कैनबरा/ लंदन/ वाशिंगटन: ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने अफगानिस्तान में अपने नागरिकों को काबुल हवाई अड्डे पर न जाने की सलाह दी है. दोनों देशों ने वहां रह रहे अपने नागरिकों को सतर्क रहने और हवाई अड्डे से दूर रहने को कहा है.
दोनों देशों ने नागरिकों को आगाह करते हुए कहा है कि काबुल हवाई अड्डे पर ‘आतंकवादी हमला होने का बहुत गंभीर खतरा है.’ इसलिए दोनों ही देशों के विदेश मंत्रालय ने काबुल हवाई अड्डा परिसर में मौजूद अपने अपने नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर जाने और अगले आदेश की प्रतीक्षा करने की सलाह दी जाती है.
ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मारिसे पायने ने कहा कि यह यात्रा परामर्श ब्रिटेन और न्यूजीलैंड की संशोधित यात्रा सलाह के समान है. काबुल में अमेरिकी दूतावास ने भी सुरक्षा मुद्दे पर अमेरिकी नागरिकों को हवाईअड्डे के तीन विशिष्ट द्वारों से दूर रहने की चेतावनी दी है.
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने पिछले हफ्ते बुधवार से करीब 4,000 लोगों को हवाईअड्डे से सुरक्षित निकाला है जिनमें से 1,200 को कल रात निकाला गया.
उन्होंने कहा, ‘बेहद खतरनाक माहौल बना हुआ है.’
मॉरीसन ने कहा, ‘खतरा एवं जोखिम हर गुजरते दिन के साथ बढ़ रहा है, जैसा कि हम हमेशा से जानते थे कि ये बढ़ेगा, और इसलिए हम जल्दबाजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं.’
अफगानिस्तान में ब्रिटेन के कितने नागरिक हैं, इसकी अभी सटीक जानकारी नहीं मिल पाई है. ब्रिटेन की सेना ने हाल में वहां से 11,000 से अधिक लोगों को निकाला है, जिसमें ब्रिटेन के हजारों नागरिक और सात हजार से अधिक अफगान शामिल हैं.
ब्रिटेन तनावग्रस्त देश से अमेरिकी सेना के निकलने से पहले वहां अपना निकासी अभियान पूरा करने की योजना बना रहा है.
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अफगानिस्तान से लोगों को ले जा रहे विमान में बच्ची का जन्म
वहीं भारी अफरातफरी के बीच अफगानिस्तान से लोगों को ले जा रहे सी-17 सैन्य विमान में सवार यात्रियों के चेहरों पर उस वक्त मुस्कान आ गयी जब उड़ान के दौरान ही एक अफगान बच्ची का जन्म हुआ. बच्ची के माता-पिता ने उसका नाम विमान के कॉल संकेत के नाम पर ‘रीच’ रख दिया है.
विमान संख्या के साथ कॉल संकेत हवाई यातायात कर्मियों तथा रेडियो वॉयस संचार के लिए विमान की पहचान होता है.
अमेरिकी यूरोपीय कमान के प्रमुख ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि अधिकारियों ने बच्ची की मां और पिता से बात की.
जनरल टोड वोल्टर्स ने बताया कि माता-पिता ने उसका नाम रीच रखा है क्योंकि विमान का कॉल संकेत रीच 828 है. उसका जन्म शनिवार को हुआ और 86वें चिकित्सा समूह के सदस्यों ने प्रसव में मदद की. इस विमान ने काबुल से जर्मनी के रमस्टीन वायु सेना अड्डे के लिए उड़ान भरी थी.
यूरोपीय कमान ने बताया कि बच्ची की मां को उड़ान के दौरान प्रसव पीड़ा हुई और निम्न रक्त चाप के कारण उसकी हालत बिगड़ गयी. विमान में हवा का दबाव बढ़ाने के लिए पायलट विमान को ऊंचाई पर ले गया जिससे मां की हालत स्थिर हुई. सेना के चिकित्सा कर्मियों ने विमान में प्रसव कराया.
वोल्टर्स ने बताया कि बच्ची और परिवार दोनों ठीक हैं. जर्मनी में अमेरिका के सैन्य अस्पताल में पिछले हफ्ते अफगानिस्तान से लायी गयी दो अन्य महिलाओं ने भी बच्चों को जन्म दिया था.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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