लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को काकोरी कांड की 100वीं वर्षगांठ के समापन समारोह के लिए काकोरी शहीद स्मारक पहुंचे. यह स्मारक आज़ादी के उन वीर सेनानियों को समर्पित है जिन्होंने काकोरी ट्रेन एक्शन में हिस्सा लिया था.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने नन्हीं बच्चियों संग रक्षाबंधन भी मनाया. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और राज्य मंत्री जयवीर सिंह भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे. सीएम योगी ने स्मारक पर वृक्षारोपण भी किया.
काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह आज से 100 वर्ष पूर्व देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले महान क्रांतिकारियों को स्मरण करने और उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का एक विराट अवसर है।
आज लखनऊ में काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव के समापन समारोह में सहभाग कर वीर… pic.twitter.com/umZavLPLYI
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काकोरी ट्रेन एक्शन, जिसे पहले काकोरी कांड कहा जाता था, 9 अगस्त 1925 को लखनऊ के पास काकोरी गांव में हुआ था. यह ट्रेन डकैती हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ अंजाम दी थी. इस घटना के बाद 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था. कई क्रांतिकारियों को ब्रिटिश सरकार ने मौत की सज़ा दी और सहयोगियों को कठोर दंड सुनाया.
काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह हमारी वर्तमान पीढ़ी के लिए एक नई प्रेरणा है… pic.twitter.com/ECZf5oTKZd
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साल 2021 में योगी सरकार ने ‘काकोरी कांड’ का नाम बदलकर ‘काकोरी ट्रेन एक्शन’ रखा था. सरकार का कहना था कि ‘कांड’ शब्द इस ऐतिहासिक घटना का अपमान करता है.
इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री ने संभल जिले के बहजोई में 659 करोड़ रुपये की 222 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने संभल की धार्मिक विरासत के संरक्षण, ऐतिहासिक अन्याय और राजनीतिक विपक्षियों पर तीखे हमले किए.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संभल हिंदू आस्था का प्रतीक है और इस पर विदेशी आक्रमणकारियों, कांग्रेस और सपा ने हमेशा प्रहार किया. उन्होंने चेतावनी दी कि “जो संभल के साथ पाप करेगा, उसे उसके कर्मों का दंड अवश्य मिलेगा.”
सीएम योगी ने बताया कि कभी संभल में 68 तीर्थ स्थल, 19 कुएं और परिक्रमा मार्ग थे जिन्हें विदेशी हमलावरों ने नष्ट कर दिया. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अब इन सभी तीर्थस्थलों और कुओं का पुनर्निर्माण कराएगी.
उन्होंने लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह उन्होंने काशी विश्वनाथ और सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार कराया, उसी तरह संभल के तीर्थस्थल भी फिर से जीवंत होंगे.
योगी ने कहा कि विकास तभी सार्थक है जब वह विरासत से जुड़ा हो. यह न सिर्फ संरक्षण है बल्कि वर्तमान और भविष्य के लिए सुनहरे सपनों को साकार करने का अभियान भी है.
संभल की धार्मिक महत्ता बताते हुए उन्होंने कहा कि यह स्थल हरि (विष्णु) और हर (शिव) दोनों का सामूहिक दर्शन स्थल है और यहीं पर भगवान विष्णु का दसवां अवतार ‘कल्कि’ प्रकट होंगे. उन्होंने पुराणों का हवाला देते हुए कहा कि संभल का उल्लेख श्रीमद्भागवत महापुराण, स्कंद पुराण और विष्णु पुराण में है.
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि यह विषय विवाद का नहीं हो सकता. उन्होंने उन लोगों को चेतावनी दी जो हिंदू विरासत को विवादित बनाने की कोशिश करते हैं कि ऐसे दुर्भावनापूर्ण प्रयासों को सख्ती से कुचल दिया जाएगा.