज़न ट्रुथ’ ने यह भी खुलासा किया कि हैकर्स के चीन की सेना, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ संबंध हैं. इससे पता चलता है कि वो यूक्रेनी सरकार को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
यूक्रेन की साइबर डिफेंस यूनिट ने इन साइबर हमलों को लेकर चेतावनी जारी की थी. एक घटना में पूरे यूक्रेन में मैलवेयर युक्त एक ईमेल भेजा गया था. ईमेल में यूजर्स को रूसी सेना द्वारा नागरिकों को किए जा रहे नुकसान का सबूत देने वाले वीडियो को स्टोर करने के लिए कहा. एशिया निक्केई की रिपोर्ट के अनुसार, ईमेल में मैलवेयर का उपयोग एकत्रित डेटा को चुराने या नष्ट करने के लिए किया जाता है.
सेंटीनेलवन नाम की एक अमेरिकी सुरक्षा कंपनी ने यह भी पता लगाया है कि हैकर ग्रुप स्कारब के शी जिनपिंग सरकार के साथ संबंध हैं. शोधकर्ता, टॉम हेगेल ने कहा कि यह हमला ‘युद्ध के दौरान यूक्रेन पर एक गैर-रूसी द्वारा किया गया पहला हमला है.’
चीन के साइबर स्पेस में गुपचुप तरीके से पैंतरेबाज़ी करने के कई संकेत मिले हैं.
न केवल अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियों बल्कि द टाइम्स ऑफ लंदन ने भी चीन द्वारा साइबर हमले की सूचना दी है. टाइम्स ऑफ लंदन ने खुफिया ज्ञापनों का हवाला दिया और बताया कि चीन ने ‘रूस के आक्रमण के बीच यूक्रेन की सैन्य और परमाणु सुविधाओं पर एक बड़ा साइबर हमला किया.’
टाइम्स के अनुसार, यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय और अन्य संस्थानों से संबंधित 600 से अधिक वेबसाइट को ‘हजारों हैकिंग प्रयासों का सामना करना पड़ा.’
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