नई दिल्लीः अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारतीय मूल के अमेरिकी वकील एवं राजनयिक रिचर्ड वर्मा को एक शीर्ष कूटनीतिक पद के लिए नामित किया है.
54 साल के वर्मा अभी मुख्य विधि अधिकारी और मास्टरकार्ड में हेड ऑफ ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी हैं. वह 16 जनवरी 2015 से 20 जनवरी 2017 तक भारत में अमेरिका के राजदूत भी रहे.
अगर सीनेट उनके नाम पर मुहर लगाती है तो वह प्रबंधन एवं संसाधनों के उप विदेश मंत्री पद पर तैनात होंगे जिससे वह विदेश विभाग में शीर्ष पद पर तैनात होने वाले भारतीय-अमेरिकी बन जाएंगे.
वर्मा इससे पहले ओबामा प्रशासन के दौरान विधायी मामलों के लिए सहायक विदेश मंत्री भी रह चुके हैं.
वे अमेरिकी सीनेटर हैरी रीड के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी रह चुके हैं. उसी समय, वह डेमोक्रेटिक व्हिप, अल्पसंख्यक नेता और संयुक्त राज्य अमेरिका की सीनेट के तत्कालीन बहुमत के नेता थे.
उन्होंने द एशिया ग्रुप के वाइस चेयरमैन, स्टेप्टो एंड जॉनसन एलएलपी में पार्टनर और सीनियर काउंसलर और अलब्राइट स्टोनब्रिज ग्रुप में सीनियर काउंसलर के रूप में काम किया है. वह संयुक्त राज्य वायु सेना के एक अनुभवी हैं जहां उन्होंने जज एडवोकेट के रूप में सक्रिय ड्यूटी पर काम किया.
उन्होंने राज्य विभाग से विशिष्ट सेवा पदक, विदेश संबंध परिषद से अंतर्राष्ट्रीय मामलों की फैलोशिप और संयुक्त राज्य वायु सेना से मेधावी सेवा पदक सहित कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं.
उन्हें राष्ट्रपति के खुफिया सलाहकार बोर्ड में नियुक्त किया गया था और वे आतंकवादी समूहों के विनाश के लिए गठित आयोग के हथियारों के पूर्व सदस्य हैं.
वह द फोर्ड फाउंडेशन के एक ट्रस्टी के रूप में कार्य करते हैं, और कई अन्य बोर्डों में भी शामिल हैं, जिसमें नेशनल एंडोमेंट फॉर डेमोक्रेसी और लेहाई यूनिवर्सिटी शामिल हैं.
हार्वर्ड विश्वविद्यालय में लक्ष्मी मित्तल साउथ एशिया इंस्टीट्यूट में विशेषज्ञ और मशहूर वकील रौनक डी देसाई ने कहा, ‘राजदूत वर्मा विदेश विभाग में दूसरे नंबर के अधिकारी बनने के लिए एकदम योग्य हैं. उनके अनुभव और दूरदृष्टि की व्यापकता उन्हें दुनियाभर में अमेरिकी हितों और मूल्यों को बढ़ावा देने तथा उनकी रक्षा करने में एक शक्तिशाली नेता बनाती है.’
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