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Friday, 17 May, 2024
होमखेलकुश्ती के कामकाज के लिए IOA ने तीन सदस्यीय समिति बनाई. बबीता फोगाट बोलीं- खेल मंत्रालय ने सही निर्णय किया

कुश्ती के कामकाज के लिए IOA ने तीन सदस्यीय समिति बनाई. बबीता फोगाट बोलीं- खेल मंत्रालय ने सही निर्णय किया

संविधान के प्रावधानों का पालन नहीं करने पर खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया था. भारतीय वुशु संघ के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह बाजवा पैनल के अध्यक्ष होंगे जबकि पूर्व हॉकी ओलंपियन एमएम सोमाया और पूर्व अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी मंजुषा कंवर इसके सदस्य हैं.

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नई दिल्ली: भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने निलंबित भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के दैनिक कार्यों के संचालन के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. संविधान के प्रावधानों का पालन नहीं करने पर खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया था.

भारतीय वुशु संघ के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह बाजवा पैनल के अध्यक्ष होंगे जबकि पूर्व हॉकी ओलंपियन एमएम सोमाया और पूर्व अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी मंजुषा कंवर इसके दो अन्य सदस्य हैं.

खेल मंत्रालय ने रविवार को डब्ल्यूएआई को निलंबित कर दिया था. हालांकि महज तीन दिन पहले ही अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के विश्वासपात्र संजय सिंह को डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना गया था. खेल मंत्रालय ने इसके बाद डब्ल्यूएफआई के दैनिक कार्यों के संचालन के लिए आईओए को तदर्थ समिति का गठन करने को कहा था.

आईओए ने एक विज्ञप्ति में कहा कि नवनिर्वाचित अध्यक्ष और डब्ल्यूएफआई के अधिकारियों ने अपने स्वयं के संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए मनमाने फैसले किए हैं और सुशासन के सिद्धांतों का भी उल्लंघन किया है.

आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘आईओए को हाल ही में पता चला है कि नए अध्यक्ष और डब्ल्यूएफआई के अधिकारियों ने अपने स्वयं के संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए और आईओसी द्वारा समर्थित सुशासन के सिद्धांतों के खिलाफ मनमाने फैसले किए हैं. इसके अलावा उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना आईओए द्वारा नियुक्त तदर्थ समिति के फैसलों को पलट दिया है.’’

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उन्होंने कहा, ‘‘आईओए निष्पक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने और आईओसी के अनुसार खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करने और निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए शासन मानदंडों के पालन को महत्वपूर्ण मानता है इसलिए एक तदर्थ समिति नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है.’’

तदर्थ समिति को डब्ल्यूएफआई का संचालन करने का काम सौंपा गया है जिसमें खिलाड़ियों का चयन, अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए खिलाड़ियों की प्रविष्टियां जमा करना, खेल गतिविधियों का आयोजन करना, बैंक खातों का संचालन, वेबसाइट का प्रबंधन और अन्य संबंधित जिम्मेदारियां शामिल हैं.

बाजवा डब्ल्यूएफआई के मामलों को चलाने और इसके चुनाव कराने के लिए अप्रैल में आईओए द्वारा गठित तदर्थ समिति के सदस्यों में भी शामिल थे. अदालत में चल रहे मामलों के कारण बार-बार देरी के बाद अंततः 21 दिसंबर को चुनाव हुए और बृजभूषण के करीबी सहयोगी संजय ने अध्यक्ष पद का चुनाव जीता.

खेल मंत्रालय ने सही निर्णय किया

खेल मंत्रालय द्वारा लिए गए निर्णय‘दंगल ग्राम गर्ल’ के नाम से विख्यात पूर्व अंतरराष्ट्रीय कुश्ती खिलाड़ी एवं हरियाणा महिला विकास निगम की अध्यक्ष बबीता फोगाट ने कहा है कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित करके खेल मंत्रालय ने सही समय पर सही निर्णय लिया.

बबीता फोगाट ने चरखी दादरी में पत्रकारों से कहा, ‘‘खेल मंत्रालय का सही समय पर सही निर्णय आया है और इससे पहलवानों को न्याय मिलेगा. खेल मंत्रालय समय-समय पर पूरे मामले को देख रहा है.’’

खेल मंत्रालय ने फैसला करते समय अपने संविधान के प्रावधानों का पालन नहीं करने पर महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह की अगुवाई वाले नव निर्वाचित पैनल को निलंबित कर दिया था और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को कुश्ती के संचालन के लिए एक तदर्थ पैनल का गठन करने के लिए कहा था.

बबीता ने हालांकि अपनी चचेरी बहन विनेश फोगाट को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. विनेश फोगाट ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए ध्यानचंद खेल रत्न व अर्जुन अवार्ड वापस करने की घोषणा की थी.


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