चेन्नई: सत्ताधारी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने राज्यसभा के लिए तीन पार्टी सदस्यों को नामित किया है और एक सीट अभिनेता से नेता बने कमल हासन की मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) को दी है. डीएमके के इस समर्थन से कमल हासन पहली बार राज्यसभा में प्रवेश करने जा रहे हैं.
राज्यसभा में डीएमके के तीन सदस्यों—पी. विल्सन, एम.एम. अब्दुल्ला और एम. शंमुगम—समेत डीएमके की सहयोगी पार्टी MDMK के नेता वैको का कार्यकाल इस साल जुलाई तक खत्म हो रहा है.
इसी तरह, AIADMK के सदस्य एन. चंद्रशेखरन और पीएमके के अंबुमणि रामदॉस का कार्यकाल भी लगभग इसी समय खत्म होगा.
इन तीन मौजूदा राज्यसभा सदस्यों में से केवल अधिवक्ता पी. विल्सन, जो डीएमके का कानूनी चेहरा हैं, को दूसरी बार सीट दी गई है। विल्सन के अलावा, डीएमके ने पार्टी की लंबे समय से कार्यकर्ता रहीं कवयित्री सलमा और एस.आर. सिवलिंगम को राज्यसभा के लिए नामित किया है. दोनों को पहली बार राज्यसभा के लिए नामित किया गया है.
डीएमके के प्रवक्ता और पूर्व राज्यसभा सांसद टी.के.एस. एलंगोवन ने कहा कि एमएनएम को दी गई सीट 2024 लोकसभा चुनाव के समय कमल हासन से हुए समझौते के अनुसार दी गई है.
एलंगोवन ने कहा, “कमल की एमएनएम 2024 लोकसभा चुनाव से डीएमके गठबंधन में है. हालांकि, लोकसभा चुनाव में उन्हें कोई सीट नहीं दी गई थी. फिर भी उन्होंने राज्यभर में डीएमके उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया. अब उन्हें राज्यसभा की सीट दी जा रही है.”
डीएमके के एक वरिष्ठ नेता ने दिप्रिंट को बताया कि सीटों का आवंटन समुदायों के प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखकर किया गया है.
“जहां एम.एम. अब्दुल्ला, जो जन्म से मुस्लिम हैं, को दोबारा मौका नहीं दिया गया, वहीं कवयित्री सलमा, जो मुस्लिम भी हैं, को इसके बदले नामित किया गया है. इसी तरह, विल्सन, जो केंद्र सरकार और राज्यपाल के खिलाफ डीएमके की कानूनी लड़ाई के प्रमुख व्यक्ति हैं, ईसाई अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं. इससे हमने ईसाई, मुस्लिम और महिलाओं को प्रतिनिधित्व दिया है,” एक वरिष्ठ डीएमके नेता ने दिप्रिंट को बताया.
26 मई को भारत निर्वाचन आयोग ने घोषणा की कि छह राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव 19 जून को होंगे, और उसी शाम मतगणना होगी. आधिकारिक अधिसूचना 2 जून को जारी की जाएगी और नामांकन भरने की अंतिम तिथि 9 जून है.
डीएमके के 3 उम्मीदवार
सलमा: सलमा उर्फ़ रोकैया मलिक एक मुस्लिम परिवार से हैं और त्रिची जिले के पोनामपट्टी पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं. उन्होंने 2006 में डीएमके की ओर से मरुंगापुरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत नहीं सकीं. वह तमिलनाडु सामाजिक कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.
सलमा अपनी कविताओं और तमिल साहित्य में योगदान के लिए जानी जाती हैं. उनकी रचनाओं का कई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है, जिनमें अर्मेनियाई भाषा भी शामिल है. वह लंबे समय से डीएमके की सदस्य हैं..
पी. विल्सन: वर्तमान सांसद पी. विल्सन 2019 से राज्यसभा के सदस्य हैं और भारत सरकार के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और तमिलनाडु के अतिरिक्त एडवोकेट जनरल के रूप में सेवा दे चुके हैं.
एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में, विल्सन ने भारत सरकार के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और तमिलनाडु के अतिरिक्त एडवोकेट जनरल के रूप में काम किया है. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि की समाधि मरीना बीच पर बनाने के लिए कानूनी लड़ाई में सफलता पाई थी.
एस.आर. सिवलिंगम: सलेम जिले के एक लंबे समय से जमीनी स्तर के डीएमके कार्यकर्ता हैं. वह वर्तमान में पार्टी के सलेम ईस्ट जिले के सचिव हैं और 1989 तथा 1996 में तमिलनाडु विधानसभा के लिए निर्वाचित हो चुके हैं.
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