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Saturday, 21 December, 2024
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उन्नाव कांड के हंगामे के बीच कैसे बीता सीएम योगी का पूरा सप्ताह

विपक्ष का आरोप अयोध्या गए, गोरखपुर गए लेकिन लखनऊ में रहकर भी पीड़िता को अभी तक देखने नहीं जा पाए सीएम योगी.

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लखनऊ: पिछले छह दिनों से पूरे देश भर में उन्नाव कांड की चर्चा है. हर ओर से पीड़िता को इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में कई सख्त निर्देश दिए. फिर काफी फजीहत होने के बाद बीजेपी ने भी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निकालने की घोषणा कर दी. इस बीच विपक्ष ने सवाल उठाया कि सीएम योगी पीड़िता को देखने अभी तक क्यों नहीं पहुंचे. ऐसे में हमने पड़ताल करते हुए सीएम योगी व सीएम ऑफिस के ट्वीटर टाइमलाइन व कार्यक्रम शेड्यूल पर नजर डाली तो पाया कि उन्होंने ट्रिपल तलाक, अयोध्या व दूसरे मुद्दों पर तो अपनी बात रखी लेकिन पीड़िता को लेकर न कोई बयान आया और न ही वह खुद अभी तक मिलने गए.

विपक्ष ने उठाए सवाल

कांग्रेस विधायक दल के नेता अजय लल्लू ने सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘सेंगर को सरकार की ओर से संरक्षण दिया जा रहा था तभी इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया गया. वहीं मुख्यमंत्री को एक हफ्ते में इतना टाइम भी नहीं मिला कि वह जिंदगी-मौत के बीच जंग लड़ रही पीड़िता को देखने चले जाएं.’

वहीं सपा एमएलसी सुनील सिंह साजन का कहना है, ‘मुख्यमंत्री ने शुरुआत से पीड़ित परिवार की मदद की होती तो ऐसा होता ही नहीं. वह तो अभी तक पीड़िता को देखने जाने का वक्त भी नहीं निकाल पाए हैं.गोरखपुर गए, अयोध्या गए लेकिन अभी पीड़िता को देखने लखनऊ मेॆ ही नहीं गए.’

घटना के बाद से सीएम योगी का शेड्यूल

उन्नाव मामले की पीड़िता के साथ बीते रविवार ये हादसा हुआ जब वह अपने रिश्तेदार व वकील के साथ के साथ चाचा से मिलने रायबरेली जेल जा रही थी. इस दौरान पीड़िता की गाड़ी को ट्रक ने टक्कर मार दी जिसके बाद से वह लखनऊ के ट्रामा सेंटर में भर्ती है. जिस दिन ये हादसा हुआ उस दिन लखनऊ में इन्वेस्टर समिट की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी थी. वहीं अगले दिन पूर्व राज्यपाल राम नाईक की विदाई का समारोह व नई राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का स्वागत कार्यक्रम था. लिहाजा सीएम योगी उसमें व्यस्त रहे. सीएम ऑफिस के ट्वीटर हैंडल पर इसकी तस्वीरें भी साझा की गईं हैं.

सीएम नई राज्यपाल से मिलने उनके आवास भी गए

30 जुलाई को सीएम योगी की ओर से महराजगंज के थाना-फरेन्दा के ग्राम-चिलवारी में करंट लगने से 5 लोगों के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया गया. इसका ट्वीट भी टाइमलाइन पर मौजूद है. वहीं तब तक उन्नाव कांड की चर्चा देश भर में शुरू हो चुकी थी.

इस बीच लखनऊ स्थित लोक भवन मीडिया सेंटर में एडीजी लखनऊ राजीव कृष्ण और आईजी लखनऊ एस के भगत की प्रेस कांफ्रेंस हुई जिसे सीएम ऑफिस के हैंडल से भी ट्वीट किया गया.

अगले दिन पीड़िता के परिजन धरने पर बैठ गए.

यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव व कांग्रेस के तमाम नेता पीड़िता को देखने पहुंच चुके थे. काफी समझाने के बाद पीड़िता के परिजन माने. इसके बाद यूपी डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और फिर सरकार की मंत्री स्वाति सिंह भी पीड़िता का हालचाल लेने पहुंचीं. परिजनों को इंतजार सीएम योगी का भी था. वह अस्पताल में रो-रो कर कह रहे थे कि अब उनकी कोई सुनने वाला नहीं रहा.

ट्रिपल तलाक पर महिला सशक्तिकरण की बात कही

इस बीच राज्यसभा में ट्रिपल तलाक बिल पास हो गया जिसको लेकर सीएम योगी ने एक न्यूज़ एजेंसी को बाइट दी और महिला सशक्तिकरण से जुड़े कई ट्वीट भी किए.

अपने बयान में उन्होंने नारी गरिमा और सम्मान का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि महिला और पुरुष के बीच में किसी प्रकार का भेदभाव न हो, भारतीय संविधान में जाति, मत, मजहब, लिंग या किसी भी अन्य आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव के लिए कोई स्थान नहीं.

अगले दिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फटकार लगाते हुए कई सख्त निर्देश दे दिए जिसके बाद आनन फानन में बीजेपी की ओर से सेंगर को पार्टी से निकाले जाने की घोषणा हुई.

इस बीच कोरियाई डेलीगेशन से मुलाकात की और फिर गुरुवार 1 अगस्त को गोरखपुर रवाना हो गए.

सीएम योगी ने गोरखपुर में तमाम कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और गोरखधाम मंदिर में रात्रि विश्राम किया. गोरखपुर में इस मामले पर मीडिया से उन्होंने कोई बात नहीं की.

अगले दिन2 अगस्त को  सुल्तानपुर में हुए एक सड़क हादसे में मारे गए 2 पुलिस उपनिरक्षकों पर दुख जताया व घायलों का ठीक से इलाज कराने के निर्देश दिए. शुक्रवार को उन्होंने रूस भ्रमण से संबंधित एक बैठक में हिस्सा लिया और शनिवार यानि आज वह आयोध्या रवाना हो गए. अयोध्या में उन्होंने भगवान श्रीराम की बन रही सबसे ऊंची प्रतिमा के प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया.

इस मौके पर उन्होंने राम मंदिर मुद्दे पर कहा, ‘हम पहले से जानते थे मंदिर मस्जिद केस को सुलझाने में मध्यस्थता की कोशिश बेकार होंगी. पहले भी मध्यस्थता की कोशिशें नाकाम रहीं.’

पत्रकारों की कोशिशों के बावजूद उन्नाव मामले में वह कुछ भी बोलने से बचते दिखाई दिए.

महिला सांसदों की चुप्पी पर भी सवाल

सोशल मीडिया पर इस मामले में बीजेपी की महिला नेताओं की चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं.

बीजेपी में स्मृति ईरानी, हेमा मालिनी, रीता जोशी समेत आठ महिला सांसद यूपी से हैं. किसी भी ओर से इस मामले में फिलहाल कोई प्रतिक्रिया अभी नहीं आई है.

ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि जब सूबे के सरदार और सरकार में महिला प्रतिनिधि जो बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का नारा लगाती रहती है वही बेटियों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार पर चुप्पी साध लेगी तब बेटियां कैसे आगे बढ़ेंगी.

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