मुंबई: स्थानीय लोगों के लिए नौकरियां, खनन पर आश्रित लोगों के लिए सब्सिडी, मुफ्त बिजली, मुफ्त तीर्थयात्रा और गोवा के सबसे प्रभावशाली समुदाय से मुख्यमंत्री पद का चेहरा. गोवा में आम आदमी पार्टी (आप) के चुनाव अभियान की ये मुख्य बिंदु हैं.
फरवरी 2022 में निर्धारित राज्य विधानसभा चुनाव से तीन महीने पहले, अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी खुद को चुनाव का नैरेटिव निर्धारित करने वाले और वर्तमान में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एकमात्र विकल्प के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है. इसकी रणनीति में लोकलुभावन वादे और देशीयतावाद (नेटिविज़म) का पुट और साथ ही धर्म एवं जाति के समीकरणों को साधने का प्रयास भी शामिल है.
गोवा में आप के संयोजक राहुल म्हाम्ब्रे ने दिप्रिंट को बताया, ‘अरविंद केजरीवाल ने गोवा के लोगों को कुछ गारंटी दी है कि जिन्हें वह अगर आप सत्ता में आई तो जरूर पूरा करेंगे. जब भी केजरीवाल कोई वादा करते हैं, तो गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत उसकी नकल कर लेते हैं और कुछ न कुछ घोषणा करते हैं. इसलिए हम कह रहे हैं कि आप ही नैरेटिव तय कर रही है.’
हालांकि, म्हाम्ब्रे ने इन आशंकाओं को खारिज कर दिया कि आप के वादे लोकलुभावन हैं या फिर पार्टी जाति की राजनीति में लिप्त है.
उन्होंने कहा, ‘हमारे पास गोवा में लोगों को दिखाने के लिए दिल्ली मॉडल है. इतने सारे तथाकथित मुफ्त उपहारों को उपलब्ध कराने के बाद भी दिल्ली के पास अपना बजट अधिशेष (सरप्लस) है. इसलिए हम केवल लोकलुभावन वादे नहीं कर रहे हैं. हम उन्हीं चीजों की बात कर रहे हैं जिन्हें व्यावहारिक रूप से लागू किया जा सकता है. और अगर हम सभी को आगे ले जाने में विश्वास करते हैं तो फिर यह जाति की राजनीति तो नहीं है.’
‘केजरीवाल की गारंटी’
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल अब तक आप के प्रचार के सिलसिले में चार बार गोवा का दौरा कर चुके हैं, और उन्होंने अपनी प्रत्येक यात्रा के अवसर पर एक वादा किया है जिसे उनकी पार्टी सोशल मीडिया पर केजरीवाल की गारंटी के रूप में प्रचारित करती है.
आप ने गोवा में 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली, किसानों को मुफ्त बिजली और निर्बाध बिजली आपूर्ति का वादा किया है.
इसी तरह, पार्टी ने निजी क्षेत्र सहित सभी नौकरियों में स्थानीय गोवावासियों के लिए 80 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने का वादा किया है. इसके अलावा, केजरीवाल ने प्रत्येक परिवार के कम-से-कम एक बेरोजगार सदस्य को सरकारी नौकरी देने के साथ-साथ बेरोजगार युवाओं के लिए 3,000 रुपये का मासिक भत्ता देने का वादा किया है, जो उन्हें तब तक मिलेगा जब तक उन्हें काम नहीं मिल जाता.
आप ने छह महीने के भीतर लौह अयस्क खनन फिर से शुरू करने और तब तक इस उद्योग पर निर्भर लोगों को मासिक भत्ता देने का भी वादा किया है. यह उद्योग न्यायमूर्ति एम.बी. शाह आयोग द्वारा 2012 में अवैध खनन पर अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने से पूर्व गोवा के लिए एक प्रमुख रोजगार प्रदाता और राजस्व उत्पन्न करने वाला उद्योग था. सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के बाद, वर्तमान में किसी भी संस्था के पास इस राज्य में लौह अयस्क खनन हेतु वैध लाइसेंस नहीं है.
इसके अतिरिक्त, पार्टी ने यह भी कहा है कि एक वह निगम स्थापित करेगी, जिसमें ऑटो रिक्शा और टैक्सी चालकों को पदाधिकारियों के रूप में शामिल किया जायेगा और जो उन्हें प्रभावित करने वाले सभी मामलों पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा.
एक और वादा ‘तीर्थ यात्रा योजना’ है, जिसके तहत पार्टी ने सभी हिंदुओं के लिए अयोध्या, कैथोलिकों को तमिलनाडु में वेलंकन्नी और सभी मुस्लिमों के लिए राजस्थान स्थित अजमेर शरीफ की तीर्थयात्रा प्रायोजित करने का वादा किया है.
पार्टी इस बात पर जोर देते हुए कहती है कि ये सिर्फ चुनावी हथकंडे नहीं बल्कि व्यावहारिक योजनाएं हैं और दिल्ली में मुफ्त बिजली एवं तीर्थयात्रा योजनाएं पहले से ही एक वास्तविकता बन चुकी हैं.
उदाहरण के लिए, पार्टी सूत्रों के अनुसार 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की योजना में 87 प्रतिशत घर शामिल किए जायेंगे और राज्य को इस पर अपने 21,000 करोड़ रुपये के बजट से 180 करोड़ रुपये खर्च करने होंगें. आप ने यह भी वादा किया है कि उसका मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भंडारी जाति का नेता होगा, जो अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय (ओबीसी) के अंतर्गत आता है, और साथ ही इसने एक कैथोलिक चेहरे को उपमुख्यमंत्री के लिए अपना उम्मीदवार बनाने का भी वादा किया है.
आप नेताओं के अनुसार, गोवा में भंडारी समुदाय सबसे अधिक प्रभावशाली जातीय समूह है जो यहां की कुल ओबीसी आबादी का लगभग 60 प्रतिशत है. उन्होंने यह भी कहा कि कुल मिलाकर राज्य के मतदाताओं में ओबीसी मतदाताओं की संख्या लगभग 30 प्रतिशत है.
म्हाम्ब्रे ने कहा, ‘अब तक, आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होने के बावजूद भंडारियों को अपने समुदाय से केवल एक मुख्यमंत्री मिला है. हम मानते हैं कि इस समुदाय को कभी उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है. यह जाति की राजनीति कतई नहीं है. ऐसा कोई कारण नहीं है कि किसी विशेष समुदाय को छोड़ दिया जाए.’
इस महीने की शुरुआत में, केजरीवाल ने गोवा की अपनी एक यात्रा के दौरान गोमांतक भंडारी समाज, जो भंडारी समुदाय के बीच एक प्रभावशाली संगठन है, के प्रमुख से भी मुलाकात की थी.
केजरीवाल ने गोवा स्थित कई मंदिरों का भी दौरा किया है, और इसके लिए उन्हें कथित तौर पर ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ को बढ़ावा देने वाली आलोचना का भी सामना करना पड़ा है.
यह भी पढ़ेंः
‘असल, नक़ल और बी टीम’
पिछले एक महीने में आप के प्रचार अभियान का एक बड़ा हिस्सा यह दिखाने का प्रयास कर रहा है कि कैसे उसके शासन का संस्करण ‘असली’ है, जबकि भाजपा बस इसकी विभिन्न गारंटियों की नकल ही कर पा रही है.
म्हाम्ब्रे कहते हैं, ‘पहले हमने कहा था कि हम हर घर को रोजगार देंगे. इसके बाद मुख्यमंत्री सावंत ने बयान दिया कि वे 10,000 नौकरियां देंगे. मुख्यमंत्री ने दो साल पहले ही राज्य के बजट में तीर्थयात्रा योजना की घोषणा भी की थी लेकिन इसे कभी लागू नहीं किया गया. हमारी घोषणा के बाद उन्होंने कहा है कि वह एक महीने में इस योजना को शुरू करेंगे.’
आप ने खुद को असली बताते हुए कई मीम्स भी तैयार किये हैं जिनमें भाजपा को ‘सस्ती कॉपी’ और कांग्रेस को ‘भाजपा की बी टीम’ के रूप में दर्शाया गया है. इसमें आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस ने 2017 में अपने पक्ष में दिए गए जनता के फैसले के साथ धोखा किया और इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि कैसे उसके अधिकांश विधायक बाद में भाजपा में शामिल हो गए.
The ruling @BJP4Goa is afraid of AAP in Goa.
Goans will choose original, not the COPYMASTER@DrPramodPSawant #AKinGoa #KejriwalKiGuarantee pic.twitter.com/AUpge2lSha— Aam Aadmi Party Goa (@AAPGoa) November 17, 2021
Dedicated to COPYMASTER @DrPramodPSawant @BJP4Goa #BJPExposedAgain #BJPCongBhaiBhai pic.twitter.com/Oj2lKgUCLG
— Aam Aadmi Party Goa (@AAPGoa) November 11, 2021
Must Watch‼️
Who is the Real B-Team of BJP?@DrPramodPSawant @LambaAlka #BJPCongBhaiBhai pic.twitter.com/mByLJ2tBUI— Aam Aadmi Party Goa (@AAPGoa) November 10, 2021
2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. लेकिन यह बहुमत से थोड़ा कम रह गई थी और भाजपा ने क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन करके सरकार बना ली थी.
इस बीच, भाजपा ने गोवा में अपने शासन मॉडल की नकल करने के लिए आप की कड़ी आलोचना की है, जबकि कांग्रेस ने इस पार्टी द्वारा अपने चुनाव अभियान को ‘मुफ्तखोरी और जाति’ पर आधारित करने के लिए आलोचना की है.
दिप्रिंट से बात करते हुए, बीजेपी गोवा के अध्यक्ष सदानंद शेत तनवड़े ने कहा, ‘आप ने जो भी वादा किया है, वह सब हम गोवा में पहले से कर रहे हैं. लोगों को गोवा बीजेपी पर पूरा भरोसा है. उनका कहना है कि वे एजेंडा तय कर रहे हैं. कैसा एजेंडा? गोवा एक बहुत छोटी जगह है जहां सब लोग जानते हैं कि वास्तव में क्या हो रहा है और वे मुख्यमंत्री सावंत के काम को देख सकते हैं.‘
दूसरी तरफ गोवा कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने दिप्रिंट को बताया, ‘हर पार्टी को अपने अभियान को अपनी इच्छानुसार डिजाइन करने की पूरी स्वतंत्रता है, लेकिन हम केवल उन्हें चीजों का वादा करने में विश्वास करते हैं जिन्हें हम सरकार बनाने के बाद लागू कर सकते हैं. हम जाति के नाम पर कोई वादा नहीं करना चाहते और न ही मुफ्त की चीजों का कोई वादा करना चाहते हैं. हमारी सोच लोगों को वह देना है जो वे चाहते हैं. गोवा के लोगों ने कभी भी मुफ्त बिजली की मांग नहीं की है. उन्होंने प्रदूषण मुक्त होने की मांग की है, और सिर्फ कांग्रेस ही इसके बारे में बात कर रही है.’
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)
यह भी पढ़ेंः गोवा विधानसभा चुनाव में यूथ और नए चेहरों पर कांग्रेस जताएगी भरोसा : गिरीश चोडनकर