देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को राज्य के पहले मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय नित्यानंद स्वामी की जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की और राज्य के निर्माण व प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने में उनकी अहम भूमिका को याद किया.
मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के अनुसार, मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि नित्यानंद स्वामी के नेतृत्व में उत्तराखंड की प्रशासनिक नींव एक बेहद महत्वपूर्ण समय पर सुदृढ़ हुई. उन्होंने कहा कि स्वामी जी का जीवन समाज और राष्ट्र के प्रति समर्पण का प्रेरणादायक उदाहरण है, जो नैतिक मूल्यों और जनकल्याण के प्रति गहरी प्रतिबद्धता पर आधारित था. मुख्यमंत्री ने कहा कि नित्यानंद स्वामी का योगदान आज भी राज्य के शासन और विकास की दिशा को मार्गदर्शन देता है.
शासकीय आवास पर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी जी की जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
उनके नेतृत्व में नवगठित राज्य की प्रशासनिक नींव सुदृढ़ हुई और सुशासन की स्पष्ट दिशा तय हुई। उनका सम्पूर्ण जीवन समाज और राष्ट्रसेवा के… pic.twitter.com/Kb8F8iqqEO
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) December 27, 2025
देवभूमि उत्तराखंड के प्रथम मुख्यमंत्री स्व. नित्यानंद स्वामी जी की जयंती पर कोटिशः नमन।
उनके दूरदर्शी नेतृत्व, सादगी और जनसेवा के प्रति समर्पण ने उत्तराखंड की प्रशासनिक नींव को सुदृढ़ किया। उनका जीवन सार्वजनिक सेवा, नैतिक मूल्यों और लोककल्याण के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रेरक… pic.twitter.com/LF6DKnGjPK
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) December 27, 2025
मुख्यमंत्री धामी ने सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह जी को साहस, बलिदान और अटूट आस्था का प्रतीक बताया.
X पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री ने कहा कि खालसा पंथ के संस्थापक श्री गुरु गोबिंद सिंह जी अपने जीवन और शिक्षाओं के माध्यम से पीढ़ियों को प्रेरित करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि गुरु जी का जीवन मानवता के लिए साहस, सत्य और समर्पण का प्रकाशस्तंभ है, जो यह सिखाता है कि धर्म का असली अर्थ अन्याय के खिलाफ निर्भीक होकर खड़े होना है.
साहस, बलिदान और धर्मनिष्ठा के पर्याय, खालसा पंथ के संस्थापक एवं सिख पंथ के 10वें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर कोटिशः नमन।
श्री गुरु गोविंद सिंह जी का जीवन चरित्र संपूर्ण मानवता के लिए साहस, सत्य और समर्पण का प्रतीक है। उनकी शौर्यगाथा यह शिक्षा देती है कि धर्म… pic.twitter.com/BZFcd5cZVJ
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इससे पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने देहरादून के गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में ‘वीर बाल दिवस’ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में भाग लिया. इसके अलावा उन्होंने नैनीताल के मल्लीताल स्थित एक गुरुद्वारे में भी दर्शन किए. इन अवसरों पर मुख्यमंत्री ने मत्था टेका, लंगर में सहभागिता की और संगत के साथ अरदास में शामिल होकर राज्य की शांति, समृद्धि और जनकल्याण की कामना की.
शाम को मुख्यमंत्री धामी ने अपने परिवार के साथ राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) से शिष्टाचार भेंट की. इस दौरान वीर बाल दिवस के महत्व और गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों की अद्वितीय वीरता व सर्वोच्च बलिदान पर चर्चा हुई. राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को सिख इतिहास और परंपराओं से जुड़ी पुस्तकें भी भेंट कीं.
लोकभवन, देहरादून में माननीय राज्यपाल @LtGenGurmit जी (से. नि.) से सपरिवार भेंट की। इस दौरान वीर बाल दिवस के अवसर पर श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के वीर साहिबजादों के अद्वितीय शौर्य और सर्वोच्च बलिदान का श्रद्धापूर्वक स्मरण किया।
साथ ही राज्यपाल महोदय ने सिख पंथ के गौरवशाली इतिहास… pic.twitter.com/7vjnavg7Ix
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) December 26, 2025
