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Friday, 12 September, 2025
होमरिपोर्टबस्तर की समृद्धि प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य की गाथा लिखेगी – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

बस्तर की समृद्धि प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य की गाथा लिखेगी – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट में निवेशकों का उत्साह देखने लायक रहा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर निवेश का भविष्य है और यहाँ विकास की उड़ान भरने का समय आ चुका है.

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रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि बस्तर अब नक्सल की छाया से निकलकर निवेश और विकास का स्वर्णिम अध्याय लिख रहा है. हमारी नई औद्योगिक नीति के केंद्र में बस्तर है, जहां खनिज संसाधन और प्राकृतिक संपदा की कोई कमी नहीं. माओवाद ने वर्षों तक बस्तर के विकास की राह रोकी, लेकिन अब बहादुर जवानों और बस्तरवासियों की दृढ़ इच्छाशक्ति से यह इलाका मुख्यधारा में आ चुका है. मार्च 2026 तक माओवाद की बची-खुची निशानियाँ भी समाप्त हो जाएंगी और बस्तर विकास की तेज़ रफ़्तार पकड़ लेगा. मुख्यमंत्री जगदलपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जापान और दक्षिण कोरिया के बाद हमने अगला इन्वेस्टर कनेक्ट बस्तर में आयोजित किया है. यह प्रदेश की औद्योगिक प्रगति में मील का पत्थर साबित होगा. नई औद्योगिक नीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परफार्म, रिफार्म और ट्रांसफार्म मंत्र पर आधारित है. इसके तहत निवेशकों के लिए आकर्षक अनुदान, प्रोत्साहन और 350 से अधिक सुधार लागू किए गए हैं. अब तक राज्य को 6.65 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं.

साय ने कहा कि नवा रायपुर में एआई डाटा सेंटर पार्क, फार्मा पार्क और मेडिसिटी जैसे प्रोजेक्ट तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं. बस्तर में भी औद्योगिक ढाँचे को मजबूत किया जा रहा है. जगदलपुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, सुकमा और बीजापुर में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं. कनेक्टिविटी सुधारने के लिए विशाखापट्टनम एक्सप्रेसवे, रावघाट-जगदलपुर रेलमार्ग और एयरपोर्ट अपग्रेडेशन जैसे प्रोजेक्ट गति पकड़ रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर निवेशकों के लिए विशेष लाभ वाला क्षेत्र है. यहां 88% ब्लॉकों को ग्रुप-3 में चिन्हांकित किया गया है, जिससे उद्यमियों को अधिकतम सब्सिडी मिलेगी. एससी-एसटी उद्यमियों को 10% अतिरिक्त सब्सिडी और नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने पर उन्हें रोजगार देने वाले उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा. पर्यटन क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिया गया है और 45% तक सब्सिडी का प्रावधान है.

उन्होंने कहा कि बस्तर के युवाओं को स्किल डेवलपमेंट के लिए 32 ब्लॉकों में केंद्र बनाए जा रहे हैं. यहां के मेहनती और प्रतिभाशाली युवाओं को पूंजी, कौशल और काउंसलिंग देकर उद्यमशील बनाया जा रहा है. वनोपज और एग्रो-इंडस्ट्री आधारित यूनिट लगाने पर भी विशेष प्रावधान किए गए हैं.

कार्यक्रम में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि अब तक 6.95 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि बीजापुर में पहली बार राइस मिल स्थापित हो रही है और जगरगुंडा की इमली मंडी को पुनः शुरू किया गया है.

कार्यक्रम में 34 उद्योगों की स्थापना के लिए प्रोत्साहन प्रमाणपत्र वितरित किए गए. सचिव रजत कुमार ने कहा कि निवेशकों के लिए प्रक्रियाओं को आसान और पारदर्शी बनाने हेतु इंसेंटिव कैलकुलेटर जैसे नवाचार किए गए हैं. एनएमडीसी ने भी अपनी औद्योगिक और सामाजिक भूमिका पर विशेष प्रस्तुति दी.

बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट में निवेशकों का उत्साह देखने लायक रहा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर निवेश का भविष्य है और यहाँ विकास की उड़ान भरने का समय आ चुका है.

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