भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर अपने ब्लॉग के माध्यम से प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज मध्यप्रदेश अपनी स्थापना के 70वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. 1 नवंबर 1956 को अस्तित्व में आया मध्यप्रदेश अब विकास, नवाचार और निवेश के नए युग में प्रवेश कर चुका है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुखद संयोग है कि इस वर्ष देवउठनी ग्यारस के पावन अवसर पर राज्योत्सव मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा, “हमारे त्योहार और परंपराएं हमारी संस्कृति का आधार हैं. इन्हीं उत्सवों से भविष्य निर्माण की भावना जन्म लेती है.”
डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश वन, जल, अन्न, खनिज, कला, संस्कृति और परंपराओं से समृद्ध राज्य है. यह मां नर्मदा, चंबल, पार्वती और शिप्रा जैसी नदियों का धाम है, जहां भगवान परशुराम का जन्म हुआ, भगवान श्रीकृष्ण ने शिक्षा पाई और आदि शंकराचार्य ने तप किया. यादव ने कहा“उज्जैन की धरती से ही विक्रम संवत् जैसी वैज्ञानिक कालगणना की शुरुआत हुई.”
मुख्यमंत्री ने लिखा कि मध्यप्रदेश अपने ऐतिहासिक गौरव और प्राकृतिक संपदा के साथ ‘विरासत से विकास’ की दिशा में आगे बढ़ रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उद्धृत करते हुए कहा कि भारत को विश्व का सर्वश्रेष्ठ और विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य में मध्यप्रदेश भी अपनी पूर्ण भूमिका निभा रहा है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से मध्यप्रदेश ने निवेश और औद्योगिक विकास की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है.
उन्होंने कहा, “प्रदेश के हर क्षेत्र की अपनी विशिष्टता और क्षमता है. इसी दृष्टि से हमने रीजनल इन्वेस्टर्स समिट का नवाचार किया. उज्जैन से शुरू हुई यह निवेश यात्रा अब मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, दुबई, जापान और जर्मनी तक पहुंच चुकी है.”
डॉ. यादव ने कहा कि निवेशकों को सक्षम, सुरक्षित और सरल वातावरण देने के लिए प्रदेश में इन्वेशन हब, स्टार्टअप पॉलिसी, फंडिंग सपोर्ट और इन्क्यूबेशन नेटवर्क स्थापित किए गए हैं. “मध्यप्रदेश अब देश की स्टार्टअप क्रांति का अहम केंद्र बन रहा है.”
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले एक वर्ष में मध्यप्रदेश को औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में ऐतिहासिक सफलता मिली है. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में घरेलू और विदेशी निवेशकों ने प्रदेश में गहरी रुचि दिखाई है. खनिज कॉन्क्लेव में प्रदेश को 56,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं. आईटी पार्क, इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी निवेश बढ़ा है.
उन्होंने कहा कि “प्रदेश इस समय निवेश, नवाचार और रोज़गार पर आधारित परिवर्तनकाल से गुजर रहा है. उद्योग, कृषि, दुग्ध उत्पादन, ऊर्जा और सामाजिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने कई ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल की हैं.”
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए ‘GYAN’ मंत्र — गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी — का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार इसी सिद्धांत पर काम कर रही है.
उन्होंने कहा, “गरीब कल्याण मिशन, कौशल विकास, स्टार्टअप नीति और महिला सशक्तिकरण योजनाएं आज मध्यप्रदेश के विकास की धुरी बन चुकी हैं.”
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश कौशल विकास मिशन युवाओं को उद्योग आधारित प्रशिक्षण दे रहा है, जिससे वे ‘जॉब सीकर’ से ‘जॉब क्रिएटर’ बन रहे हैं. शासकीय भर्ती का कैलेंडर जारी करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है.
उन्होंने कृषि क्षेत्र में किए गए नवाचारों का जिक्र करते हुए कहा कि ड्रोन आधारित फसल निरीक्षण, स्मार्ट सिंचाई और मूल्य संवर्धन के प्रयासों से किसानों की आय बढ़ी है. “प्रदेश में सिंचाई का रकबा 52 लाख हेक्टेयर से अधिक हो चुका है और अगले तीन वर्षों में इसे 100 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य है.”
महिला सशक्तिकरण पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि “लाड़ली बहना योजना ने लाखों महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा दी है. महिला उद्यमिता नीति के तहत लघु उद्योग, हस्तशिल्प, डेयरी और सेवा क्षेत्र में नई संभावनाएं बनी हैं. स्व-सहायता समूहों को वित्तीय और विपणन सहायता दी जा रही है.”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि गौ-संवर्धन और दुग्ध उत्पादन को आर्थिक नवाचार का केंद्र बनाया गया है. मुख्यमंत्री गौ-संवर्धन मिशन के तहत प्रदेश में गौ-अभयारण्य और गौसेवा केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिससे दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हुई है.
अंत में मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और जनता के सहयोग से मध्यप्रदेश की स्वर्णिम यात्रा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के साथ आगे बढ़ रही है. गरीब के चेहरे पर मुस्कान, किसान की खुशहाली, नारी का सम्मान और युवाओं का उज्ज्वल भविष्य — यही हमारा संकल्प भी है और लक्ष्य भी.”
उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की — “आइए, हम सब मिलकर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाएं और विकसित भारत के निर्माण में सहभागी बनें.”
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को मध्यप्रदेश के 70वें स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं.


