scorecardresearch
Monday, 7 October, 2024
होमराजनीतिपहले ही चुनाव में येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र शिकारीपुरा सीट पर जीते

पहले ही चुनाव में येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र शिकारीपुरा सीट पर जीते

येदियुरप्पा के गढ़ में, राज्य भाजपा उपाध्यक्ष विजयेंद्र ने अपने प्रतिद्वंद्वी, निर्दलीय उम्मीदवार एस.पी. नागराज गौड़ा को 10,000 से अधिक मतों से हराया.

Text Size:

नई दिल्लीः कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और लिंगायत नेता बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र शिकारीपुरा सीट से जीत गए हैं. ये सीट पिछले 40 साल से उनके पिता का गढ़ रहा है.

अपने पहले चुनाव में, विजयेंद्र, जो राज्य भाजपा उपाध्यक्ष हैं, ने निर्दलीय उम्मीदवार एसपी नागराज गौड़ा को 10,000 से अधिक मतों से हराया. विजयेंद्र को 81,810 और गौड़ा को 70,802 वोट मिले.

येदियुरप्पा, या बीएसवाई के कारण भाजपा का गढ़, शिकारीपुरा राज्य की एकमात्र विधानसभा सीट है जिसे भाजपा ने 1983 के बाद से लगभग लगातार जीता है, इस पर केवल दो बार बीजेपी हार हुई है – पहली बार 1999 में, जब कांग्रेस उम्मीदवार बी.एन. महालिंगप्पा जीते थे और दूसरी बार 2013 में, जब पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा से नाता तोड़कर अपनी पार्टी कर्नाटक जनता पक्ष बना ली थी और अपनी ही पार्टी से ये सीट उन्होंने जीत ली थी.

इस बीच, येदियुरप्पा के छोटे बेटे बी.वाई. राघवेंद्र – वर्तमान में शिमोगा (शिवमोग्गा) निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा में एक भाजपा सांसद – ने भी 2014 के उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में इस सीट से जीत दर्ज की थी.

इस चुनाव में, येदियुरप्पा ने अपने दूसरे बेटे, 49 वर्षीय विजयेंद्र के लिए रास्ता खोलने के लिए खुद को चुनावी दौड़ से बाहर रखा, और शुरू में अनिच्छुक भाजपा आलाकमान ने आखिरकार लिंगायत के स्ट्रॉन्गमैन के आगे घुटने टेक दिए.

जब उम्मीदवार के रूप में उनके नाम की घोषणा की गई थी, तो विजयेंद्र ने सीट से चुनाव लड़ने की खुशी व्यक्त की थी, लेकिन साथ ही यह भी कहा था कि “यह कहना गलत होगा कि उन्हें टिकट दिया गया क्योंकि वह बीएस येदियुरप्पा के बेटे हैं”.

वरुणा या शिकारीपुरा – चुनाव से पहले अटकलें

पेशे से वकील, विजयेंद्र भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) की कर्नाटक इकाई के महासचिव के रूप में सेवारत थे, जब उन्हें जुलाई 2020 में भाजपा की कर्नाटक इकाई का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ेंः कर्नाटक चुनाव नतीजे: कांग्रेस हेड क्वार्टर पर हनुमान बन कर पहुंचा कार्यकर्ता, बंटने लगे मोतीचूर के लड्डू


 

share & View comments