रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंगलवार को मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर में कौशल विकास विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान युवाओं के प्रशिक्षण को रोजगार से सीधे जोड़ने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि महज़ सर्टिफिकेट देना ही पर्याप्त नहीं है, कौशल प्रशिक्षण का अंतिम लक्ष्य युवाओं को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाना होना चाहिए.
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि “कौशल विकास की योजनाएं तभी सार्थक हैं जब उनका सीधा असर युवाओं की आजीविका और भविष्य निर्माण पर दिखे. इसके लिए विभाग को निरंतर नवाचार और सटीक कार्ययोजना पर काम करना होगा.”
मुख्यमंत्री साय ने मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0, और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी ली. उन्होंने जिलेवार बजट, लक्ष्य और अब तक की उपलब्धियों की भी समीक्षा की.
बैठक में बताया गया कि ‘नियद नेल्ला नार’ योजना के अंतर्गत अब तक 549 आत्मसमर्पित माओवादियों को कौशल प्रशिक्षण दिया गया है. वर्तमान में पुनर्वास केंद्रों में 382 युवा प्रशिक्षण ले रहे हैं. इसी क्रम में पीएम जनमन योजना के अंतर्गत PVTG (अत्यंत पिछड़ी जनजाति) के युवाओं को कोर्सवार प्रशिक्षण की स्थिति की भी समीक्षा हुई.
मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत 1 जुलाई 2025 से चेहरा-आधारित स्कैनिंग प्रणाली लागू की गई है, जिससे प्रशिक्षणार्थियों की उपस्थिति रिकॉर्ड की जाती है. इससे पारदर्शिता और निगरानी में बेहतर सुधार देखा गया है.
बैठक में नांदी फाउंडेशन और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसे निजी संस्थानों के साथ हुए समझौतों की जानकारी भी दी गई, जिनके माध्यम से राज्य में गुणवत्ता आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं.
बैठक में ‘कौशल तिहार 2025’ के आयोजन की रूपरेखा भी प्रस्तुत की गई. यह प्रतियोगिता जिला और राज्य स्तर पर दो चरणों में आयोजित की जाएगी, जिसमें दो आयु वर्गों — 22 वर्ष से कम और 22 वर्ष से अधिक — के प्रतिभागी भाग लेंगे.
हर जिले से हर ट्रेड व आयु वर्ग के दो विजेताओं का चयन किया जाएगा, जो राज्य स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे. विजेताओं को पुरस्कार, ट्रॉफी और रोजगार के अवसर दिए जाएंगे. इसके बाद उन्हें इंडिया स्किल्स 2025 की क्षेत्रीय व राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जाएगा. वहीं से चुने गए प्रतिभागी वर्ल्ड स्किल्स 2026 (शंघाई, चीन) में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “कौशल विकास योजनाओं को केवल आंकड़ों की दृष्टि से नहीं, बल्कि युवाओं की आजीविका, आत्मनिर्भरता और भविष्य को सशक्त करने के नजरिए से देखा जाना चाहिए.”
इस अवसर पर वन एवं कौशल विकास मंत्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, कौशल विकास विभाग के सचिव एस. भारतीदासन, तथा छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास अभिकरण (CSDA) के सीईओ विजय दयाराम के समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.