रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नई दिल्ली में केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री चिराग पासवान से मुलाकात की. इस दौरान छत्तीसगढ़ से जुड़े कई जनहित मुद्दों, खासकर खाद्य सुरक्षा, कृषि-आधारित उद्योगों और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर पर विस्तार से चर्चा हुई.
मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ में NIFTEM (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी, एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट) की स्थापना का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि यह संस्थान राज्य के युवाओं को आधुनिक फूड टेक्नोलॉजी और उद्यमिता से जुड़े उच्चस्तरीय प्रशिक्षण का अवसर देगा.
साय ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ एक सशक्त राज्य है और ऐसे संस्थान से हजारों छात्र, किसान और फूड-आधारित उद्योग प्रत्यक्ष लाभान्वित होंगे.
इस प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और कहा कि वे इस दिशा में हर संभव सहयोग करेंगे.
बैठक में मुख्यमंत्री ने रायपुर में वर्ल्ड फूड इंडिया के रीजनल समिट के आयोजन का भी सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि रायपुर की समृद्ध खाद्य परंपरा, अच्छी कनेक्टिविटी और सांस्कृतिक विविधता इसे ऐसा आयोजन करने के लिए आदर्श बनाती है. साय ने कहा कि यह आयोजन दिल्ली के वर्ल्ड फूड इंडिया या गुवाहाटी के नॉर्थ ईस्ट फूड फेस्ट की तर्ज पर हर दो वर्ष में किया जा सकता है, जिससे क्षेत्रीय व्यंजनों को वैश्विक पहचान मिलेगी और नए फूड-आधारित उद्यमों को बढ़ावा मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में खाद्य वस्तुओं की जांच के लिए फूड टेस्टिंग लैब और खाद्य उत्पादों को सुरक्षित रखने के लिए फूड इर्रेडिएशन यूनिट स्थापित की जानी है, जिसके लिए केंद्र से सहायता मांगी गई है.
उन्होंने कहा कि धान और फल-सब्जी आधारित उद्योगों में निवेश बढ़ने से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे.
साय ने बताया कि नई औद्योगिक नीति में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है और निवेशकों को कई अतिरिक्त प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं. इसी नीति के तहत Drools कंपनी ने छत्तीसगढ़ में ₹1,000 करोड़ का निवेश करने का निर्णय लिया है, जिससे करीब 3,000 लोगों को रोजगार मिलेगा और इसका फायदा ग्रामीण व आदिवासी समुदायों को होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ को राइस ब्रान ऑयल हब के रूप में विकसित करने का लक्ष्य है. इससे तेल आयात पर निर्भरता कम होगी और आत्मनिर्भर भारत के मिशन को मजबूती मिलेगी. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ और विकसित भारत 2047 का लक्ष्य उन्हीं योजनाओं और निवेशों के जरिए पूरा होगा.
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव राहुल भगत और इन्वेस्टमेंट कमिश्नर रितु सेन भी उपस्थित थे.
