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Friday, 22 November, 2024
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कोटा में फंसे छात्रों के लिए बसें भेजने पर विपक्ष की आंखों के तारा बने योगी, कांग्रेस, बीएसपी बोली- अब मजदूरों को भी लाओ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राजस्थान के कोटा में फंसे अपने राज्य के 7000 हजार छात्रों के लिए बसें भेजीं. योगी के इस कदम की विपक्षी दलों ने भी तारीफ की है.

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राजस्थान के कोटा में फंसे अपने राज्य के 7000 हजार छात्रों के लिए बसें भेजीं. योगी की इस कदम की उत्तर प्रदेश में काफी तारीफ हो रही है. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने योगी के इस कदम की सराहना करते हुए जहां दो ट्वीट किए वहीं कांग्रेस नेता जितिन ने अपने इस पत्र में कोटा में फंसे बच्चों को लाए जाने के सरकार के फैसले की सराहना की है लेकिन ये भी कहा है कि अन्य शहर में फंसे लोगों के बारे में भी सोचना चाहिए. इसके लिए लखनऊ में कंट्रोल रूम सेट-अप होना चाहिए. वहीं कितने प्रवासी कहां हैं इसको लेकर भी डाटा तैयार करना चाहिए.

योगी आदित्यनाथ ने कोरोनावायरस संक्रमण के बीच कोटा में फंसे यूपी के हजारों छात्रों की मांग पर 250 बसें भेजने की योजना बनाई. जिसमें से 100 बसें पहुंची भी और छात्रों को लेकर आ भी चुकी हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वहां लॉकडाउन के कारण फंसे छात्रों को वापस लाने के निर्देश दिए हैं. परिवहन विभाग की ओर से इटावा, मैनपुरी, औरेया, अलीगढ़ और आगरा से लगभग 250 बसों को रवाना किया गया था.


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जितिन प्रसाद ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आग्रह किया कि लॉकडाउन (बंद) के चलते देश के विभिन्न राज्यों में फंसे उप्र के लोगों को वापस लाने की व्यवस्था की जाए. उन्होंने यह मांग भी कि है कि सरकार दूसरे राज्यों में फंसे प्रदेशवासियों की मदद के लिए लखनऊ में नियंत्रण कक्ष स्थापित करे. मायावती ने भी ऐसी ही मांग की है, उन्होंने भी राज्य सरकार से कहा है कि प्रवासी मजदूरों को लेकर भी यह कदम उठाए जाएं, मायावती अपने ट्विटर हैंडल पर लिखती हैं,’ सरकार से यह भी आग्रह है कि वह ऐसी चिन्ता यहां के उन लाखों ग़रीब प्रवासी मज़दूर परिवारों के लिए भी ज़रूर दिखाये, जिन्हें अभी तक भी उनके घर से दूर नारकीय जीवन जीने को मजबूर किया जा रहा है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा, ‘एक तरफ पेट की आग लोगों को परेशान कर रही है और दूसरी तरफ इस विषम परिस्थिति में वे अपनों के बीच न होने के कारण और भी ज्यादा हताश-परेशान हैं.’ उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया, ‘तहसील/ब्लाक स्तर पर उन इलाकों का सर्वेक्षण(मैपिंग) करवाया जाए जहां के ये लोग स्थायी निवासी हैं और पता लगाया जाए कि देश के किन हिस्सों में ये फंसे हुए हैं.’

 

प्रसाद ने कहा, ‘ इसके लिए एक नियंत्रण कक्ष लखनऊ में स्थापित करना व्यावाहरिक होगा और उसके नंबर का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोग और उनके परिजन संपर्क कर सकें.’ कांग्रेस नेता ने कहा कि इन लोगों की प्रदेश में वापसी के साथ ही उनके स्वास्थ्य की जांच और पृथक वास के लिए व्यवस्था कराने की जरूरत है.

बता दें कि इससे पहले जब दिल्ली के आनंद बिहार के पास हजारों की संख्या में मजदूर एकत्रित हुए थे तब योगी ने ही उन सभी को उनके राज्यों और शहरों के बॉर्डर तक भिजवाने के लिए बसों का इंतजाम किया था.और सैंकड़ों बसें चलवाकर उन्होंने बिहार, राजस्थान और यूपी के मजदूरों को उनके घरों के आस-पास तक पहुंचाने का काम किया था.

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