scorecardresearch
रविवार, 11 मई, 2025
होमविदेशबांग्लादेश में आतंकवाद विरोधी कानून के तहत शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर लगाया गया बैन

बांग्लादेश में आतंकवाद विरोधी कानून के तहत शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर लगाया गया बैन

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा शनिवार को छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद यह प्रतिबंध लगाया गया है, साथ यह प्रतिबंध तब तक जारी रहेगा जब तक अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण पार्टी और उसके नेतृत्व के खिलाफ सुनवाई पूरी नहीं कर लेता.

Text Size:

नई दिल्ली: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाए जाने के नौ महीने बाद, अंतरिम सरकार ने शनिवार देर रात उनके दल अवामी लीग की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की, जिसमें उसकी ऑनलाइन मौजूदगी भी शामिल है. यह फैसला देश के आतंकवाद विरोधी कानून के तहत तुरंत प्रभाव से लागू होगा और तब तक जारी रहेगा जब तक इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल द्वारा पार्टी और उसके नेतृत्व का मुकदमा पूरा नहीं हो जाता.

मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की सलाहकार परिषद की शुक्रवार को हुई विशेष बैठक के बाद सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि अवामी लीग की सभी गतिविधियों पर—साइबर स्पेस में भी—आतंकवाद विरोधी कानून के तहत तब तक रोक रहेगी जब तक पार्टी और उसके नेताओं का मुकदमा पूरा नहीं हो जाता. “यह फैसला देश की सुरक्षा और संप्रभुता, जुलाई तख्तापलट के नेताओं और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा और इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल के वादियों और गवाहों की रक्षा के लिए लिया गया है.”

बयान में यह भी जोड़ा गया, “आज की सलाहकार परिषद की बैठक में यह भी तय किया गया कि जुलाई घोषणा को अगली 30 कार्यदिवसों में अंतिम रूप देकर प्रकाशित किया जाएगा.”

जुलाई क्रांति की घोषणा, जिसे पहले एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट्स मूवमेंट और बाद में अंतरिम सरकार ने तैयार किया, का मकसद पिछले साल बांग्लादेश में हुए जुलाई विद्रोह को औपचारिक रूप से मान्यता देना और देश के भविष्य के लक्ष्यों की रूपरेखा तय करना है.

अवामी लीग पर प्रतिबंध की घोषणा उस दिन हुई जब यूनुस ने कहा था कि इस फैसले को लागू करने को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ बातचीत चल रही है.

यूनुस के बयान के अनुसार, यह फैसला सलाहकार परिषद के एक विशेष सत्र में लिया गया, जो कई दिनों तक चले सार्वजनिक प्रदर्शनों के बाद हुआ. ये प्रदर्शन, जो छात्र-आधारित नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) के नेतृत्व में हुए, अवामी लीग पर प्रतिबंध और जुलाई विद्रोह के दौरान कथित अत्याचारों के लिए पार्टी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर थे.

कानूनी सलाहकार आसिफ नजरुल ने शनिवार को बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार के निवास के बाहर एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि यह प्रतिबंध “राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने, विद्रोह के नेताओं और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा करने और न्यायाधिकरण में शामिल वादियों और गवाहों की रक्षा” के लिए लगाया गया है.

1949 में स्थापित अवामी लीग अब कड़ी कानूनी जांच के दायरे में आ गई है, क्योंकि सलाहकारों ने अंतरराष्ट्रीय अपराध (न्यायाधिकरण) अधिनियम, 1973 में एक संशोधन को भी मंजूरी दे दी — जिसे हसीना ने 2010 में लागू किया था — जो ट्रिब्यूनल को राजनीतिक दलों, उनसे संबद्ध संगठनों या समर्थन समूहों को सज़ा देने की शक्ति देता है.

घोषणा के बाद, NCP के संयोजक नाहिद इस्लाम ने सलाहकार परिषद द्वारा लिए गए सभी फैसलों को तुरंत लागू करने की मांग की. उन्होंने कहा, “देशभर में फासीवादी हत्यारों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें तुरंत न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। प्रतिबंधित फासीवादी अवामी लीग का पंजीकरण चुनाव आयोग को जल्द से जल्द रद्द करना चाहिए.”

प्रदर्शन गुरुवार रात को चीफ एडवाइज़र के निवास ‘जमुना’ के बाहर शुरू हुए. एनसीपी के साउथ जोन के मुख्य आयोजक हसनात अब्दुल्लाह ने फेसबुक पर समर्थकों से इकट्ठा होने और अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने का आह्वान किया.

शुक्रवार दोपहर को प्रदर्शनकारी शाहबाग़ पहुंचे, जहां उन्होंने चौराहे को ब्लॉक किया और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक सड़क से न हटने की शपथ ली। ये प्रदर्शन ढाका और देश के अन्य हिस्सों में फैल गए.

उसी समय जब यह बैठक चल रही थी, प्रदर्शनकारियों ने यूनुस के घर के बाहर मार्च निकाला और ढाका को बाकी देश से अलग-थलग करने की धमकी दी.

शनिवार शाम 7:30 बजे, अब्दुल्लाह ने एक घंटे का अल्टीमेटम दिया और मांग की कि अवामी लीग को एक राजनीतिक पार्टी के रूप में प्रतिबंधित किया जाए. लगभग 9:15 बजे, शाहबाग़ का प्रदर्शन स्थल धीरे-धीरे खाली होने लगा, और प्रदर्शनकारी छोटे-छोटे जुलूसों में बंटकर आसपास के इलाकों में मार्च करने लगे.

प्रतिबंध की घोषणा के बाद, हसनात ने प्रदर्शनकारियों को निर्देश दिया कि वे तब तक सड़कों पर डटे रहें जब तक सरकार इस फैसले पर अपना आधिकारिक रुख स्पष्ट रूप से घोषित न कर दे.

अक्टूबर 2024 में, सरकार ने पहले ही अवामी लीग के छात्र संगठन ‘बांग्लादेश छात्र लीग’ पर आतंकवाद विरोधी अधिनियम 2009 के तहत प्रतिबंध लगा दिया था, जब छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. उसी महीने, सरकार ने इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल का पुनर्गठन किया था ताकि जुलाई विद्रोह के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध करने वालों पर मुकदमा शुरू किया जा सके.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


यह भी पढ़ें: UK, तुर्किए और सऊदी ने व्हाट्सएप कूटनीति का सहारा लिया—संघर्ष विराम के बाद पाकिस्तानी मंत्री का दावा


 

share & View comments