नई दिल्ली: संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी की पहल पर दमोह जिले के दोनी ग्राम में हाल ही में हुए कार्य के दौरान भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर से जुड़े महत्वपूर्ण पुरावशेष प्राप्त हुए हैं. ये पुरावशेष, जो हजारों वर्ष पुराने बताए जा रहे हैं, स्थापत्य कला की अद्वितीय उत्कृष्टता को दर्शाते हैं और क्षेत्र के गौरवशाली अतीत को पुनः जीवित करते हैं.
यह ऐतिहासिक खोज सीधे संस्कृति मंत्री लोधी के निर्देशन में हुई है. उनकी पहल पर, पुरातत्व विभाग द्वारा इस प्राचीन टीले पर सफाई और रखरखाव का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू किया गया है, ताकि इन अमूल्य धरोहरों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके.
प्राप्त पुरावशेषों में कई विशिष्ट और भव्य प्रतिमाएं शामिल हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, ये मूर्तियां लगभग 10वीं-11वीं शताब्दी की हो सकती हैं और संभवतः किसी विशाल शिव मंदिर का अभिन्न हिस्सा रही होंगी. इनमें ब्रह्मा, विष्णु, शिव, उमा-महेश्वर, पार्वती, अर्धनारीश्वर, वायुदेव, गज अप्सरा और विभिन्न नायिकाओं की मूर्तियां सम्मिलित हैं. इन प्रतिमाओं की बारीक नक्काशी और कलात्मकता तत्कालीन शिल्प कौशल की पराकाष्ठा को सिद्ध करती है.
यह सफाई और संरक्षण कार्य संचालनालय पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय, भोपाल की आयुक्त उर्मिला शुक्ला के मार्गदर्शन में किया जा रहा है. इसका क्रियान्वयन संचालक पी. सी. महोबिया, उपसंचालक ग्वालियर (पुरातत्व) एवं प्रभारी उपयंत्री तथा साइट इंचार्ज सपन साहू की देखरेख में सफलतापूर्वक चल रहा है.