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शनिवार, 10 मई, 2025
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हसीना के देश छोड़ने के नौ महीने बाद बांग्लादेश में अवामी लीग पर प्रतिबंध लगने की संभावना

छात्र-संचालित नई नेशनल सिटिजन पार्टी और इस्लामिस्ट समूहों के दबाव के बीच यूनुस सरकार ने कहा है कि वह ‘तानाशाही और आतंकवादी गतिविधियों’ के आरोपों पर पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर विचार कर रही है.

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नई दिल्ली: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पर देश में प्रतिबंध लगने की संभावना है. अंतरिम सरकार ने कहा है कि वह इस कदम पर “गंभीरता से विचार” कर रही है. यह कदम नवगठित नेशनल सिटिजन पार्टी, इस्लामिस्ट समूहों और नागरिक समाज समूहों की ओर से बढ़ते दबाव के बीच उठाया गया है.

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के कार्यालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि इस मामले पर “जल्द ही फैसला लिया जाएगा”.

यह बयान छात्र प्रदर्शनकारियों के नेतृत्व में नेशनल सिटिजन पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात को यूनुस के आवास ‘जमुना’ के बाहर इकट्ठा होने और अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने की मांग के बाद आया है.

डेली स्टार ने शनिवार को रिपोर्ट की कि सलाहकार परिषद शनिवार शाम को एक आपातकालीन बैठक आयोजित करने वाली है, जिसमें प्रतिबंध पर चर्चा की जा सकती है.

रात भर चले विरोध प्रदर्शनों में जमात-ए-इस्लामी, इसकी छात्र शाखा इस्लामी छात्र शिबिर और हिफाजत-ए-इस्लाम सहित इस्लामी समूहों के नेता और समर्थक शामिल हुए, जिससे अंतरिम सरकार पर दबाव बढ़ गया.

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, “सरकार तानाशाही और आतंकवादी गतिविधियों के आरोप में अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर गंभीरता से विचार कर रही है.”

प्रदर्शनकारियों ने दुआएं की और धरने दिए, जो शुक्रवार को भी जारी रहा. इस बीच राजधानी में अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने के नारे गूंजते रहे.

बयान में कहा गया, “सरकार ने इस संबंध में राजनीतिक दलों से संपर्क स्थापित कर लिया है.” उन्होंने कहा कि सोच-विचार जारी है और “जल्द ही फैसला लिया जाएगा”.

बयान में कहा गया, “इस संबंध में सरकार अवामी लीग के नेताओं और समर्थकों की आतंकवादी गतिविधियों पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट पर विचार कर रही है. तब तक सभी से संयम बरतने की उम्मीद की जाती है. यह ध्यान देने वाली बात है कि सरकार ने जनता की मांग का सम्मान करते हुए मौजूदा कानून के तहत आतंकवादी संगठन छात्र लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है.”

एनसीपी नेता सरजिस आलम ने गुरुवार को कहा, “हमारा आंदोलन शुरू हो गया है. यह अभियान एक दिन या एक महीने तक भी चल सकता है. अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा होने तक हमें सड़क पर ही रहना होगा.”

हसीना को पिछले साल 5 अगस्त को कई हफ्तों तक चली हिंसक और घातक झड़पों के बाद प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था. यूनुस ने तीन दिन बाद 8 अगस्त को पदभार ग्रहण किया.

अंतरिम सरकार ने मानवता के खिलाफ अपराधों में शामिल संगठनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध (न्यायाधिकरण) अधिनियम में संशोधन करने की योजना की भी घोषणा की.

जबकि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी), जो ऐतिहासिक रूप से अवामी लीग की मुख्य प्रतिद्वंद्वी रही है, उसने प्रतिबंध के आह्वान से खुद को दूर रखा है, अवामी लीग के अधिकांश नेता या तो जेल में हैं या देश और विदेश में छिपे हुए हैं.

पूर्व प्रधानमंत्री हसीना, जो वर्तमान में भारत में हैं, बांग्लादेश में कई अदालती मामलों का सामना कर रही हैं.

मार्च में अवामी लीग के कार्यकर्ताओं के साथ एक वर्चुअल मीटिंग में हसीना ने उन लोगों पर अपना गुस्सा निकाला, जिन्होंने उन्हें पद से हटाने के लिए मजबूर किया. उनके बेटे साजिब वाजेद ने एनसीपी के नेतृत्व को “आतंकवादी छात्र” करार देते हुए इस मुद्दे को और भी अधिक तूल दे दिया.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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