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Wednesday, 24 April, 2024
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समीर वानखेड़े ने कहा- मुझे और मेरी पत्नी को रोज मिल रही जान से मारने की धमकियां

वानखेड़े पर आरोप है कि उन्होंने शाहरूख के बेटे आर्यन खान को क्रूज जहाज कॉर्डेलिया से मादक पदार्थ की जब्ती के मामले में नहीं फंसाने के लिए अभिनेता से रिश्वत मांगी थी.

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नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता शाहरूख खान से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के आरोपी एवं स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े ने सोमवार को दावा किया कि उन्हें एवं उनकी पत्नी को पिछले कुछ दिनों से जान से मारे जाने की धमकियां मिल रही हैं.

वानखेड़े पर आरोप है कि उन्होंने शाहरूख के बेटे आर्यन खान को क्रूज जहाज कॉर्डेलिया से मादक पदार्थ की जब्ती के मामले में नहीं फंसाने के लिए अभिनेता से रिश्वत मांगी थी.

भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी वानखेड़े ने दावा किया कि उन्हें और उनकी पत्नी क्रांति रेडकर को पिछले चार दिन से सोशल मीडिया पर जान से मार डालने की धमकियां मिल रही हैं और आपत्तिजनक संदेश भी मिल रहे हैं.

वानखेड़े ने कहा कि वह इस संबंध में मुंबई पुलिस आयुक्त को पत्र लिखेंगे और उन्हें विशेष सुरक्षा दिए जाने का अनुरोध करेंगे.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार और रविवार को उनसे पूछताछ की थी. सीबीआई ने साजिश रचने और रिश्वत से जुड़े अपराधों के अलावा जबरन वसूली के आरोप से जुड़ी एनसीबी की शिकायत पर वानखेड़े और चार अन्य के खिलाफ हाल में प्राथमिकी दर्ज की थी.

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आर्यन को तीन अक्टूबर 2021 को कॉर्डेलिया क्रूज जहाज पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, आर्यन पर लगे आरोपों को सही साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य पेश करने में मादक पदार्थ रोधी एजेंसी के नाकाम रहने पर बंबई उच्च न्यायालय ने उन्हें तीन हफ्ते बाद जमानत दे दी थी.

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि एनसीबी, मुंबई क्षेत्र को अक्टूबर 2021 में क्रूज जहाज पर कुछ लोगों के पास मादक पदार्थ होने और उसका सेवन किए जाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद उसके (एनसीबी के) कुछ अधिकारियों ने आरोपियों को छोड़ने के एवज में रिश्वत की साजिश रची.

वानखेड़े और चार अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी एनसीबी के तत्कालीन उपनिदेशन ज्ञानेश्वर सिंह की रिपोर्ट पर आधारित थी, जिन्होंने विशेष जांच दल की अगुवाई की थी.

वानखेड़े ने पिछले सप्ताह आरोप लगाया था कि यह प्राथमिकी केवल इसलिए दर्ज की गई, क्योंकि उन्होंने सिंह के खिलाफ राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी.

उन्होंने आरोप लगाया था कि सिंह ने एक पूछताछ के दौरान उन्हें अपमानित और परेशान किया क्योंकि वह (वानखेड़े) एक पिछड़े समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.

वानखेड़े ने अपने खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी खारिज करने का अनुरोध करते हुए बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.

बंबई उच्च न्यायालय ने वानखेड़े को कठोर कार्रवाई से दिए गए अंतरिम संरक्षण की अवधि सोमवार को आठ जून तक बढ़ा दी.


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