गोरखपुर: कभी निवेशकों की नज़रअंदाज़ी झेलने वाला गोरखपुर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अब बड़े औद्योगिक केंद्र के रूप में उभर रहा है. प्रोत्साहन आधारित नीतियां, ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस और बेहतर कनेक्टिविटी ने राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को यहां निवेश के लिए आकर्षित किया है.
वित्तीय वर्ष 2025-26 में गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) ने 54 नई यूनिट्स के लिए रिकॉर्ड 182 एकड़ जमीन आवंटित की है. इससे 5,800 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश और 8,500 रोज़गार के अवसर बनने का रास्ता खुला है. पिछले पांच साल में गीडा को 9,445 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनसे लगभग 23,000 रोजगार सृजित हुए.
पेप्सीको, कियान डिस्टिलरी, ज्ञान डेयरी, टेक्नोप्लास्ट, सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन, कपिला एग्रो इंडस्ट्री और एपीएल अपोलो ट्यूब्स जैसी नामी कंपनियां पहले ही गोरखपुर में कदम रख चुकी हैं. हाल ही में अडानी ग्रुप की अंबुजा सीमेंट और कोका-कोला बॉटलर अमृत बॉटलर्स ने यूनिट्स लगाने के लिए जमीन खरीदी है. वहीं, रिलायंस कंज़्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड और श्री सीमेंट्स ने भी रुचि दिखाई है और निवेश विकल्प तलाशने के लिए गीडा साइट्स का दौरा किया है.
बढ़ती मांग को देखते हुए गीडा ने न सिर्फ अपनी भूमि बैंक को मज़बूत किया है, बल्कि दक्षिण गोरखपुर के धुरियापार क्षेत्र में एक नए औद्योगिक टाउनशिप का विकास भी शुरू किया है, जहां दो बड़े प्रोजेक्ट्स को पहले ही जमीन आवंटित हो चुकी है.
गीडा के सीईओ अनुज मलिक ने कहा, “मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में गोरखपुर ने निवेश का मजबूत इकोसिस्टम तैयार किया है. निवेशकों की पसंद के अनुसार जमीन उपलब्ध कराई जा रही है और औद्योगिक रुचि लगातार बढ़ रही है.”
विश्वस्तरीय सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी के साथ गोरखपुर—जो कभी स्थानीय निवेशकों को भी आकर्षित करने में हिचकता था—अब तेजी से भारत के औद्योगिक नक्शे पर अपनी पहचान बना रहा है.