नई दिल्ली: देश में हिंसक माओवादी आंदोलन के खिलाफ एक बड़ी सफलता में सुरक्षा बलों ने सोमवार को झारखंड में माओवादियों की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था, केंद्रीय समिति के एक सदस्य को मार गिराया.
झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने दिप्रिंट से पुष्टि की कि केंद्रीय समिति के सदस्य की पहचान विवेक के रूप में हुई है, जिसे राज्य का ही प्रयाग मांझी भी कहा जाता है और उस पर 1 करोड़ रुपये का इनाम था.
मांझी इस साल अब तक सुरक्षा बलों द्वारा मारा गया दूसरा केंद्रीय समिति सदस्य का था. इस साल जनवरी में, सुरक्षा बलों ने ओडिशा के नुआपाड़ा जिले से बमुश्किल 5 किलोमीटर दूर छत्तीसगढ़ के कुलारीघाट रिजर्व फॉरेस्ट में रामचंद्र रेड्डी गैरी प्रताप रेड्डी उर्फ चलपति को मार गिराया था.
डीजीपी गुप्ता ने कहा कि मांझी के साथ-साथ, सुरक्षा बलों ने 25 लाख रुपये के इनाम वाले स्पेशल एरिया कमेटी के सदस्य अरविंद और 10 लाख रुपये के इनाम वाले जोनल कमेटी के सदस्य साहेब राम को भी मुठभेड़ के दौरान मार गिराया. सोमवार को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में कुल आठ संदिग्ध माओवादियों को मार गिराया.
सोमवार की मुठभेड़ झारखंड के बोकारो जिले के लालपनिया इलाके में स्थित लुगु पहाड़ियों में हुई. यह अभियान सोमवार सुबह शुरू हुआ जब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कोबरा इकाई की 209वीं बटालियन और झारखंड पुलिस के जवानों की एक टीम को इलाके में तलाशी अभियान चलाने के लिए भेजा गया.
सीआरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि अभियान में भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया गया है. सीआरपीएफ के प्रवक्ता ने कहा, “गोलीबारी बंद हो गई है, लेकिन तलाशी अभियान जारी है.”
सोमवार दोपहर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीजीपी गुप्ता ने कहा कि सटीक खुफिया सूचनाओं के आधार पर अभियान शुरू किया गया था, जिससे सुरक्षा बलों को माओवादियों के समूह को घेरने और तैनात करने में मदद मिली, जिनकी मौजूदगी की सूचना मिली थी.
डीजीपी गुप्ता ने कहा, “पहली गोलीबारी आज सुबह करीब 5:30 बजे शुरू हुई और यह 1.5-2 घंटे तक चली. इसकी योजना इस तरह से बनाई गई थी कि सुरक्षा बलों को सर्कुलर कट ऑफ रणनीति के तहत तैनात किया गया था, जिससे माओवादी मौके से भाग न सकें. सीआरपीएफ की कोबरा स्ट्राइकिंग फोर्स थी.”
उन्होंने कहा कि सोमवार की मुठभेड़ के साथ ही सीपीआई (माओवादी) की उत्तरी छोटानागपुर इकाई लगभग समाप्त हो गई है और अब बलों का पूरा ध्यान और तैनाती पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा वन क्षेत्र में होगी — जो राज्य में माओवादियों का अंतिम ठिकाना है.
झारखंड में यह घटनाक्रम छत्तीसगढ़ में संदिग्ध माओवादियों पर अभूतपूर्व कार्रवाई के बीच हुआ है. राज्य पुलिस बलों ने सीआरपीएफ जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के साथ मिलकर माओवादी समूहों के खिलाफ आक्रामक अभियान चलाया है, यहां तक कि उन इलाकों में भी जो कभी इसके गढ़ हुआ करते थे.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में माओवादी खतरे को खत्म करने के लिए मार्च 2026 की समयसीमा तय की है.
पिछले हफ्ते सीआरपीएफ के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए शाह ने दावा किया था कि माओवादी खतरा केवल चार जिलों तक सीमित है और उन्होंने सीआरपीएफ और इसकी कोबरा इकाई की सराहना की, जिन्होंने अंदरूनी इलाकों में नए कैंप लगाए हैं, जिससे माओवादियों के खिलाफ ऑपरेशन में सफलता मिली है.
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