वॉशिंगटन: ईरान के साथ अमेरिका का टकराव सेना की तैनाती तक पहुंच गया है. अमेरिका की सरकार ईरान के साथ मौजूदा तनाव के बीच मध्य पूर्व में लगभग 1,000 अतिरिक्त सैनिक तैनात करेगी. अमेरिका के कार्यकारी रक्षा सचिव पैट्रिक शैनहान ने इसकी घोषणा की है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, शैनहान ने सोमवार को दिए एक बयान में कहा, ‘मैंने मध्य पूर्व में वायु, जल और जमीनी खतरों से निपटने के लिए रक्षात्मक उद्देश्य से लगभग 1,000 अतिरिक्त सैनिकों को तैनात करने की अनुमति दे दी है.’
पेंटागन के कार्यकारी प्रमुख ने कहा कि यह तैनाती अमेरिका सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के आग्रह और वाइट हाउस से चर्चा के बाद जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ के चेयरमैन की सलाह पर की गई है.
शैनहान ने कहा कि यह निर्णय ईरान के शत्रुतापूर्ण व्यवहार के कारण लिया गया है. ईरान से क्षेत्र में अमेरिकीकर्मियों और हितों को खतरा है.
अमेरिका ने यह कदम 13 जून को ओमान की खाड़ी में तेल के दो टैंकरों पर हमले होने बाद लिया है. अमेरिकी प्रशासन ने हमलों के लिए ईरान पर आरोप लगाया था जिसे उसने खारिज कर दिया.
ईरान सम्मान दिखाने पर वार्ता को था तैयार
वहीं इससे पहले ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने संकेत दिया था कि अगर अमेरिका सम्मान दर्शाता है और अंतर्राष्ट्रीय नियमों का पालन करता है, तो ईरान वार्ता करने के लिए सहमत हो सकता है, लेकिन कहा कि तेहरान जबरन वार्ता के लिए तैयार नहीं होगा.
ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने को तेहरान अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताते हुए इसकी निंदा करता रहा है और साथ ही उसने अमेरिका द्वारा उस पर प्रतिबंध लगाए जाने की भी निंदा करते हुए इसे इस्लामिक गणतंत्र को नए समझौते के लिए मजबूर करने की अमेरिका की कोशिश करार दे चुका है.
(न्यूज एजेंसी आईएएनएस के इनपुट्स के साथ)