scorecardresearch
Saturday, 23 November, 2024
होमराजनीति‘ये किसका पैसा है, अडाणी का या किसी और का’, राहुल का केंद्र सरकार पर हमला, बोले- PM इसपर चुप क्यों हैं

‘ये किसका पैसा है, अडाणी का या किसी और का’, राहुल का केंद्र सरकार पर हमला, बोले- PM इसपर चुप क्यों हैं

कांग्रेस नेता ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार जेपीसी की अनुमति क्यों नहीं दे रही. उन्होंने प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि आखिरकार यह पैसा किसका है.

Text Size:

नई दिल्ली: अडाणी मामले पर बात करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. राहुल ने अडाणी मामले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाम बताएं और बताएं कि आखिर चल क्या रहा है.

उन्होंने कहा, “देश में अभी जी20 का माहौल है. जरूरी है कि भारत में आर्थिक परिवेश और कारोबारी क्षेत्र में पारदर्शिता बनी रहे. आज दुनिया भर के अखबारों में एक महत्वपूर्ण खबर छपी. दुनिया के प्रतिष्ठित अखबार द गार्डियन और फाइनेंशियल टाइम्स ने गौतम अडाणी को लेकर खबर छापी है कि अडाणी परिवार से जुड़े व्यक्ति ने विदेशी फंड के जरिए अपने स्टॉक में निवेश किया. इससे अडाणी ग्रुप के शेयरों की कीमते बढ़ी. बाद में इसी पैसे का बंदरगाहों और हवाई अड्डों खरीदने में इस्तेमाल किया गया.”

सरकार जेपीसी क्यों नहीं गठित कर रही

कांग्रेस नेता ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार जेपीसी की अनुमति क्यों नहीं दे रही. उन्होंने कहा, “इसकी गहन जांच होनी चाहिए. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं. प्रधानमंत्री इसकी जांच क्यों नहीं करवा रहे हैं. वे चुप क्यों हैं और जो लोग जिम्मेदार हैं उन्हें सलाखों के पीछे में डाल दिया गया. यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है. इसपर बात होनी चाहिए.”

राहुल गांधी ने कहा, “पहला सवाल यह उठता है कि यह पैसा किसका है. यह पैसे अडाणी के हैं या फिर किसी और के. इसके पीछे विनोद अडाणी नाम का एक मास्टरमाइंड है और वह गौतम अडाणी के भाई हैं. पैसे के हेरा-फेरी में दो अन्य लोग शामिल हैं. नासिर अली शाबान अहली नाम के एक सज्जन है और दूसरे सज्जन है जिनका नाम चांग चुंग लिंग है और वह चीन के हैं. सवाल उठता है कि इन दो विदेशी नागरिकों को उन कंपनियों में से एक के मूल्यांकन के साथ खेलने की अनुमति क्यों दी जा रही है जो लगभग सभी भारतीय बुनियादी ढांचे को नियंत्रित करती है.”


यह भी पढ़ें: ‘एक गोपनीय डायरी और एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी’, अमरमणि त्रिपाठी को सजा दिलाने वाले SHO कौन थे?


 

share & View comments