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शुक्रवार, 6 जून, 2025
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पश्चिम अफ्रीकी देश गिनी की सेना ने राष्ट्रपति को हिरासत में लेकर सरकार भंग की, जमीनी सीमाएं भी की बंद

कोंडे वर्ष 2010 में सबसे पहले राष्ट्रपति चुने गए थे जो 1958 में फ्रांस से आजादी मिलने के बाद देश में पहला लोकतांत्रिक चुनाव था.

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कोनाक्री (गिनी): पश्चिम अफ्रीकी देश गिनी की सेना ने रविवार को राष्ट्रपति भवन के पास भारी गोलीबारी के कुछ घंटों बाद राष्ट्रपति अल्फा कोंडे को हिरासत में ले लिया और फिर सरकारी टेलीविजन पर सरकार को भंग करने की घोषणा की.

विद्रोही सैनिकों ने अपने कब्जे की घोषणा के बाद देश में लोकतंत्र बहाली का संकल्प व्यक्त किया और खुद को ‘द नेशनल कमेटी ऑफ गैदरिंग एंड डवेलपमेंट’ नाम दिया.

कर्नल ममादी डोंबोया ने कहा, ‘हम अब राजनीति एक आदमी को नहीं सौंपेंगे, हम इसे लोगों को सौंपेंगे. संविधान भी भंग किया जाएगा और जमीनी सीमाएं एक सप्ताह के लिए बंद कर दी गई हैं.’

इससे पहले गिनी की राजधानी कोनाक्री में रविवार तड़के राष्ट्रपति भवन के पास भारी गोलीबारी हुई, जो कई घंटों तक जारी रही.

रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि हमले को विफल कर दिया गया है, लेकिन जब सरकारी टेलीविजन या रेडियो पर कोंडे की तरफ से कोई संदेश नहीं आया तो अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न हो गई. बाद में बताया गया कि कोंडे को हिरासत में ले लिया गया है.

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने ट्वीट कर कहा कि वो गिनी के हालात पर व्यक्तिगत रूप से नज़र बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘सैन्य तरीके से सरकार पर कब्जा करना सही नहीं है और जल्द से जल्द राष्ट्रपति अल्फा कोंडे को रिहा किया जाए.’

कोंडे के तीसरे कार्यकाल को लेकर पिछले कुछ समय से आलोचना हो रही थी. वहीं, कोंडे का कहना था कि उनके मामले में संवैधानिक अवधि की सीमाएं लागू नहीं होतीं. अंततः उन्हें फिर से चुन लिया गया, लेकिन इस कदम ने सड़क पर हिंसक प्रदर्शन भड़का दिए थे.

कोंडे वर्ष 2010 में सबसे पहले राष्ट्रपति चुने गए थे जो 1958 में फ्रांस से आजादी मिलने के बाद देश में पहला लोकतांत्रिक चुनाव था. कई लोगों ने उनके राष्ट्रपति बनने को देश के लिए एक नयी शुरुआत के तौर पर देखा था लेकिन उनके शासन पर भ्रष्टाचार, निरंकुशता के आरोप लगे.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)


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