नई दिल्ली: तालिबान शासित देश अफगानिस्तान के लोग भोजन की दिक्कतों का सामना कर रहे हैं. इसकी जानकारी खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के वरिष्ठ अर्थशास्त्री मैक्सिमो टोरेरो ने दी है. मैक्सिमो टोरेरो ने कहा कि तालिबान के शासन में आने के बाद से यह देश तीव्र’ खाद्य असुरक्षा के उच्च स्तर का सामना कर रहा है.
उन्होंने कहा कि यह मानवीय संकट वैश्विक समुदाय के लिए चिंता का विषय है. पूरी दुनिया को इसपर ध्यान देने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, ‘अफगानिस्तान की एक बड़ी आबादी भूखी सो रही है.’
मैक्सिमो टोरेरो ने कहा कि पूरी दुनिया में कांगो सबसे अधिक खाद्य समस्या वाला देश है, लेकिन इसके बाद इथियोपिया और अफगानिस्तान का नंबर आता है. उन्होंने कहा कि नाइजीरिया, यमन, म्यांमार, सीरिया अरब गणराज्य, सूडान, यूक्रेन और पाकिस्तान भी खाद्य संकट का सामना कर रहे देशों की सूची में हैं.
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में महिलाओं की स्थिति काफी दयनीय होती जा रही है. महिलाओं पर ध्यान देने की जरूरत है.
बता दें कि वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के अफगानिस्तान के प्रवक्ता ने कहा था कि भोजन के लिए काम करने वाले एनजीओ में महिला कर्मियों की अनुपस्थिति से देश में राहत कार्य प्रभावित हुई है.
उन्होंने कहा था कि ‘महिलाओं के साथ सहायता कार्य करना बेहतर था और महिला श्रमिकों को वापस लाना WFP की प्राथमिकता है. हम इस संबंध में अपने प्रयासों को सभी स्तरों पर जारी रखेंगे.’
साल 2021 के अगस्त में तालिबान द्वारा देश पर नियंत्रण वापस लेने के बाद से पूरे अफगानिस्तान में गरीबी और भुखमरी में काफी वृद्धि हुई है.
संगठन OCHA के मुताबिक लगभग 28.3 मिलियन अफगान नागरिक, जो देश की आबादी के लगभग दो-तिहाई हैं, को तत्काल मानवीय सहायता की जरूरत है.
तालिबान के शासन में आने के बाद से ही कई मानवीय संगठनों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान के साथ खड़े होने और मदद करने की अपील कर रहे हैं.
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