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Tuesday, 22 July, 2025
होमरिपोर्टकेंद्र ने LS को बताया: 2023 से 1.48 करोड़ से अधिक महिलाएं बनीं ‘लखपति दीदी’; योजना के लिए अलग बजट नहीं

केंद्र ने LS को बताया: 2023 से 1.48 करोड़ से अधिक महिलाएं बनीं ‘लखपति दीदी’; योजना के लिए अलग बजट नहीं

‘लखपति दीदी’ पहल का उद्देश्य है कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं इतनी सशक्त बनें कि वे हर महीने कम से कम 10,000 हज़ार की स्थायी आय अर्जित कर सकें.

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नई दिल्ली: ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि देशभर में 1.48 करोड़ से अधिक महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं, जो सालाना एक लाख रुपये या उससे अधिक की आय कमा रही हैं. यह उपलब्धि सरकार की प्रमुख ग्रामीण पहल के तहत हासिल हुई है.

यह ग्रामीण विकास मंत्रालय ने जदयू सांसद गिरीधारी यादव, दिनेश चंद्र यादव और लवली आनंद द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में बताया.

यह योजना दीनदयाल अंत्योदय योजना–राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के तहत चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य गरीब ग्रामीण परिवारों को स्वयं सहायता समूहों (SHGs) में संगठित कर उनकी वित्तीय और सामाजिक समावेशन के लिए आवश्यक ढांचा और सहायता उपलब्ध कराना है.

क्या है ‘लखपति दीदी’ योजना?

‘लखपति दीदी’ पहल का लक्ष्य है कि SHG की महिलाएं इतनी सक्षम हों कि वे हर महीने कम से कम 10,000 हज़ार की नियमित और टिकाऊ आय अर्जित कर सकें — यानी सालाना एक लाख रुपये. यह कमाई कम से कम चार खेती के मौसम या बिज़नेस के समय तक बनी रहनी चाहिए, ताकि यह लंबे समय तक चलने वाली और भरोसेमंद आमदनी बन सके.

यह योजना सिर्फ पैसों की मदद देने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मकसद महिलाओं में बिज़नेस करने की समझ बढ़ाना, पैसे संभालना सिखाना और उन्हें सरकार की दूसरी योजनाओं से जोड़ना भी है. उन्हें ट्रेनिंग, गाइड करने वाले मेंटर, काम सिखाने और लगातार मदद देने जैसे काम इस योजना का अहम हिस्सा हैं.

गौर करने वाली बात यह है कि योजना SHG समूहों के बजाय व्यक्तिगत महिलाओं पर केंद्रित है. हालांकि, SHGs, गांव स्तरीय संगठन (VOs) और क्लस्टर लेवल फेडरेशन (CLFs) इस योजना को जमीनी स्तर पर लागू करने और निगरानी में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं.

ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार, अब तक देशभर में कुल 1,48,32,258 महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं.

किन राज्यों ने किया बेहतरीन प्रदर्शन?

महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 22,69,981 महिलाएं लखपति दीदी बनी हैं. इसके बाद आंध्र प्रदेश में 17,41,362, बिहार में 14.47 लाख से अधिक, मध्य प्रदेश में 12.84 लाख से ज्यादा और पश्चिम बंगाल में 11.59 लाख से अधिक महिलाओं ने यह उपलब्धि हासिल की है. इसके अलावा ओड़िशा में 7.80 लाख, गुजरात में 6.06 लाख, उत्तर प्रदेश में 11.15 लाख और छत्तीसगढ़ में 4.32 लाख महिलाएं इस योजना के तहत लखपति दीदी बनी हैं.

छोटे राज्य और पहाड़ी इलाकों में भी असरदार पहल: लद्दाख में 51,736, त्रिपुरा में 61,478, और हिमाचल प्रदेश में 82,176 महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बनी हैं. यह दिखाता है कि योजना छोटे राज्यों और दुर्गम इलाकों में भी सफलता से लागू हो रही है.

‘लखपति दीदी’ के लिए अलग बजट नहीं

सरकार ने स्पष्ट किया कि इस योजना के लिए कोई अलग बजट नहीं रखा गया है. इसका पूरा वित्तीय प्रावधान दीनदयाल अंत्योदय योजना–NRLM के अंतर्गत किया जाता है, जिसमें प्रशिक्षण, बीज पूंजी और आवश्यक ढांचे की सुविधा शामिल है.

वित्त वर्ष 2025-26 में NRLM के तहत कुल केंद्रीय आवंटन 13,60,875 लाख रुपये है, जिसमें से 30 जून 2025 तक 1,79,386 लाख रुपये राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किए जा चुके हैं.

इस योजना के तहत विभिन्न राज्यों को बड़ी धनराशि आवंटित की गई है. उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक 2,43,100 लाख रुपये मिले हैं. बिहार को 1,68,858 लाख रुपये आवंटित हुए हैं, जिनमें से 42,214 लाख रुपये जारी किए जा चुके हैं. महाराष्ट्र को 1,05,957 लाख रुपये मिले हैं और इसमें से 26,489 लाख रुपये जारी किए गए हैं. ओडिशा को 81,188 लाख रुपये में से 20,297 लाख रुपये और पश्चिम बंगाल को 90,224 लाख रुपये में से 22,556 लाख रुपये की राशि जारी हो चुकी है.

राजस्थान को 40,701 लाख रुपये और पंजाब को 7,639 लाख रुपये मिले हैं, जिनमें से पंजाब को 1,909 लाख रुपये जारी किए गए हैं.

‘लखपति दीदी’ योजना केवल एक आर्थिक पहल नहीं है — यह ग्रामीण भारत की महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता, औपचारिक क्रेडिट की पहुंच और उद्यमशीलता की मान्यता दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. लंबे समय तक जिन महिलाओं को घर की चारदीवारी तक सीमित समझा जाता था, वे अब लाखों की आय अर्जित कर रही हैं और दूसरों के लिए प्रेरणा बन रही हैं.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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