नई दिल्ली: अमेरिकी सैन्य बलों ने गुरुवार (अमेरिकी स्थानीय समय) को पूर्वी सीरिया में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) और संबद्ध समूहों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली दो सुविधाओं पर आत्मरक्षा हमले किए.
अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के एक बयान के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के निर्देश पर किए गए हमले, 17 अक्टूबर को शुरू हुए ईरानी समर्थित मिलिशिया समूहों द्वारा इराक और सीरिया में अमेरिकी कर्मियों के खिलाफ चल रहे और ज्यादातर असफल हमलों की एक श्रृंखला की प्रतिक्रिया हैं.
इन हमलों के परिणामस्वरूप, एक अमेरिकी नागरिक की आश्रय लेते समय हृदय संबंधी घटना से मृत्यु हो गई, 21 अमेरिकी कर्मियों को मामूली चोटें आईं, लेकिन सभी ड्यूटी पर लौट आए हैं.
अमेरिकी रक्षा सचिव ने कहा कि गुरुवार की कार्रवाई से पता चलता है कि राष्ट्रपति बाइडन के लिए अमेरिकी कर्मियों की सुरक्षा से बढ़कर कोई प्राथमिकता नहीं. ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिका “ऐसे हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा और अपने कर्मियों और अपने हितों की रक्षा करेगा.”
उन्होंने कहा, “अमेरिका संघर्ष नहीं चाहता है और आगे की शत्रुता में शामिल होने का उसका कोई इरादा या इच्छा नहीं है, लेकिन अमेरिकी सेना के खिलाफ ये ईरानी समर्थित हमले अस्वीकार्य हैं और इन्हें रोका जाना चाहिए. ईरान अपना हाथ छिपाना चाहता है और इन हमलों में अपनी भूमिका से इनकार करना चाहता है. लेकिन हम उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे. अगर अमेरिकी सेनाओं के खिलाफ ईरान के प्रतिनिधियों द्वारा हमले जारी रहे, तो हम अपने लोगों की सुरक्षा के लिए और आवश्यक कदम उठाने में संकोच नहीं करेंगे.”
ऑस्टिन ने कहा, “आत्मरक्षा में किए गए संकीर्ण हमलों का उद्देश्य पूरी तरह से इराक और सीरिया में अमेरिकी कर्मियों की रक्षा करना था. वे इज़रायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष से अलग हैं और इज़रायल के प्रति हमारे दृष्टिकोण में कोई बदलाव नहीं करते हैं.”
हमलों का जवाब
इससे पहले, व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा था कि अमेरिका “अपनी पसंद के समय और अपनी पसंद के तरीके” पर हमलों का जवाब देगा.
उनकी यह टिप्पणी अमेरिकी रक्षा विभाग के यह कहने के बाद आई है कि इराक और सीरिया में अमेरिकी और सहयोगी बलों पर इस महीने “ईरानी समर्थित मिलिशिया समूहों” द्वारा कम से कम 16 बार हमला किया गया है.
अल जज़ीरा के अनुसार, इज़रायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से क्षेत्र में अमेरिकी सेना पर हमले बढ़ गए हैं.
जो बिइडन ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने मध्य पूर्व में अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाने के खिलाफ ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को सीधे चेतावनी दी थी.
बिइडन ने संवाददाताओं से कहा, “अयातुल्ला को मेरी चेतावनी थी कि अगर वे उन सैनिकों के खिलाफ आगे बढ़ना जारी रखेंगे, तो हम जवाब देंगे, और उन्हें तैयार रहना चाहिए.”
अल जज़ीरा के अनुसार, अमेरिकी अधिकारी इज़रायल और हमास के बीच लड़ाई के व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष में बढ़ने की संभावना से चिंतित हैं.
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