नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है. शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से बात की. इसके बाद ही व्हाइट हाउस का बयान सामने आया है जिसमें उसने चिंता जाहिर की है कि चीन रूस को सैन्य सहायता दे सकता है. शुक्रवार को बाइडन ने जिनपिंग से अपनी बातचीत में यूक्रेन में रूस की सहयता न करने को लेकर बात की.
जेन साकी से जब पूछा गया कि क्या अमेरिका को चिंता है कि चीन रूस की मदद कर सकता है तो व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा, हमें चिंता है कि अगर चीन ने रूस की मदद की तो इसके क्या परिणाम होंगे.
बाइडन ने शुक्रवार को अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के साथ एक वीडियो कॉल की और चीन को चेतावनी दी कि यदि चीन रूस को भौतिक सहायता प्रदान करता है तो इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
व्हाइट हाउस ने कहा, ‘राष्ट्रपति बाइडन ने रूस पर लागत आक्रमण को रोकने और फिर जवाब देने के हमारे प्रयासों को के बार में विस्तृत बात की. उन्होंने इसके प्रभाव और परिणामों के बारे में बताया कि यदि चीन रूस को सामग्री सहायता प्रदान करता है तो इससे यूक्रेन के शहरों और नागरिकों के खिलाफ क्रूर हमले होंगे.’
चीन के समाचार एजेंसी ने बताया कि शी जिनपिंग ने कहा, ‘प्रमुख देशों के नेताओं के रूप में, हमें (चीन और अमेरिका) को यह सोचने की जरूरत है कि वैश्विक हॉटस्पॉट मुद्दों को कैसे ठीक से संबोधित किया जाए और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि वैश्विक स्थिरता और अरबों लोगों के काम और जीवन को ध्यान में रखें.’
इस बीच, दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि यूक्रेन में वर्तमान संघर्ष का कूटनीतिक समाधान अब तक का सबसे वांछनीय परिणाम है.
वहीं ताइवान पर व्हाइट हाउस ने बताया कि ताइवान पर अमेरिकी नीति नहीं बदली है, और इस बात पर जोर दिया कि संयुक्त राज्य अमेरिका यथास्थिति में किसी भी एकतरफा बदलाव का विरोध करना जारी रखता है.
शी ने ताइवान के सवाल पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अमेरिका में कुछ लोगों ने ताइवान की स्वतंत्रता के मुद्दे पर एक गलत संकेत भेजा है, यह कहते हुए कि ‘यह बहुत खतरनाक है’
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