नई दिल्ली: बॉन्डी बीच में गोलीबारी करने वाला व्यक्ति 1998 में भारत से ऑस्ट्रेलिया गया था, जबकि उसका बेटा ऑस्ट्रेलिया में पैदा हुआ था. यह जानकारी दिप्रिंट को मिली है.
सुरक्षा तंत्र से जुड़े सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि 50 वर्षीय साजिद अकरम तेलंगाना के हैदराबाद का रहने वाला था. रविवार को घटनास्थल पर पुलिस ने साजिद को गोली मारकर ढेर कर दिया. उनके मुताबिक, उसके बेटे नावीद अकरम के पास ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता थी.
न्यू साउथ वेल्स पुलिस के अनुसार, 24 वर्षीय नावीद अकरम को पकड़कर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे होश आ गया.
पिता और बेटे ने यहूदी समुदाय के हनुक्का कार्यक्रम को निशाना बनाया और एक बच्चे समेत कम से कम 15 लोगों की हत्या कर दी. इस गोलीबारी में दो पुलिस अधिकारी भी घायल हुए.
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने सिडनी के बॉन्डी बीच पर हुई इस गोलीबारी को यहूदी कार्यक्रम को निशाना बनाकर किया गया ‘आतंकी हमला’ बताया है.
सूत्रों ने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने दोनों के बारे में अधिक जानकारी के लिए भारत से संपर्क किया है. यह भी पता चला है कि साजिद पिछले 27 सालों में कम से कम तीन बार भारत आया था.
एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, “वह पुराने हैदराबाद शहर का रहने वाला था और उसके परिवार के सदस्य अब भी यहां रहते हैं, जिनमें उसके दो भाई शामिल हैं.” सूत्र ने यह भी बताया कि साजिद 2009 के आसपास अपने पिता की मौत के समय भारत नहीं आया था. उन्होंने कहा कि साजिद आखिरी बार 2022 में भारत आया था.
इस बीच, फिलीपींस के ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने रॉयटर्स को बताया कि दोनों पिछले महीने फिलीपींस गए थे. ब्यूरो के प्रवक्ता ने कहा कि साजिद ने भारतीय पासपोर्ट पर यात्रा की थी, जबकि उसका बेटा ऑस्ट्रेलियाई पासपोर्ट पर गया था. उन्होंने बताया कि दोनों 28 नवंबर को उसी उड़ान से फिलीपींस पहुंचे और उसी उड़ान से लौट भी गए, यानी हमले से कुछ हफ्ते पहले.
मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में न्यू साउथ वेल्स पुलिस कमिश्नर माल लैन्यन ने पुष्टि की कि पिता और बेटे द्वारा इस्तेमाल की गई गाड़ी से दो घर में बनाए गए ISIS के झंडे बरामद किए गए हैं. यह गाड़ी नावीद के नाम पर रजिस्टर्ड थी. लैन्यन ने यह भी पुष्टि की कि पिता-पुत्र की जोड़ी फिलीपींस गई थी, लेकिन उन्होंने फिलीपींस यात्रा के विवरण और ISIS से उनके संबंधों के इतिहास पर कोई जानकारी देने से इनकार किया.
पुलिस कमिश्नर ने कहा, “मैं यह भी पुष्टि करता हूं कि जो गाड़ी छोटे युवक के नाम पर रजिस्टर्ड था, उसमें IEDs थे. मैं यह भी पुष्टि करता हूं कि उसमें घर में बनाए गएो दो ISIS के झंडे भी थे. हम इस त्रासदी के मकसद की जांच कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे. यह बहुत जरूरी है कि हमारे जांचकर्ताओं को इसके लिए समय दिया जाए.”
उन्होंने कहा, “यह एक बेहद जटिल जांच है और इसे पूरी गंभीरता से करना जरूरी है.”
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