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Wednesday, 17 December, 2025
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बोधगया के महाबोधि मंदिर में सीएम नीतीश कुमार ने की पूजा-अर्चना

उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2023 में कराए गए जाति आधारित और सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण में 94 लाख परिवारों की पहचान की गई है, जिन्हें रोजगार योजनाओं में प्राथमिकता दी जाएगी और आवश्यकता के अनुसार अतिरिक्त आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी.

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गया जी (बिहार): बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना की. बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जिन्हें ‘विकास पुरुष’ के नाम से जाना जाता है, महाबोधि मंदिर पहुंचे. यह बिहार में नई सरकार के गठन के बाद उनकी पहली बोधगया यात्रा थी.

अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बिहार में शांति और विकास के लिए प्रार्थना की. उन्होंने बोधि वृक्ष के नीचे भी पूजा में भाग लिया और कहा कि भगवान बुद्ध का संदेश कभी भुलाया नहीं जा सकता, क्योंकि आज पूरी दुनिया को शांति की आवश्यकता है और भगवान बुद्ध का संदेश विश्वभर में प्रासंगिक है.

इससे पहले मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में ‘7 निश्चय-3’ कार्यक्रम की घोषणा की थी. यह इस योजना का तीसरा चरण है. ‘7 निश्चय’ का पहला चरण वर्ष 2015 से 2020 के बीच पूरा किया गया था, जबकि ‘7 निश्चय-2’ वर्ष 2020 से 2025 के दौरान लागू रहा.

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि 24 नवंबर 2005 को उनकी सरकार बनने के बाद से राज्य में कानून का राज स्थापित हुआ है और लगातार 20 वर्षों से सभी क्षेत्रों और सभी वर्गों के विकास के लिए काम किया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य में सुशासन के तहत ‘7 निश्चय’ (2015-2020) और ‘7 निश्चय-2’ (2020-2025) कार्यक्रमों के माध्यम से न्याय के साथ विकास से जुड़े लक्ष्य हासिल किए गए हैं और अब बिहार को सबसे विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल करने के लिए ‘7 निश्चय-3’ कार्यक्रम लागू करने का निर्णय लिया गया है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने योजना के सात प्रमुख संकल्पों का भी उल्लेख किया. पहला संकल्प ‘डबल रोजगार’ है, जिसका उद्देश्य राज्य की औसत प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करना है. इसके लिए कई कार्यक्रम और योजनाएं लागू की गई हैं. उन्होंने लिखा कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत राज्य की महिलाओं को स्वरोजगार के लिए 10,000 रुपये की सहायता दी जा रही है और इस योजना के लाभार्थियों को रोजगार विस्तार के लिए 2 लाख रुपये तक की मदद मिलेगी.

उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2023 में कराए गए जाति आधारित और सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण में 94 लाख परिवारों की पहचान की गई है, जिन्हें रोजगार योजनाओं में प्राथमिकता दी जाएगी और आवश्यकता के अनुसार अतिरिक्त आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी.

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